किसानों को चुनावी सौगात देने की तैयारी

सरकार

अन्नदाता को ब्याज रहित ऋण मिलेगा

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। चुनावी साल में सरकार अन्नदाताओं को कई तरह की सौगातें देने जा रही है। ऋणी किसानों को प्रदेश सरकार ब्याज माफी की सौगात देने के साथ ही प्रदेश के 10 लाख से ज्यादा किसानों को अगले वित्तीय वर्ष से फिर ब्याज रहित ऋण देने के लिए कृषक समाधान योजना लागू करने जा रही है। इसकी घोषणा बजट में होगी। गौरतलब है कि मप्र की कुल आबादी में से करीब 70 फीसदी लोग कृषि कार्य में लगे हैं। यानी किसान प्रदेश का बड़ा वोट बैंक हैं, जिन्हें साधने की कोशिश की जाएगी। गौरतलब है कि मप्र का बजट सत्र 27 फरवरी से शुरू होगा। 27 मार्च तक चलने वाले इस सत्र के दौरान बजट पेश किया जाएगा। इस बजट में चुनाव की झलक दिखेगी। सरकार का सबसे अधिक फोकस किसानों पर होगा। इसके तहत शिवराज सरकार कृषक समाधान योजना लागू करने जा रही है। इसमें समय पर ऋण न चुकाने के कारण डिफाल्टर हुए किसानों को ही शामिल किया जाएगा। इसके बाद इन्हें सहकारी समितियों से फिर ब्याज रहित कृषि ऋण, खाद-बीज मिलने लगेगा। योजन पर एक हजार करोड़ रुपये के व्यय का अनुमान है।
डिफाल्टरों के ब्याज का भुगतान करेगी सरकार
जानकारी के अनुसार सरकार उन किसानों के ब्याज का भुगतान स्वयं करेगी जिन्हें, बैंक ने डिफाल्टर घोषित कर दिया है। इससे ऐसे ऋणी किसानों को सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि वे जल्दी ऋण मुक्त होकर दोबारा बैंक से कर्ज ले सकेंगे। जैसा कि किसानों को खेती-किसानी के कई कामों के लिए बैंक से ऋण लेना पड़ता है। कई बार प्राकृतिक आपदा से किसानों की फसल को नुकसान हो जाता है। इसके कारण वे ऋण चुकाने में असमर्थ होते हैं। ऐसे में बैंक उन किसानों को डिफाल्टर घोषित कर देता है जिससे वे आगे नया लोन नहीं ले पाते हैं। इन किसानों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से बैंक द्वारा डिफाल्टर किए गए किसानों के ऋण पर ब्याज की रकम चुकाने की घोषणा की गई है। इससे लाखों किसानों को लाभ होगा। सूत्रों का कहना है की चुनावी साल में किसानों को उम्मीद है कि भाजपा सरकार फसल ऋण माफी कर देगी, क्योंकि सीएम शिवराज सिंह किसानों के हित में ब्याज माफी की घोषणा कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने किसानों के हित में कई घोषणाएं की हैं। इसमें डिफाल्टर किसानों की ब्याज राशि की प्रतिपूर्ति करने की बात भी कही गई हैं। किसानों की जो भी जायज समस्याएं हैं, उन्हें दूर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों की राजस्व और विद्युत देयक संबंधी समस्याओं के निवारण के लिए शिविर लगाये जाएंगे। राज्य सरकार डिफाल्टर किसानों की ब्याज राशि की प्रतिपूर्ति करेगी। बता दें कि प्रारंभ में किसान संगठन की ओर से मुख्यमंत्री को सुझाव-पत्र दिया गया था।  उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ भी लगातार कह रहे हैं कि कांग्रेस की सरकार बनने पर पूर्व की तरह किसान कर्जमाफी होगी। विधानसभा चुनाव को देखते हुए ज्यादातर जिलों के किसानों ने कर्ज चुकाना बंद कर दिया है।
सरकार की ब्याज माफी योजना
मप्र सरकार की ओर से ब्याज माफी योजना शुरू की जा रही है। इसके तहत समय पर कर्ज नहीं चुकाने के कारण बैंक से डिफाल्टर हुए 14 लाख 57 हजार किसानों को सरकार ब्याज माफी का लाभ प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के बाद सहकारिता विभाग वन टाइम सेटलमेंट योजना तैयार कर रहा है। इस प्रस्ताव के मुताबिक किसान के मूलधन चुकाने पर उसका ब्याज माफ कर दिया जाएगा। योजना में 30 मार्च 2018 के पहले के कर्जदार किसानों को इसमें शामिल किया जाएगा। जानकारी के अनुसार इसके लिए प्रदेश सरकार ने तय किया है वह प्रदेश के सभी जिलों में समाधान योजना शुरू करेगी। इसमें अगर किसान शामिल होते हैं और लिए गए ऋण का मूलधन जमा करते हैं तो अब तक का पूरा का पूरा ब्याज माफ किया जाएगा। उसे केवल मूलधन ही जमा करना होगा।
अधर में ऋण माफी
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में कमलनाथ सरकार ने किसान ऋण माफी योजना लागू की थी। इसमें सहकारी समितियों के ऋणी किसानों को दो लाख रुपये तक ऋण माफ करने का प्रविधान था। योजना के पहले चरण में चालू खाते पर पचास हजार और दो लाख रुपये तक के कालातीत ऋण को माफ किया गया। दूसरे चरण में चालू खाते पर एक लाख रुपये की ऋण माफी का प्रविधान था। इसकी प्रक्रिया प्रारंभ हुई ही थी और मार्च 2020 में अल्पमत में आने के कारण कांग्रेस सरकार चली गई और योजना ठप हो गई। इसके कारण लाखों किसान डिफाल्टर हो गए क्योंकि ऋण माफी की आस में इन्होंने ऋण नहीं चुकाया था। अब स्थिति यह है कि इन किसानों को सहकारी समितियों से न तो खाद-बीज मिल रहा है और न ही साख सीमा के अनुसार ऋण राशि प्राप्त हो रही है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को ब्याज माफी देने की घोषणा की थी और बजट में चार सौ करोड़ रुपये का प्रविधान भी किया था लेकिन, योजना को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। अब नए सिरे से योजना तैयार की जा रही है। इसमें ऋण माफी योजना के चार लाख 41 हजार 840 उन किसानों को शामिल किया जाएगा, जिन्हें लाभ नहीं मिला। इसके अलावा अन्य डिफाल्टर किसानों को भी योजना से जोड़ा जाएगा। इसके लिए सभी जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों से डिफाल्टर किसानों की जानकारी मांगी गई है। सहकारिता विभाग के अधिकारियों का कहना है कि योजना के लिए एक हजार करोड़ रुपये का बजट प्रविधान करना प्रस्तावित किया गया है।

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