
विकास के साथ की जाएगी ब्राडिंग
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के साथ प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर जगहों से परिपूर्ण मध्यप्रदेश को अब पर्यटकों के लिए आकर्षण केन्द्र के रुप में विकसित करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए आधा सैकड़ा ऐसे पर्यटन स्थलों को विकसित करने की तैयारी कर ली गई है, जो देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बन सकते हैं। ऐसी जगहों को चिह्नित कर लिया गया है।
यह ऐसे स्थान हैं, जहां पर प्रकृति ने भरपूर सुंदरता दी हुई है। इसके अलावा इन जगहों की अपनी अलग से विशेषताएं भी हैं। पर्यटन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जो अपारंपरिक पर्यटन स्थल विकसित किए जाने हैं, उनमें से अधिकतर प्रमुख पर्यटन स्थलों के आसपास ही हैं। हालांकि सुविधाओं की कमी और जानकारी नहीं होने के कारण पर्यटक उस ओर नहीं जाते। जिन नए स्थलों को चिह्नित किया गया है, उनमें खजुराहो के पास रनेह वाटरफाल, भोजपुर के पास आशापुरी मंदिर समूह, पचमढ़ी के पास तामिया और देवगढ़, गांधी सागर के पास चतुर्भुज नाला प्रमुख हैं।
पर्यटकों को कुछ नया अनुभव देने के लिए प्रदेश के बड़े शहरों के आसपास भी ऐसे स्थलों का चयन किया गया है। भोपाल में खारीगांव, केकडिय़ा, जगदीशपुर, जबलपुर में मदन महल और नर्मदा के किनारे के स्थलों, ग्वालियर में मितावली- पड़ावली के मंदिर, चौंसठ योगिनी मंदिर और दमोह में सिंग्रामपुर (रानी दुर्गावती व गोंड राजाओं का शासन केंद्र) में पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ाई जानी हैं। बता दें, मध्य प्रदेश में हर वर्ष ढाई से तीन करोड़ पर्यटक आते हैं। नया आकर्षण जुड़ जाने से घरेलू पर्यटकों के बढऩे की उम्मीद की जा रही है। इससे इन क्षेत्रों की आर्थिक गतिविधियों में वृद्वि होगी और स्थानीय लोगों की आय भी बढ़ेगी।
इन स्थानों का चयन
लांझी का किला- बालाघाट, सिंधिया की छतरियां- शिवपुरी, काला ताजमहल, असीरगढ़ का किला और बुरहानपुर का किला- बुरहानपुर, मितावली, पड़ावली, तेली का मंदिर, सहस्त्रबाहु मंदिर- ग्वालियर, ककनमठ मंदिर- मुरैना, पशुपतिनाथ व धर्मराजेश्वर मंदिर- मंदसौर, पातालकोट और तामिया (प्राकृतिक स्थल)- छिंदवाड़ा, सोनागिरी जैन मंदिर और दतिया का किला- दतिया, मोतीमहल- मंडला, मदन महल- जबलपुर, बहुति झरना, क्योटी जलप्रपात, भीमकुंड- रीवा, जटाशंकर, नजारा व्यू प्लाइंट, निदान कुंड और सद्भावना शिखर- दमोह।
होम स्टे पर फोकस
50 अपारंपरिक पर्यटन स्थल चिह्नित किए गए हैं, जहां मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड अपनी गतिविधियां चला रहा है। महिला पर्यटकों की सुरक्षा के लिए स्थानीय महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। ग्रामीण होम स्टे बनाए जा रहे हैं। इसकी वजह से लोगों को न केवल घर जैसा भेजन और सुविधाएं मिलेगी, बल्कि ग्रामीणों की आय में तेजी से वृद्धि हो सकेगी।