सडक़ बनवाने गांव की गर्भवती महिलाएं मैदान में

गर्भवती महिलाएं
  • गर्भवती लीला साहू ने सोशल मीडिया पर अपलोड किया वीडियो …

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। कई अप्रत्याशित घटनाओं को लेकर चर्चा में रहने वाला विंध्य का सीधी जिला एक फिर सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। इस बार यह जिला अपने अनूठे विरोध प्रदर्शन के लिए चर्चा में है। दरअसल सीधी जिलान्तर्गत खड्डी खुर्द गांव की 8 गर्भवती महिलाओं ने खराब सडक़ को लेकर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को चि_ी लिखी है। इन महिलाओं का कहना है कि गांव की सडक़ बीते कई सालों से खराब है और आज तक नहीं बन पाई। ऐसी स्थिति में यदि उनके साथ कुछ भी होता है तो इसके लिए क्षेत्र के सांसद जिम्मेदार होंगे। इस अनूठे आंदोलन की मुहिम चलाने वाली लीला साहू हैं जो खुद भी गर्भवती हैं और सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर भी हैं। इस गांव की खराब सडक़ को लेकर उन्होंने बीते साल भी सोशल मीडिया में आवाज उठाई थी। उनका वीडियो सोशल मीडिया में खासा वायरल हुआ था।
साल भर पहले प्रधानमंत्री मोदी से लगाई थी गुहार
दरअसल लीला साहू ने अपने गांव की खराब सडक़ को लेकर बीते साल वीडियो जारी कर प्रधानमंत्री से सडक़ ठीक करने की गुहार लगाई थी। जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपलोड हुआ, दुर्दशा का शिकार खड्डी खुर्द देश भर में चर्चा का विषय बन गया। लीला ने वीडियो में कहा था कि मोदी जी 29 के 29 सांसद जीता दिए अब तो सडक़ बना दो। वीडियो सामने आने के बाद सीधी कलेक्टर और सांसद ने सडक़ बनाने का भरोसा दिया था, लेकिन एक साल बाद भी सडक़ बन नहीं पाई। सडक़ को लेकर सोशल मीडिया पर खोलने वाली लीला साहू ने जिम्मेदार अधिकारियों से सवाल भी पूछा है कि आखिर सडक़ क्यों नहीं बन पा रही है। लीला का कहना है कि बारिश निकल गई, ठंडी भी गुजर गई, गर्मी के बाद फिर बारिश का समय आ गया लेकिन सडक़ नहीं बनी इसलिए इस बार हम लोगों ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नीतिन गडकरी का ध्यान आकर्षित करते हुए व्यवस्था पर सवाल उठाये हैं।
इस बार लीला ने जो वीडियो बनाया है उसमें वे बघेली भाषा में कह रही है कि देख लो, हमारे गांव खड्डी खुर्द की सडक़ के हाल। हमारा गांव सीधी जिले में है। जंगल में है तो क्या हुआ, रोड तो बनना चाहिए। हमारे गांव के लोग कलेक्टर, विधायक, सांसद सभी के पास गए, लेकिन किसी ने नहीं सुना।
कैसे जायेंगी अस्पताल
सडक़ के लिए मुहिम छेडने वाली लीला वीडियो में कहती हैं कि बस पलट जाती है, बाइक चल नहीं पाती, एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाती। मैं 9 महीने की गर्भवती हूं, फिर भी आवाज उठा रही हूं। हमारे यहां की सडक़ कबाड़ है। गडकरी जी, आप तो खूब हाईवे बनाते हैं, क्या हमारे यहां की 10 किमी की रोड नहीं बनवा सकते? ऐसे में हम और हमारी साथी कैसे अस्पताल पहुंचेंगी? जो नेता रोड नहीं बनवा पा रहे हैं उन्हें तो चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए।
गर्भवती महिला की इलाज न मिलने से हो चुकी है मौत
लीला साहू के मुताबिक एक महीना पहले मेरे गांव में एक गर्भवती महिला की समय पर इलाज न मिलने से मौत हो गई। आधी रात को उसकी तबीयत खराब हो गई थी। गांव वालों ने एम्बुलेंस को बुलाया, लेकिन वो समय पर नहीं पहुंच सकी। उन्होंने कहा कि गांव में अभी भी 7-8 गर्भवती महिलाएं हैं। मैं और मेरी देवरानी भी गर्भवती हैं। मेरा नौवां महीना चल रहा है। सडक़ की दुर्दशा देखकर समझ नहीं आ रहा हम सब क्या करें? गांव से नजदीकी अस्पताल 8 किमी दूर है, वहां तक जाने के लिए कोई सडक़ नहीं है गर्भवती महिलाओं को प्रसव पीड़ा शुरू होगी और उन्हें अस्पताल ले जाने की नौबत आएगी तो कैसे लेकर जाएंगे? बारिश के बाद सडक़ की हालत ऐसी हो गई है कि कोई पैदल भी नहीं चल सकता।

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