गरीब बंदी ले सकेंगे खुली हवा में सांस

गरीब बंदी
  • जमानत व जुर्माना की राशि भरेगी सरकार

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश की जेलों में ऐसे दर्जनों कैदी बंद हैं, जिनकी जमानत तो न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है, लेकिन उन्हें जमानतदार नहीं मिल पा रहे हैं, जिसकी वजह से वे बाहर ही नहीं आ पा रहे हैं। लगभग यही स्थिति उन गरीब बंदियों की भी है जो जुर्माना राशि न भर पाने की वजह से अब भी जेल में ही रहने को मजबूर बने हुए हैं। अब इस तरह के कैदियों की मदद के लिए सरकार आगे आ रही है। सरकार की मदद से अब ऐसे कैदियों को खुली हवा में सांस लेने का मौका मिल सकेगा। दरअसल, प्रदेश की जेलों में 138 बंदी ऐसे हैं, जिनकों जेल से बाहर आने के लिए जमानतदार की तलाश बनी हुई है, जबकि लगभग 62 बंदी ऐसे हैं, जो जुर्माना न भर पाने की वजह से बाहर नहीं आ पा रहे हैं। अब ऐसे बंदियों को जेल से बाहर निकालने की पहल राज्य सरकार द्वारा की जा रही है। सरकार अब ऐसे गरीब बंदियों की जमानत की व्यवस्था करने के साथ ही जुर्माना राशि भी भरेगी। इसको लेकर हाल ही में केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों के बीच बैठक भी आयोजित की जा चुकी है। इस मामले में राज्य सरकार ने केन्द्र के निर्देशों का पालन करते हुए केनरा बैंक में खाता भी खोला है। इसके बाद अब आगे उठाए जाने वाले कदमों को लेकर तैयारियां भी तेजी से की जा रही हैं। इसके तहत दो तरह की कमेटियों का गठन किया जाएगा।
किस जेल के कितने कैदी नहीं भर पा रहे जुर्माना
जुर्माना नहीं भर पाने वाले कैदियों की बात की जाए तो इनमें सर्वाधिक 12 कैदी भोपाल जेल में बंद हैं। इसी तरह से जबलपुर में 8, ग्वालियर में 5 और इंदौर जेल में 4  कैदी बंद है। इसके अलावा नरसिंहपुर में 10, रतलाम में 5, बड़वानी व सागर में 4-4, उज्जैन, सतना में 3-3, रीवा में 2 और नर्मदापुरम, शिवपुरी की जेल में एक -एक कैदी बंद हैं। इसी तरह से जुर्माना नहीं भर पाने की वजह से जेल से बाहर न आ पाने वालों में भोपाल जेल में कुल 42 कैदी हैं, जिनमें से 10 सजायाफ्ता और 32 अंडरट्रायल वाले हैं। इसी तरह से जबलपुर में 17 कैदी हैं, जिनमें से 8 सजायाफ्ता और 9 अंडरट्रायल के हैं, जबकि इंदौर में सजायाफता कैदियों की संख्या दो हैं। ग्वालियर में कुल 8 ऐसे कैदी हैं, जिनमें 6 सजायसाफ्ता और 2 अंडरट्रायल के कैदी हैं।
इन मामलों के कैदियों को राहत नहीं
एनडीपीएस एक्ट, पाक्सो, पीएमएलए, यूएपीए एक्ट वाले बंदियों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। गौरतलब है कि फिलहाल प्रदेशभर की जेलों में जमानतदार नहीं मिलने से 138 और जुर्माना नहीं भर पाने वाले 62 बंदी जेल में कैद हैं। राज्य व जिला स्तरीय कमेटियां पात्रता के आधार पर बंदियों को राहत दिलाने की प्रक्रिया शुरू करेगी। कमेटी में प्रमुख सचिव गृह जेल, सचिव विधि विभाग, डीजी जेल, सचिव राज्य विधिक प्राधिकरण, रजिस्ट्रार जनरल मप्र हाईकोर्ट। और जिला स्तरीय कमेटी में कलेक्टर, एसपी, जिला जज, जेल अधीक्षक, सचिव जिला विधिक प्राधिकरण। होंगे। जिला स्तरीय कमेटी 40 हजार तक जमानत राशि और 25 हजार जुर्माना राशि भर सकेगी। इसी तरह से राज्य स्तरीय कमेटी इससे अधिक के मामलों को देखेगी।

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