
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। बाघों के संरक्षण के लिए पिछले दो साल में बने तीन नए टाइगर रिजर्व में भी अब पर्यटक बाघों का दीदार नजदीक से कर सकेंगे। इसके लिए इन टाइगर रिजर्व में सफारी शुरू की जाएगी। इन टाइगर रिजर्व में पर्यटकों के लिए ठहरने और घूमने की व्यवस्था भी की जाएगी, जिससे पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा। गौरतलब है कि प्रदेश में पिछले दो साल में तीन नए टाइगर रिजर्व का गठन किया गया है। सबसे पहले वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व का गठन किया गया था। इसके बाद रातापानी अभयारण्य को टाइगर रिजर्व का दर्जा मिला। माधव नेशनल पार्क को भी टाइगर रिजर्व घोषित किया जा चुका है। इससे प्रदेश में अब 9 टाइगर रिजर्व हो गए है। देश में सबसे ज्यादा टाइगर रिजर्व अब मप्र में हो गए है। प्रदेश में पिछले गणना के मुताबिक 785 बाध है। बाधों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। वन विभाग का अनुमान है कि अगली गणना में प्रदेश में बाधी की संख्या 1 हजार से अधिक हो जाएगी। स्थिति यह हो गई है कि प्रदेश के कुछ टाइगर रिजर्व में बाघों के लिए जगह कम पडऩे लगी है। इससे टाइगर रिजर्व के बाघ संरक्षित क्षेत्र से बाहर जाकर अपनी टेरेटरी बनाने लगे हैं। इसी को देखते हुए प्रदेश के अभयारण्य को टाइगर रिजर्व बनाया जा रहा है। राजधानी के नजदीक रातापानी टाइगर रिजर्व प्रदेश के पर्यटकों की पहली पसंद हो सकता है। यहां बाघों की संख्या 90 से ज्यादा है। अब जल्द इस टाइगर रिजर्व में बाधों के दीदार के लिए सफारी शुरू की जाएगी। सफारी के लिए 5 पाइंट बनाए जा रहे है। अभी रातापानी में झिरी बहेड़ा और गिन्नौरी गेट से टाइगर सफारी होती है।
रानी दुर्गावती प्रदेश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व
वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व प्रदेश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है। टाइगर रिजर्व का कुल एरिया 1414 वर्ग किमी का है। इसका टाइगर रिजर्व में लोगो को ऐतिहासिक विरासत बफर एरिया 925 वर्ग किमी का है। इस भी देखने को मिलेगी। टाइगर रिजर्व में नीलगाय, चीतल सांभर, काले हिरण, मगरमच्छ और 250 से ज्यादा प्रजातियों के पक्षी है, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। इस टाइगर रिजर्व में अभी 15 बाध है। रिजर्व में बाघों के बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे है। इस टाइगर रिजर्व में इस साल पहली बार पर्यटकों के लिए सफारी शुरू हो चुकी है।