बिजली: जोर का झटका धीरे से लगाने की तैयारी…

बिजली
  • किया जा रहा है नियमों में परिवर्तन

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में विद्युत वितरण कंपनियां पेट्रोलियम पदार्थ की तर्ज पर बिजली के दाम हर माह तय करना चाहती है। इसके लिए नियमों में बदलाव किया जा रहा है। अब पावर परचेज कॉस्ट एडजस्टमेंट के तहत हर माह वृद्धि की राह खोली जा रही है। इसके लिए नियामक आयोग ने कुछ बदलाव किया है। यह बदलाव डिटरमिनेशन ऑफ टैरिफ फॉर सप्लाई एंड व्हीलिंग एंड इलेक्ट्रिसिटी, मेथड एंड प्रिंसिपल फॉर फिक्सेशन ऑफ चार्ज रेगुलेशन 2021 के तहत किया गया है। इस शुल्क वृद्धि के लिए मप्र विद्युत नियामक आयोग से मंजूरी की जरूरत नहीं होगी। नए वित्तीय वर्ष में इस टैरिफ के लागू करने की तैयारी है। इससे अगले महीने तक बिजली बिल में प्रति यूनिट 19 पैसे की बढ़ोतरी तय है। इससे उपभोक्ताओं को जोर का झटका धीरे से लगाया जाएगा। दरअसल, मप्र विद्युत नियामक आयोग को याचिका लगाकर कंपनियां मंजूरी मांग रही है। जिसके बाद ईंधन और बिजली खरीदी के नाम पर दाम तय होंगे। अभी प्रदेश में हर तिमाही फयूल कास्ट एडजस्टमेंट (एफसीए) के जरिए तय होता था। इसके लिए भी कंपनियां मप्र विद्युत नियामक आयोग से अनुमति मांगती थी, लेकिन नए संसोधन में कंपनियां अपने स्तर पर ही मासिक दाम तय करेगी। आयोग ने इस संबंध में आम जनता से 24 फरवरी तक आपत्ति या सुझाव आमंत्रित किया है। 28 फरवरी को आयोग सुनवाई करेगा। बिजली एक्सपर्ट वीकेएस परिहार का कहना है कि बिजली बिलों के टैरिफ को उपभोक्ताओं की सहूलियत के हिसाब से प्लान करना चाहिए। बिजली बिलों को भी सरल करना चाहिए, ताकि आम उपभोक्ता इसे आसानी से समझ सकें।
इस तरह दर वृद्धि प्रस्ताव
नियामक आयोग को भेजे गए प्रस्ताव के तहत 150 यूनिट से अधिक खर्च पर प्रति यूनिट 6.74 रुपए की वृद्धि की जाएगी। 300 यूनिट से अधिक खपत को टैरिफ से हटाएंगे। 150 यूनिट से अधिक खपत पर 19 पैसे प्रति यूनिट ज्यादा, 51 से 150 यूनिट तक 16 पैसा प्रति नोट अतिरिक्त चार्ज बढ़ेगा। इसका असर यह होगा कि 200 यूनिट खर्च पर अभी 1257 रुपए बिल आ रहा है। नए प्रस्ताव में 1296 रुपए का बिल आएगा। वहीं 288 रुपए 50 यूनिट तक खपत पर बनेंगे। इसमें 71 फिक्स चार्ज भी शामिल है। मौजूदा टैरिफ में यह 279 बनती है। 658 रुपए बनेंगे 51 से 150 यूनिट टैरिफ से 100 यूनिट खर्च के, इसमें 125 रुपए फिक्स चार्ज शामिल है। मौजूदा टैरिफ में यह राशि 638 रुपए बनती है। वहीं 350. 23 रुपए बनेंगे 151 से 200 यूनिट के टैरिफ में 50 यूनिट के। इसमें प्रति 15 यूनिट खपत पर 27 पैसे प्रति यूनिट की दर से फिक्स चार्ज भी शामिल है। मौजूदा टैरिफ से यह राशि 340.24 रुपए बनती है। सेवानिवृत्त अतिरिक्त मुख्य अभियंता राजेंद्र अग्रवाल ने बताया कि पेट्रोल और डीजल की तरह ही बिजली के दाम का नियंत्रण भी सरकार अपने हाथ में रखना चाहती है। इसके लिए हर माह दाम तय करने का प्रयास किया जा रहा है। इस संबंध में केंद्र सरकार ने बिजली वितरण कंपनियों को स्वत: ही हर माह टैरिफ बढ़ाने की अनुशंसा की है। इसके लिए राज्यों के विद्युत नियामक आयोग को टैरिफ निर्धारण के नियमों में संसोधन करने को कहा है।
बिजली कंज्यूमर इंडेक्सिंग शुरू
 बिजली कंपनी ने उपभोक्ताओं को बिजली बंद होने की जानकारी मोबाइल पर सटीक तरीके से देने के लिए अब कंज्यूमर इंडेक्सिंग शुरू की है। बिजली उपभोक्ता आधार पर देखा जा रहा है कि वे किस खंभे, ट्रांसफार्मर, फीडर से जुड़े हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि बिजली गुल की सटीक जानकारी उपभोक्ता तक पहुंचे। अभी स्थिति ये हैं कि बिजली शटडाउन से जिन क्षेत्रों को बंद करने की कोशिश होती है। कई बार वहां बिजली बंद ही नहीं होती और जहां बिजली बंद नहीं करना होती है, बिजली बंद हो जाती है। कंज्यूमर इंडेक्सिग होने के बाद इस दिक्कत से मुक्ति मिल जाएगी। उपभोक्ता को सटिकतौर पर जानकारी मिलेगी कि उनके क्षेत्र के किस फीडर, ट्रांसफार्मर को बंद किया जाएगा। इसके लिए बिजली के लाइन स्टाफ समेत जोनल इंजीनियरों को फील्ड में उतारा जा रहा है। हर खंभे तक पहुंचकर सर्वे किया जाएगा।

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