अधिकारियों-कर्मचारियों के पदोन्नति की तैयारी शुरू

पदोन्नति
  • प्रशासनिक दक्षता के आधार पर निर्धारित होगा आरक्षण

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। कैबिनेट से पदोन्नति नियम 2025 को मंजूरी मिलने से नौ वर्ष बाद अब अधिकारियों-कर्मचारियों के पदोन्नति की तैयारी प्रारंभ हो गई है। सबसे पहले मंत्रालय में अधिकारी-कर्मचारी पदोन्नत किए जाएंगे। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग वरिष्ठता के हिसाब से सूची तैयार कर रहा है। जानकारी के अनुसार प्रत्येक संवर्ग में प्रतिनिधित्व और प्रशासनिक दक्षता के आधार पर इसका निर्धारण होगा। यदि किसी संवर्ग में प्रतिनिधित्व आरक्षण की तय सीमा से अधिक है तो यह कम भी हो सकता है। उधर, मुख्य सचिव अनुराग जैन ने गुरूवार को वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई है ताकि उन्हें पदोन्नति के नए नियमों और डीपीसी के तरीको से अवगत कराया जा सके।
गौरतलब है कि पदोन्नति नियम-2025 में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग को आरक्षण तो दिया गया है पर यह स्थायी नहीं रहेगा। प्रत्येक संवर्ग में प्रतिनिधित्व और प्रशासनिक दक्षता के आधार पर इसका निर्धारण पांच साल के लिए होगा। यदि किसी संवर्ग में प्रतिनिधित्व आरक्षण की तय सीमा से अधिक है तो यह कम भी हो सकता है। इसका निर्धारण मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति करेगी। पदोन्नति नियम में एससी-एसटी वर्ग के लिए आरक्षित रखे जाने वाले पदों की गणना के साथ ही प्रत्येक संवर्ग में प्रतिनिधित्व प्रशासनिक दक्षता के आधार पर निर्धारित करने का प्रविधान रखा गया है। एससी के लिए 16 और एसटी के लिए 20 प्रतिशत पदोन्नति के पद आरक्षित रखे जाएंगे। पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए संवर्ग में आरक्षित वर्ग के अधिकारियों-कर्मचारियों के पदों की गणना विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक से पहले होगी। इसके लिए संख्या का निर्धारण विभागीय मंत्री, विभागाध्यक्ष और सामान्य प्रशासन विभाग के उप सचिव स्तर के अधिकारी की समिति करेगी। इसमें एक सदस्य एससी-एसटी वर्ग से अनिवार्य रूप से होगा। यदि किसी संवर्ग में विशेष परिस्थिति नहीं है तो आरक्षण एससी-एसटी के लिए 36 प्रतिशत रहेगा।
पांच साल के लिए होगा आरक्षण
जानकारी के अनुसार यदि प्रतिनिधित्व और प्रशासनिक दक्षता के आधार पर कोई विभाग किसी संवर्ग में आरक्षण कम करने का निर्णय लेता है तो ऐसा मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति के अनुमोदन से ही किया जा सकेगा। एक बार जो आरक्षण निर्धारित हो गया, वो पांच साल तक रहेगा। इसके बाद फिर आकलन करके इसे परिवर्तित किया जा सकेगा। यह प्रविधान इसलिए किया गया है क्योंकि हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के हवाले से कहा था कि आरक्षण के लिए प्रतिनिधित्व और प्रशासनिक दक्षता को देखा जाए। सूत्रों के अनुसार, 2002 के पदोन्नति नियम से जो पदोन्नतियां हुईं, उसके कारण कई संवर्गों में एससी-एसटी वर्ग के अधिकारी-कर्मचारी तीन-चार पद आगे पहुंच गए। इससे सामान्य वर्ग के अधिकारी-कर्मचारी पिछड़ गए। चूंकि, नए नियम में पदोन्नति एक जनवरी 2025 की स्थिति में होनी है और जो अधिकारी-कर्मचारी पदोन्नत हो चुके हैं, उन्हें पदावनत भी नहीं किया गया है इसलिए जब तक वे सेवानिवृत्त नहीं होते, तब तक आगे ही रहेंगे। मंत्रालय में अवर सचिव, उप सचिव के पद पर पहुंचने में सामान्य वर्ग को सालों लग जाएंगे।
नए नियमों पर होगी विस्तार से चर्चा
पदोन्नति नियम अधिसूचित कर लागू कर दिए गए हैं। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक पदोन्नति की प्रक्रिया जल्द शुरू हो सके और अधिकारियों को नए नियमों और डीपीसी को लेकर अफसरों के बीच कोई असमंजस न रहे, इसलिए मुख्य सचिव ने बैठक बुलाई है। बैठक का मुख्य एजेंडा पदोन्नति के नए नियमों पर विस्तार से चर्चा करना और इसके तहत नियमित समय में विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठकों का आयोजन तय करना है। बैठक में सीएस जैन और अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विभाग संजय दुबे अधिकारियों की पदोन्नति के नियमों संबंधी शंकाओं का भी समाधान करेंगे। सामान्य प्रशासन विभाग के कर्मचारी बैठक के संबंध में प्रेजेंटेशन तैयार कर रहे हैं। सरकार ने पदोन्नति के जो नियम बनाए हैं उसके अनुसार पदोन्नति के लिए रिक्त पदों को एससी (16 प्रतिशत), एसटी (20 प्रतिशत) और अनारक्षित में बांटा जाएगा। क्लास-1 अधिकारी के लिए लिस्ट मेरिट कम सीनियोरिटी के आधार पर, जबकि क्लास-2 और नीचे के पदों के लिए सीनियोरिटी कम मेरिट के आधार पर दावेदारों की सूची बनेगी। पूर्व में प्रमोशन पा चुके कर्मचारियों को रिवर्ट नहीं किया जाएगा, न रिटायर्ड कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। पदोन्नति से भरे जाने वाले हर संवर्ग के पद अलग से तय होंगे। डीपीसी में एससी-एसटी वर्ग का एक-एक अधिकारी शामिल होगा। सीआर उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में पदोन्नति नहीं मिलेगी।
अधिकारियों को आज समझाई जाएगी पदोन्नति की प्रक्रिया
नए नियम से पदोन्नति कैसे होगी, इसकी जानकारी देने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने गुरुवार को बैठक बुलाई है। इसमें मुख्य सचिव अनुराग जैन की उपस्थिति में अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन संजय दुबे नए नियम के प्रविधान और पदोन्नति की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देंगे। बैठक में अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और विभागाध्यक्षों को बुलाया गया है। गौरतलब है कि मप्र में कर्मचारियों की पदोन्नति के नए नियमों को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद इस संबंध में गजट नोटिफिकेशन जारी किया जा चुका है। इससे प्रदेश में नौ साल बाद कर्मचारियों की पदोन्नति का रास्ता साफ हो गया है। मप्र लोकसेवा पदोन्नति नियम-2025 का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद पदोन्नति की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू करने को लेकर सरकार एक्शन में है। मुख्य सचिव अनुराग जैन ने गुरुवार को मंत्रालय में उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। इसमें सभी विभागों में अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव शामिल होंगे।

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