उपचुनावी लिटमस टेस्ट फतह करने की भाजपा व कांग्रेस में तैयारियां तेज

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भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। भले ही अभी चुनाव आयोग की तरफ से प्रदेश में होने वाले एक लोकसभा व तीन विधानसभा सीटों के उपचुनाव को लेकर कोई तैयारी नहीं की जा रही है, लेकिन भाजपा व कांग्रेस में इनके लिए अभी से चिंतन व मनन का दौर पूरे शबाब पर दिखने लगा है। दरअसल इन उपचुनावों को प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों के लिटमस टेस्ट के रूप में देखा जा रहा है। यह दोनों ही दल हर हाल में इन सीटों पर जीत चाहते हैं। खंडवा लोकसभा सीट और रैगांव विधानसभा की सीट जहां भाजपा नेताओं की मृत्यु की वजह से रिक्त हुई है, तो वहीं पृथ्वीपुर और जोबट सीट कांग्रेस विधायकों के निधन की वजह से खाली हुई है। भाजपा जहां यह सभी सीट जीत कर कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाना चाहती है तो वहीं कांग्रेस दमोह उपचुनाव में मिली जीत के टेम्पो को कायम रखना चाहती हैं। यह बात अलग है कि इन सीटों की हार जीत से न तो केन्द्र सरकार को कोई अंतर पड़ा है और न ही प्रदेश की शिव सरकार को, इसके बाद भी यह चुनाव दोनों ही दलों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। यही वजह है कि कांग्रेस में इन उपचुनावों व संगठन की मजबूती के लिए सोमवार से लगातार चार दिनों तक मंथन करने के लिए मैराथन बैठकों का दौर शुरू हो रहा है। इसके उलट अब भाजपा ने भी इन उपचुनाव वाले इलाकों में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। खास बात यह है कि इन उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों के नामों पर भी दोनों दलों में अंदर ही अंदर चर्चा शुरू कर दी गई है, जिससे कि जीत की संभावना वाले प्रत्याशी का चयन कर अप्रत्यक्ष रुप से उन्हें इलाकों में अभी से सक्रिय किया जा सके।  दरअसल कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ लंबे समय बाद सोमवार को भोपाल आ रहे हैं, वे भोपाल में लगातार चार दिनों तक रहने वाले हैं। इन चारों दिनों में  उनके द्वारा नियमित रुप से कोर ग्रुप के पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों से चर्चा करने का कार्यक्रम पूर्व से निर्धारित है। इसके बाद उनका दो दिन तक अपने गृह नगर छिंदवाड़ा में रहने का कार्यक्रम है। बताया जा रहा है कि इन उपचुनावों को लेकर जिन नामों पर पहले चर्चा की जा चुकी है उन नामों पर इन चार दिनों में एक बार फिर से मंथन किया जाएगा। इनमें खंडवा लोकसभा उप चुनाव के लिए पार्टी द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव को ही मैदान में उतारने पर सहमति बन चुकी है। इसी तरह से पृथ्वीपुर विधानसभा उप चुनाव में पूर्व मंत्री स्व. बृजेंद्र सिंह राठौर के बेटे नितेंद्र सिंह राठौर (नीटू) का नाम भी लगभग तय कर लिया गया है। जोबट को लेकर जरुर पेंच फंसा हुआ है। इस सीट पर कांग्रेस की ओर से पूर्व मंत्री सुलोचना रावत, युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया और मुकेश पटेल द्वारा दावेदारी की जा रही है। इनमें से किसी एक के नाम पर इन बैठकों में सहमति बन सकती है, तो वहीं रैगांव सीट पर प्रत्याशियों के नाम का पैनल तैयार किया जाएगा। उधर भाजपा में भी उपचुनावों में बनाए जाने वाले प्रत्याशियों