एक बार फिर से माननीयों की जेब भरने की तैयारी

माननीयों की जेब
  • वेतन, भत्तों और पेंशन में वृद्धि का प्रस्ताव तैयार

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश सरकार सरकार जल्द ही माननीयों के वेतन, भत्तों और उनकी पेंशन की राशि में वृद्वि कर सकती है। इसके लिए सदस्य सुविधा समिति द्वारा दूसरे राज्यों के  वेतन-भत्ते आदि के अध्ययन के बाद उनमे वृद्धि का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। माना जा रहा है कि अगले विधानसभा सत्र में इस प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है। यह प्रस्ताव ऐसे समय तैयार किया गया है, जब सरकार का खजाना आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। सरकार उधार लेकर अपना काम चला रही है। अगर इस प्रस्ताव पर सरकार मुहर लगाती है तो उसके खजाने पर भार आना तय है। समिति द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव में वेतन-भत्ते झारखंड और पूर्व विधायकों की पेंशन छत्तीसगढ़ की तरह करने की तैयारी की गई है। झारखंड में विधायकों को वेतन-भत्ते मिलाकर लगभग दो लाख रुपये प्रतिमाह मिलते हैं। मध्य प्रदेश मे अभी यह राशि 1.10 लाख रुपये है। प्रदेश में पूर्व विधायकों को फिलहाल 35 हजार रुपये बतौर पेंशन मिलते हैं, जबकि  छत्तीसगढ़ में पेशन के रुप में 58,300 रुपये मिलते हैं। हालांकि तैयार किए गए प्रस्ताव को संसदीय कार्य विभाग ने युक्तियुक्त करने के लिए विधानसभा सचिवालय को लौटा दिया है। उल्लेखनीय है कि बढ़ती मंहगाई को देखते हुए सत्तापक्ष और विपक्षी दलों के विधायक विधायक वेतन-भत्तों में वृद्धि की मांग कर रहे हैं। यह मांग विधायकों द्वारा विधानसभा के बजट सत्र में भी उठाई जा चुकी है। सदस्यों का कहना है कि क्षेत्रों के सैकड़ों लोग प्रतिदिन मिलने आते हैं। उनके सत्कार और क्षेत्र में लगातार प्रवास होता है। इसमें ही पूरी राशि खर्च हो जाती है। संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी इससे सहमति जताई और सत्र के दौरान विभागीय चर्चा के जवाब में उन्होंने कहा भी कि समिति रिपोर्ट दे तो सरकार आगे कदम बढ़ाएगी। इसी बीच सदस्य सुविधा समिति ने वेतन-भत्ते आदि के अध्ययन के बाद प्रस्ताव तैयार किया।
मप्र 14 वें स्थान पर
अगर विधायकों के वेतन भत्तों की तुलना अन्य राज्यों से की जाए तो मप्र का स्थान संयुक्त रुप से छग के साथ 14 वां है। इस मामले में पहले स्थान पर झारखंड है। वहां पर विधायकों को पूरे देश में सबसे ज्यादा सैलरी मिलती है। झारखंड के विधायकों को हर महीने 2.9 लाख रुपये सैलरी प्रदान की जाती है। वहीं, इन विधायकों को राज्य सरकार की ओर से सैलरी के अलावा भत्ते व अन्य सुविधाएं भी दी जाती हैं। विधायकों को सबसे ज्यादा सैलरी देने वाला दूसरा राज्य महाराष्ट्र है। महाराष्ट्र में विधायकों को हर माह 2.6 लाख रुपये सैलरी दी जाती है। तीसरे नंबर पर तेलंगाना आता है। तेलंगाना के विधायकों को हर माह मासिक वेतन के तौर पर 2.5 लाख रुपये दिए जाते हैं। पूरे देश में ऐसे 8 राज्य हैं, जहां विधायकों को 2 लाख रुपये से अधिक की सैलरी दी जाती है।
लेखा शाखा कर रही आकंलन  
विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों  का कहना है कि संसदीय कार्य विभाग द्वारा प्रस्ताव लौटाए जाने पर इसे लेखा शाखा को दिया है। वह सभी पहलुओं का आंकलन करके अपनी रिपोर्ट समिति को देगी और फिर समिति विचार कर सचिवालय के माध्यम से विभाग को भेजेगा। यहां से वित्त विभाग के अभिमत के साथ कैबिनेट में मध्य प्रदेश विधानसभा सदस्य वेतन, भत्ता तथा पेंशन अधिनियम में संशोधन विधेयक का प्रारूप अनुमोदन के लिए रखा जाएगा।
अभी किस मद में कितनी मिलती है राशि
प्रदेश के विधायकों को अभी वेतन के रुप में 30,000 रुपये, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 35,000 रुपये, टेलीफोन भत्ता 10,000 रुपये, लेखन सामग्री, डाक भत्ता 10,000 रुपये, 15000 रुपए कंप्यूटर आपरेटर, अर्दली भत्ता , चिकित्सा भत्ता 10,000 रुपये के अलावा बैठक में भाग लेने पर दैनिक भत्ता 1,500 से 2,500 रुपये तक दिया जाता है।

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