- सुमन कांसरा

प्रगति मैदान की टनल के उद्घाटन का दृश्य तो पूरी दुनिया ने लाइव टेलीविजन पर देखा था। पीएम मोदी की टनल से निकाली गई सवारी किसी चुनावी रैली से कम नहीं थी। पूरा दिन भारत के टीवी चैनल पर यह दृश्य बार-बार दिखाए गए ऐसे जैसे भारत में कोई इतिहास रचा जा रहा हो।
पर अब इस टनल की बदहाली की वजह से फिर से ट्रैफिक जाम से जूझती जनता की तकलीफों की रिपोर्ट केवल इक्का दुक्का अखबार ही लिख रहे हैं। कोई टीवी चैनल इस 700 करोड़ से बनी टनल की बदहाली की खबर दिखा तक नहीं रहा है। गंगा ,जमुना और सरस्वती नदियों के किनारे बसी सभ्यताओं का चित्रण पूरी टनल में आर्टवर्क के रूप में मौजूद है और यह टनल ही यमुना के फ्लैट प्लेन के ऊपर बना दी गई । यहां से यमुना नदी का किनारा सिर्फ 200 मीटर की दूरी पर है। यही आर्ट वर्क टनल की दीवारों से टपकती पानी की वजह से अपनी बदहाली को रो रहा है। जनता की कड़ी कमाई का पैसा पानी की तरह टनल में बहता हुआ दिख रहा है। पीडब्ल्यूडी कंपनी को नोटिस भेज रही है पर यह तो हर बार ही होता है।
दूसरी तरफ नोएडा के पृथला चौक में 3 साल के ट्रैफिक जाम की दिक्कतों का सामना करने के बाद 8 महीने पहले जो फ्लाईओवर जनता को सौंपा गया है, वह भी बंद कर दिया गया है। खराब क्वालिटी की वजह से जगह-जगह से वह टूट रहा है। इसी तरह से गाहे-बगाहे आपकी नजरों के सामने से ऐसी खबरें गुजरती होगी, पर वह उद्घाटन समारोह की तरह बड़ी करके नहीं दिखाई जाती। इसलिए वह जनता के दिमाग में रजिस्टर्ड भी नहीं होती। भ्रष्टाचारी सरकार और ठेकेदारों की मिली भगत ही इस घटिया निर्माण का नतीजा है कि टैक्स पेयर का पैसा बर्बाद हो रहा है। और हम आंखें मूंद कर सब देख सुन और बर्दाश्त कर रहे हैं। सरकार चाहे कांग्रेस की हो या बीजेपी की जनता के हालात कभी नहीं बदलते।