वजन नापने की मशीन की खरीदी में साठ-गांठ की संभावना

शिवराज सिंह चौहान

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को अफसर दरकिनार कर अपनी मनमानी कर रहे हैं।  ऐसा ही एक मामला महिला एवं बाल विकास विभाग में सामने आया है। सबसे हैरानी की बात यह है कि महिला एवं बाल विकास विभाग के अफसरों ने वजन नापने की जिस मशीन को पहले कंडम बताया था अब फिर उसे उसी कंपनी से खरीदा जा रहा है, जिसने पहले सप्लाई की थीं। वहीं चार तरह की मशीन खरीदी के मामले में जारी आदेशों में छेड़छाड़ हुई है। एक ही योजना में दोबारा खरीदी के आदेश जारी कर दिए गए।  वजन नापने की मशीन खरीदी में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार की संभावना जताई जा रही है। क्योंकि अफसरों द्वारा मशीन का सैंपल आए बगैर खरीदी की औपचारिकता पूरी कर ली गई। इन गड़बड़ियोंं को लेकर विभाग के संचालक ने अनभिज्ञता जताई है। विभाग के सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2018 में पोषण अभियान योजना के तहत वन टाइम (केवल एक बार) शिशु और गर्भवती महिलाओं के वजन मापने की मशीन खरीदी के लिए बजट जारी किया था। विभाग अब इसी स्कीम के तहत दोबारा सभी जिलों के लिए फिर से मशीन खरीद रहा है।
सैंपल से पहले सप्लाई
महिला एवं बाल विकास विभाग संचालक ने 21 जून 2022 को तीनों कंपनियों को सैंपल देने के विषय में लिखा। इसके पूर्व 28 मई 2022 को कंपनियों को मशीनों को सभी जिलों में देने के आदेश दे दिए। 27 जून 2022 को फिर कंपनियों से सैंपल मांगे गए एक आदेश ऐसा भी निकला, जिसमें टेंडर जारी होने के पहले ही हर जिले में वजन नापने की मशीनों के मास्टर सैंपल देने की बात कही गई। इस आदेश में पहले 2 फरवरी 2022 की तारीख लिखी गई थी, लेकिन बाद में आदेश में छेड़छाड़ करके 2 फरवरी को पेन से सुधारते हुए जुलाई किया गया। इसकी खास बात यह है कि जहां पर माह में चेंज किया गया। वहां अधिकारी ने सुधार संबंधी कोई हस्ताक्षर नहीं किए हैं। ये खरीदी बिंदल डेवलपर्स देवास, आदित्य ट्रेडिंग इंदौर और एलेक्स इंडस्ट्री से की जा रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने वर्ष 2018 में जिस कंपनी से मशीनें ली थी।  उसे  ही कंडम बताकर फिर से खरीदारी की जा रही है। विभाग ने उस कंपनी को फिर से करीब 26,344 आंगनबाडिय़ों को मशीनें देने के संबंध में आदेश दिए है।  महिला एवं बाल विकास विभाग के संचालक डॉ. आरआर भोंसले का कहना है कि मशीनों के संबंध में कहां, कैसे आदेश हुए हैं, उसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना।

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