सिंचाई परियोजनाओं को विकास का संवाहक बनाने की तैयारी

  • मुख्य सचिव ने खुद संभाली कमान

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
प्रदेश की मोहन सरकार की प्राथमिकता में विकास है। इसके लिए सरकार कई तरह के कदम लगातार उठा रही है। इसमें कृषि सिंचाई भी शामिल है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से कृषि आधारित है। यही वजह है प्रदेश सरकार ने हर खेत में पानी पहुंचाने के लक्ष्य पर तेजी से काम शुरू किया है।  सरकार की मंशा है कि विधानसभा चुनाव से पहले वे सभी सिंचाई परियोजनाएं पूरी कर ली जाए जिन पर वर्तमान में काम किया जा रहा है। सरकार की इस मंशा को देखते हुए मुख्य सचिव ने स्वयं इसकी निगरानी की कमान सम्हाल ली है। उधर जल संसाधन विभाग के अफसरों द्वारा भी परियोजनाओं का रिव्यू करना शुरू कर दिया गया है। दरअसल प्रदेश सरकार विधानसभा चुनाव में सिंचाई परियोजनाओं को विकास का पोस्टर बनाने की मंशा रखती है। जानकारी के अनुसार सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करवाने के लिए मुख्य सचिव ने मोर्चा संभाल लिया है।  200 करोड़ से अधिक लागत वाली इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए मुख्य सचिव ने टाइमलाइन भी तय कर दी है। चुनाव के पहले बड़े प्रोजेक्ट पर फोकस कर 31132.56 करोड़ की सिंचाई परियोजनाओं को पूरा कराया जाएगा। मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि जितनी भी सिंचाई परियोजनाएं चल रही हैं।
इस साल दस परियोजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य  
प्रदेश में 200 करोड़ से अधिक लागत की दस परियोजनाओं को इस साल 31 दिसंबर के पहले पूरा करना होगा। कुल 3735.98 करोड़ की इन परियोजनाओं को लेकर मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा है कि अधिकारी प्रोजेक्ट वर्किंग का फिजिकल वेरिफिकेशन करेंगे। साथ ही उन्होंने अगले चार साल में 36705.08 करोड़ की 38 परियोजनाओं को पूरा कराने के लिए भी टाइम लाइन तय कर दी है और कहा कि हर प्रोजेक्ट एग्रीमेंट में बताई गई टाइम लिमिट में कम्पलीट होना चाहिए। 200 करोड़ से अधिक लागत वाले जिन 38 प्रोजेक्ट्स का रिव्यू सीएस जैन ने किया है इसमें सबसे अधिक लागत वाला प्रोजेक्ट हाट पिपल्या सूक्ष्म उद्वहन सिंचाई परियोजना है जिसके निर्माण में 4813.26 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके 29 जनवरी 2028 तक पूरा करने का टारगेट रखा गया है। इसके बाद दूसरी बड़ी परियोजना छिंदवाड़ा सिंचाई कॉम्प्लेक्स परियोजना है जिसकी लागत 4309 करोड़ है और इसे इसी साल 20 जुलाई तक पूरा किया जाना है। तीसरी बड़ी सिंचाई परियोजना सीतापुर हनुमना बराज एवं सूक्ष्म दबाव सिंचाई परियोजना है जिसकी लागत 3700.89 करोड़ रखी गई है और यह 12 सितंबर 2029 को पूरी होगी।
फिजिकल वेरिफिकेशन के भी निर्देश
सीएस ने यह भी कहा है कि पार्वती परियोजना, लोअर परियोजना और छिंदवाड़ा कॉम्प्लेक्स के साथ गोंड सिंचाई परियोजना और रतनगढ़ सूक्ष्म परियोजना के एग्रीमेंट के आधार पर पेमेंट और किए गए कामों का फिजिकल वेरिफिकेशन किया जाकर अलग से विभाग के जानकारी इसकी जानकारी देंगे। इसके साथ ही मूंझरी और चेटिखेड़ा सिंचाई परियोजना के लिए एग्रीमेंट भले ही हो गए हैं लेकिन एग्रीमेंट अवधि में काम हो पाने की संभावना नहीं है। इसलिए इन परियोजनाओं को विलम्ब वाली कैटेगरी में शामिल किया जाए। मुख्य सचिव ने अफसरों को यह भी कहा है कि जल संसाधन विभाग के जिन प्रोजेक्ट्स से जल जीवन मिशन और जल निगम की निर्माणाधीन पेयजल परियोजनाओं का लाभ लोगों को मिलना है, ऐसे प्रोजेक्ट्स को तेजी से पूरा कराने का काम किया जाए।

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