के नामों पर विचार विमर्श किया जाने लगा है। खंडवा लोकसभा उपचुनाव के लिए तीन नामों का पैनल तैयार कर लिया गया है। इस अपनी सीट को बचाए रखने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दौरे भी शुरू कर दिए गए हैं। इसी के तहत बीते रोज मुख्यमंत्री बुरहानपुर का दौरा भी कर चुके हैं। इसी तरह से विधानसभा की तीनों सीटों के लिए भी पैनल बनाया जा रहा है। इनमें सर्वाधिक दुविधा पृथ्वीपुर सीट पर पार्टी के सामने बनी हुई है। दरअसल इस सीट पर बीते चुनाव में पार्टी प्रत्याशी अभय प्रताप सिंह चौथे स्थान पर रहे थे।
ग्वालियर-चंबल संभाग में संगठन की मजबूती पर भी होगा मंथ
राजधानी में बीते रोज हुई संगठन समन्वयकों की बैठक में ग्वालियर-चंबल में संगठन को नए सिरे से मजबूत करने पर जोर दिया गया है। संगठन को अभी से मजबूत कर श्रीमंत को उनके ही गढ़ में कड़ी चुनौती देने की तैयारी पर बल दिया गया है। कांग्रेस के रणनीतिकार चाहते हैं कि श्रीमंत के गढ़ में हर हाल में 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जीते। इस पर भी चार दिनों की मैराथन बैठकों में मंथन किया जाएगा। दरअसल इस इलाके में श्रीमंत द्वारा पार्टी छोड़ने की वजह से पूरा का पूरा संगठन ही समाप्त हो गया था। इसके बाद आनन-फानन में कांग्रेस द्वारा पदाधिकारियों की नियुक्तियां कर संगठन को खड़ा करने का प्रयास किया गया था, लेकिन वे संगठन की मंशा पर खरा नहीं उतर पा रहे हैं। यही वजह है कि प्रदेश संगठन को लगभग सभी जिलों से उनकी निष्क्रियता की शिकायतें मिल रही हैं। संगठन उन्हें हर हाल में पूरी तरह से सक्रिय देखना चाहता है, जिससे कि नगरीय निकायों के आम निर्वाचन में पार्टी को विजय मिल सके।
कांग्रेस उत्साहित तो भाजपा सर्तक
कोरोना की दूसरी लहर शांत होते ही प्रदेश में सियासी गतिविधियां रफ्तार पकड़ने लगी हैं। भाजपा दमोह उपचुनाव में मिली हार की वजह से अधिक सतर्क होकर काम कर रही है तो वहीं इस सीट पर मिली विजय से कांग्रेस उत्साहित दिख रही है। खंडवा से भाजपा सांसद नंदकुमार सिंह चौहान और रैगांव विधायक जुगल किशोर बागरी का कोरोना की वजह से निधन हो गया था। इसी तरह पृथ्वीपुर के कांग्रेस विधायक बृजेंद्र सिंह राठौर और जोबट की कांग्रेस विधायक कलावती भूरिया भी कोरोना का शिकार हो गई थीं। जिसकी वजह से इन चारों जगहों पर उपचुनाव होने हैं।
अभय पर मेहरबानी बनी पार्टी के लिए मुसीबत  
जोबट और पृथ्वीपुर सीट पर आम चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी। इसकी वजह से भाजपा इन दोनों सीटों पर फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। पार्टी ने पहले अभय प्रताप सिंह यादव को जिलाध्यक्ष बनाया था। उनके कार्यकाल में संगठन कमजोर हुआ इसके बाद भी उन्हें पृथ्वीपुर से प्रत्याशी बना दिया गया, जहां वे सपा बसपा से भी कम मत पा सके और चौथे स्थान पर चले गए। इसके बाद अब उन्हें प्रदेश कार्यसमिति में शामिल कर एक बार फिर उन पर मेहरबानी दिखाई गई है। खास बात यह है कि यादव बाहुल्य सीट पर उन्हें उनके ही समाज के लोगों ने मत न देकर पूरी तरह से नकार दिया। यही वजह है कि अब भाजपा को इस सीट पर अलग तरह की रणनीति तैयार करनी पड़ रही है। यादव के प्रत्याशी बनाए जाने से इस सीट पर इस चुनाव में सपा और बसपा भी अपना जनाधार बढ़ाने में सफल रहे हैं।

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