अर्जुन सिंह की प्रतिमा को लेकर राजनीति

  • भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी फिर बन रहे मुसीबत

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। बीते कई सालों से पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की प्रतिमा को अनावरण का इंतजार बना हुआ है। इसको लेकर समय-समय पर राजनीति होती रहती है। खास बात यह है कि प्रतिमा का अनवारण कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में भी नहीं हो सका।
अब इस मामले में एक बार फिर से राजनीति शुरु हो गई है। इसकी वजह है अलग विंध्य प्रदेश बनाए जाने की मांग बुलंद करने वाले मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी का वह ऐलान, जिसमें उनके द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अर्जुन सिंह की पुण्यतिथि पर चार मार्च को उनकी प्रतिमा का अनावरण करने की घोषणा की गई है। उनके द्वारा प्रतिमा स्थल पर विंध्य क्षेत्र के लोगों से अधिक से अधिक पहुंचने का आह्वान किया गया है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री की प्रतिमा व्यापमं चौराहे पर स्थापित की गई है, लेकिन दो साल से ज्यादा का वक्त गुजर जाने के बावजूद प्रतिमा का अनावरण नहीं हो सका है। त्रिपाठी का कहना है कि सिंह विंध्य के गौरव हैं और उनकी प्रतिमा को रस्सी से जकड़ कर रखा गया है। आज तक उसका अनावरण नहीं हो सका है। इससे पहले भी मैंने प्रतिमा का अनावरण कराए जाने की मांग राज्य सरकार से की थी।
यह प्रतिमा विंध्य के लोगों के दिलों में खटक रही है। इसलिए मैं विंध्य के लोगों से आह्वान कर रहा हूं कि वे चार मार्च को प्रतिमा स्थल पर एकत्रित हों और अनावरण करें। विंध्य क्षेत्र के लोगों से मेरा आग्रह है कि वे जात-पात, धर्म और दलगत राजनीति से ऊपर उठकर यह कार्य करें। दरअसल त्रिपार्ठी पृथ्क विंध्य को लेकर बीते लंबे समय से जागृति अभियान चला रहे हैं। गौरतलब है कि दो दिन पहले ही त्रिपाठी ने कर्मचारी चयन मंडल चौराहा पहुंचकर प्रतिमा की स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि चार मार्च को स्वर्गीय अर्जुन सिंह की पुण्यतिथि है, इसके पहले सरकार प्रतिमा का अनावरण कराए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर मूर्ति का अनावरण कराए जाने का आग्रह किया था, किंतु एक वर्ष बीतने के बाद भी मूर्ति ज्यों की त्यों खड़ी है। यह विंध्य क्षेत्र की जनता का अपमान है। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय अर्जुन सिंह केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री जैसे गरिमामय पदों पर रहें हैं।
यह हो चुका है विवाद
लिंक रोड नंबर एक स्थित नानके पेट्रोल पंप के पास पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अर्जुन सिंह की प्रतिमा के अनावरण से पहले ही विवाद शुरू हो गया था। तीन साल पहले भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने इस स्थान पर प्रतिमा लगाने का विरोध कर दिया था। इस वजह से प्रतिमा का अनावरण सुरक्षा संबंधी कारणों से टाल दिया गया था। राजधानी में लिंक रोड नंबर एक स्थित नानके पेट्रोल पंप के पास पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की प्रतिमा उसी स्थान पर लगाई गई थी, जिस स्थान पर पहले चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा लगी हुई थी। तीन साल पहले रोटरी हटाकर सड़क को चौड़ा करने के लिए भोपाल नगर निगम ने चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा को यहां से हटाकर अपेक्स बैंक की तरफ सड़क के किनारे स्थापित किया था। उसी स्थान पर अर्जुन सिंह की प्रतिमा लगाई गई थी।
हाईकोर्ट लगा चुका है जुर्माना
जबलपुर हाईकोर्ट भोपाल के टीटी नगर के पास नानके चौराहे पर लगी पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की प्रतिमा को हटाने का फैसला पहले ही सुना चुका है। हाईकोर्ट में दायर हुई जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने प्रदेश में 2013 के बाद सार्वजनिक स्थानों सड़कों और चौक चौराहों पर लगी मूर्तियों को हटाने का आदेश भी जारी किया था। इसके अलावा हाईकोर्ट द्वारा नगर निगम के अधिकारियों और राज्य सरकार पर 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया जा चुका है। दरअसल जबलपुर के अधिवक्ता ग्रीष्म जैन की ओर से हाईकोर्ट में दायर की गई जनहित याचिका में कहा गया था कि भोपाल के टीटी नगर में पूर्व सीएम अर्जुन सिंह की प्रतिमा लगाई गई है। इसे सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के बाद लगाया गया था, जब पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने पूरे प्रदेश में चौराहों और सार्वजनिक स्थानों पर मूर्तियां और प्रतिमा लगाने पर रोक लगा दी थी।
सरकार बदलते ही बदली दलील
गौरतलब है कि जनहित याचिका पर 2019 में सरकार की ओर से जो जवाब पेश किया गया था, उसमें दलील दी थी कि नानके चौराहे पर लगी पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के प्रतिमा से यातायात बाधित नहीं हो रहा है। इसके बाद मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद सरकार की ओर से कहा गया कि इस प्रतिमा की वजह से यातायात बाधित हो रहा है। सरकार की ओर से पेश किए गए जवाबों के कारण हाईकोर्ट ने सरकार पर 30 हजार का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही आदेश दिया है कि साल 2013 के बाद प्रदेश के सार्वजनिक स्थानों जैसे चौराहों और सड़कों पर लगी प्रतिमाओं को हटाया जाए।

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