
भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। देवास जिले की खातेगांव विधानसभा सीट भाजपा के अभेद गढ़ में से एक है। जहां से भाजपा के लिए पूरी तरीके से आसान जीत रहती है। इसे भाजपा का संगठन अपनी सबसे सेफ सीटों में मानकर चलता है। खातेगांव विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा है। इस सीट पर भाजपा के आशीष शर्मा ने साल 2018 में कांग्रेस के ओम पटेल को 7 हजार से अधिक वोटों से मात दी थी। भाजपा लगातार पांच बार से इस सीट पर जीत दर्ज कर रही है। यह सीट भाजपा के लिए आज भी सेफ है।
देवास जिले की खातेगांव विधानसभा सीट 25 साल से प्रदेश में भाजपा के लिए सबसे सुरक्षित सीटों में शामिल मानी जाती है। यहां के युवाओं ने इन 25 सालों में में कांग्रेस का विधायक तक नहीं देखा। यहां हर बार भाजपा जीतती आई है। यह विधानसभा बीते 25 सालों से भाजपा के कब्जे में रही लेकिन इस बार भाजपा को अपने इस गढ़ को बचाने के लिए कड़ी चुनौतियां मिल सकती हैं। लोगों का कहना है कि खातेगांव विधानसभा क्षेत्र में अन्य राजनीतिक दलों के पास मजबूत विकल्प नहीं होने व गुटबाजी की वजह से भाजपा निरंतर जीती है। लेकिन आसमान छूती महंगाई, शिक्षित बेरोजगारी और बढ़ता भ्रष्टाचार सहित अन्य मुद्दों को लेकर अब लोगों में गुस्सा भी बढ़ रहा है। इस बार बदलाव की बयार इस विधानसभा क्षेत्र में देखी जा रही है।
सीट से दावेदार
भाजपा की ओर से पक्के दावेदार आशीष शर्मा हैं। पूरी संभावना है कि इस बार भी भाजपा आशीष पर ही भरोसा जताए। कांग्रेस की ओर से दावेदारी खातेगांव विधानसभा सीट पर काफी बड़ी लाइन लगी हुई है। इस सीट पर कांग्रेस की ओर से पांच नाम हैं। जिनमें मनीष चौधरी, लक्ष्मीनारायण बंडावाला, गौतम बंटू गुर्ज, मनोज होलानी और ओम पटेल जैसे स्थानीय नेता हैं। ये तमाम नेता भाजपा के खिलाफ आए दिन क्षेत्र में मोर्चा खोले रहते हैं। इसलिए पार्टी को काफी मथापच्ची खातेगांव विधानसभा सीट के लिए करनी पड़ सकती है। वहीं कांग्रेस इस बार इस विधानसभा क्षेत्र में जबरदस्त तरीके से मेहनत करती नजर आ रही हैं। कांग्रेस ने जिन चुनिंदा सीटों को अपने पाले में लाने का फैसला किया है, उनमें खातेगांव विधानसभा क्षेत्र भी शामिल है। देखना यह होगा सियासत का ऊंट किस करवट बैठता है। जनता भाजपा या कांग्रेस में से किस पर भरोसा जताती है। लेकिन अभी तक का सियासी सफरनामा देखा जाए तो यहां कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस पर ही लोगों ने भरोसा जताया है। तीसरे को कोई जगह नहीं मिली है। वहीं क्षेत्र में विकास की बात करें, तो हालात कुछ बेहतर दिखाई देते हैं।
जिला बनाने की मांग बनेगी मुद्दा
वर्ष 1998 में कांग्रेस के विधायक कैलाश कुंडल को भाजपा के बृजमोहन धूत ने हराकर इस सीट पर कब्जा जमाया था, तब से खातेगांव विधानसभा सीट भाजपा का गढ़ बन गई है। खातेगांव को जिला बनाने की मांग वर्षों से लंबित है, इसके लिए आंदोलन भी हुए। इसलिए इस बार यह चुनावी मुद्दा हो सकता है। इसके अलावा राजनीतिक महत्वाकांक्षा भी इस बार चुनाव में समीकरण को बदलने में अहम साबित होंगे। खातेगांव विधानसभा सीट से भाजपा के नेता आशीष गोविंद शर्मा विधायक हैं। भाजपा नेता आशीष गोविंद शर्मा ने 2013 के चुनावों में 79968 वोट पाकर जीत दर्ज की थी। वहीं, कांग्रेस के नेता श्याम होलानी को 58251 वोट मिले थे। खातेगांव विधानसभा देवास जिले की सामान्य वर्ग की सीट है। यह सीट लोकसभा क्षेत्र देवास के अंतर्गत आती है। खातेगांव विधानसभा सीट में कुल वोटरों की संख्या 207326 है।
विकास के अपने-अपने दावे
विधानसभा क्षेत्र में विकास को लेकर विधायक आशीष शर्मा का कहना है कि हमने क्षेत्र में विकास को लेकर जबरदस्त काम किया है। सीएम राइज स्कूल से लेकर शहर के विकास, सडक़, पानी, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं को पूरा किया गया। आने वाले समय में रोजगार समेत कई अन्य विषयों पर हम तेजी से काम कर रहे हैं। हमारी पूरी कोशिश है कि क्षेत्र को प्रदेश में नंबर वन विधानसभा के रूप में विकसित करें। इसके लिए जनता हमेशा हम पर प्यार जताती रही है। वहीं अध्यक्ष महिला कांग्रेस देवास ग्रामीण संगीता सुनील यादव का कहना है कि यहां कांग्रेस की पूरी तैयारी है। पूरा भरोसा है कि चुनाव में यह सीट हम जीतेंगे। पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ की 5 योजनाएं नारी सम्मान, 100 यूनिट बिजली फ्री 500 रुपए में गैस सिलेंडर, बेरोजगारी दूर करना प्रभावी हैं। उनसे विधानसभा चुनाव में परिवर्तन आएगा और हम चुनाव लडक़र जीत दर्ज करेंगे।
जातिगत समीकरण
मध्य प्रदेश की खातेगांव तहसील में अनुसूचित जाति (एससी) 14.3 प्रतिशत है, जबकि अनुसूचित जनजाति (एसटी) कुल आबादी का 24.4 प्रतिशत है। लेकिन क्षेत्र में ब्राह्मण बहुल आबादी ही क्षेत्र का सियासी समीकरण तय करती है। यही कारण है कि पिछले कई बार से आशीष शर्मा इस सीट से विधायक चुने जा रहे हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, खातेगांव तहसील के अंतर्गत कुल 4,853 परिवार शहरी क्षेत्रों में रहते हैं, जबकि 4,853 परिवार ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं। इस प्रकार खातेगांव तहसील की कुल आबादी का लगभग 13.3 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों में जबकि 86.7 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में रहता है। शहरी क्षेत्रों में बच्चों (0- 6 वर्ष) की जनसंख्या 3,323 है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 26,678 है।
क्षेत्र की समस्या
खातेगांव में साफ -सफाई और रोजगार बड़ी समस्या है। रोजगार के लिए लोगों को पलायन करना पड़ता है। उद्योग की दृष्टि से खातेगांव में उद्योग धंधे नहीं है। सडक़ और बिजली कई दूरस्थ गांव में व्यवस्थित तरीके से नहीं होना जैसी समस्याओं से क्षेत्र जूझ रहा है। खातेगांव विदिशा (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) का एक खंड है। लेकिन यह देवास जिले के अन्तर्गत आता है।