
- 23 को जारी होगी प्रारंभिक मतदाता सूची, दावे-आपत्तियों का मिलेगा अवसर
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में एसआईआर अभियान के तहत 40 लाख से ज्यादा नाम हटने की संभावना जताई जा रही है, जिससे सियासी हलकों में हलचल तेज हो गई है। हालांकि आयोग का कहना है कि 23 दिसंबर को प्रारंभिक मतदाता सूची जारी की जाएगी, जिसके बाद दावे और आपत्तियों का अवसर दिया जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेश भर में अभियान के दौरान कुल 5 करोड़ 74 लाख से अधिक गणना पत्रक जमा किए गए हैं। इन गणना पत्रकों के विस्तृत विश्लेषण में कई गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। आयोग के मुताबिक बड़ी संख्या में ऐसे मतदाता पाए गए हैं, जिनकी जानकारी या तो अधूरी है या फिर वे तय मानकों पर खरे नहीं उतरे है। आयोग का कहना है कि जिन लोगों को नाम प्राथमिक सूची में नहीं आते हैं, तो उन्हें दावे और आपत्तियों के दौरान बात रखने का मौका मिलेगा। पात्र मतदाताओं का नाम किसी भी सूरत में नहीं कटेगा, लेकिन अपात्र, मृत, डुप्लिकेट और अधूरी जानकारी वाले नामों को हटाकर मतदाता सूची को पूरी तरह साफ किया जाएगा। मध्यप्रदेश में एसआईआर को लेकर सामने आए आंकड़े साफ संकेत देते हैं कि मतदाता सूची को दुरुस्त करने की यह कवायद अपने निर्णायक दौर में पहुंच चुकी है। चुनाव आयोग जहां इसे शुद्ध और पारदर्शी चुनाव की बुनियाद बता रहा है, तो वहीं राजनीतिक दल अपने-अपने नजरिए से इसे देख रहे हैं। एक ओर कांग्रेस इसे प्रशासनिक सुधार नहीं, बल्कि वोट चोरी के स्पष्ट प्रमाण बता रही है। तो दूसरी ओर बीजेपी इसे लोकतंत्र को मजबूत करने की प्रक्रिया करार दे रही है।
निर्वाचन आयोग में नवाचार वीसी के जरिए की सुनवाई
राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज श्रीवास्तव ने शुक्रवार को नवाचार करते हुए निर्वाचन व्यय लेखा दाखिल करने के संबंध में वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए सुनवाई की। इस व्यवस्था से अब अभ्यार्थियों को सुनवाई में भोपाल नहीं आना पड़ेगा। गौरतलब है कि राज्य आयोग महापौर, अध्यक्ष एवं पार्षद का चुनाव लडऩे वाले अभ्यर्थियों के निर्वाचन व्यय लेखा दाखिल करने के संबंध में सप्ताह में एक बार सुनवाई करता है। जिसके लिए अभ्यार्थियों को भोपाल आना होता है, लेकिन अब इस नवाचार से अभ्यार्थियों को भोपाल नहीं आना पड़ेगा। वीडियो काफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई का नवाचार किया है। राज्य निर्वाचन आयुक्त श्रीवास्तव द्वारा फरवरी 2025 से अब तक व्ही.सी. के माध्यम से 411 अभ्यर्थियों की सुनवाई की जा चुकी है। जानकारों का कहना है कि इस मामले पर 23 दिसम्बर को ही प्राथमिक मतदाता सूची जारी होने के बाद ही यह तय होगा कि आखिर वास्तविक स्थिति क्या है। इधर 40 लाख नाम कटने की खबर लगते ही प्रदेश में राजनीतिक पारा चढ़ गया है। एसआईआर को लेकर चुनाव आयोग और भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोले बैठी कांग्रेस ने बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम कटने की संभावना पर सवाल खड़े किए हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का कहना है कि इससे साफ हो गया कि राहुल गांधी जो वोट चोरी की बात कह रहे थे, वो सही साबित हो रही है इस पर भाजपा नेताओं ने पलटवार किया है।
