- गैर शैक्षणिक कार्य में लगाए रहे शिक्षकों को

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
प्रदेश में सरकार स्कूली शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। स्कूलों में सारी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं, लेकिन शिक्षकों की कमी और साल भर उन्हें गैर शैक्षणिक कार्य में लगाए जाने के कारण पढ़ाई नहीं हो पा रही है। अब इस साल भी माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा 9-11 वीं बोर्ड परीक्षा में कक्षा नौ का रिजल्ट बिगड़ गया है। ऐसे में शिक्षा विभाग के अधिकारी खराब रिजल्ट का ठीकरा शिक्षकों पर फोड़ दिया है।
गौरतलब है कि साल भर शिक्षक गैर शैक्षणिक कार्य में लगे रहे। शिक्षकों को 2024-25 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव ड्यूटी के साथ ही बीएलओ कार्य, टीकाकरण कार्य आदि लिए गए, जिससे शिक्षक बच्चों की पढ़ाई की ओर अधिक समय नहीं दे सकें। भले ही शिक्षा विभाग के अधिकारी खराब रिजल्ट का ठीकरा शिक्षकों पर फोड़ रहे हैं, लेकिन शिक्षकों का कहना है कि अगर रिजल्ट सुधारना हो, तो शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य ना कराएं।
कक्षा नौ में लगभग 37 प्रतिशत स्टूडेंट्स फेल
मिली जानकारी के अनुसार कक्षा नौ में लगभग 37 प्रतिशत स्टूडेंट्स फेल हो गए और 57 फीसदी पास हुए। अन्य 6 प्रतिशत गैरहाजिर रहे। इस परीक्षा में राजधानी से 10507 विद्यार्थी शामिल हुए थे। इनमें से 6669 पास हो पाए। इससे पहले साल भी 9-10 वीं का रिजल्ट खराब आया था। अब इस साल भी बच्चों के फेल होने वालों की समीक्षा शुरू हो गई। इसमें अधिकतर बच्चे गणित और अंग्रेजी में फेल हुए हैं। इसलिए शिक्षा विभाग अब उक्त दोनों विषयों के शिक्षकों की क्लॉस अप्रैल- मई के 60 दिनों में बैच अनुसार चलेगी। इन दोनों विषयों की तैयारी के लिए शिक्षा विभाग की एक टीम ब्रिज कोर्स ब्रिज तैयार कर रही है। बोर्ड परीक्षा मूल्यांकन पूरा होने के बाद यह कोर्स की क्लास शुरू होगी। इसमें शिक्षकों की कक्षाएं दो हिस्सों में होगी। एक हिस्सा अप्रैल तथा दूसरा हिस्सा 16 जून से 20 जुलाई तक होगा। क्लॉस खत्म होने से पहले एक परीक्षा होगी, जिसमें शिक्षकों को पास होना अनिवार्य है। बेस्ट ऑफ फाइव को खत्म करने की दिशा में ये कदम है।
गैर शैक्षणिक कार्यों से रखें दूर
मप्र अध्यापक संघ के जिलाध्यक्ष उपेंद्र कौशल ने कहा कि शिक्षकों से सालभर गैर शिक्षकीय कार्य जैसे चुनाव, बीएलओ, टीकाकरण सर्वे, ट्रेनिंग आदि कार्य कराए जाते हैं। इसका असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ता है। चूंकि उक्त गैर शिक्षकीय कार्य भी जरूरी है। इसलिए शिक्षकों को प्राथमिकता से करना पड़ता है। हाईकोर्ट ने पहले भी शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य ना कराने के निर्देश दिए हैं, फिर भी विभाग के अधिकारी इनका पालन नहीं कर रहे हैं। कौशल ने कहा कि अगर शिक्षा में गुणवत्ता चाहिए, तो शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य से दूर रखे। वर्ष 24-25 चुनाव में बीता। इसके कारण पढ़ाई प्रभावित हुई है। डीईओ भोपाल एनके अहिरवार का कहना है कि कक्षा नौवीं का परीक्षा परिणाम खराब आया है। हम इसका मूल्यांकन कर रहे हैं। खासकर गणित-विज्ञान में अधिक बच्चे फेल हुए है। विभाग शिक्षकों को बिज्ञ कोर्स का प्रशिक्षण देगा। इसमें नई शिक्षा नीति के अनुरूप सिलेबस भी तैयार कराए जाएंगे। इस प्रशिक्षण से अगले साल से रिजल्ट सुधारने का प्रयास करेंगे।