- कांग्रेस-भाजपा के नेताओं के बीच वार-पलटवार

गौरव चौहान
मप्र में खाद की किल्लत खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। आलम यह है की खरीफ सीजन में पहले किसान डीएपी के लिए परेशान होते रहे, अब यूरिया के लिए मारामारी हो रही है। सरकार का दावा है कि प्रदेश में खाद का पर्याप्त भंडारण है। ऐसे में प्रदेश में खाद संकट को लेकर सियासी घमासान बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में खाद को लेकर राजनीति इस कदर गरमा गई है कि भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के बीच वार-पलटवार शुरू हो गया है।
दरअसल, रीवा-सतना में किसानों की लंबी कतारों को लेकर सांसद गणेश सिंह ने प्रदेश सरकार को पत्र लिखा। इस पत्र के बाद कांग्रेस भी प्रदेश सरकार पर हमलावर हो गई। अब एक बार फिर सांसद सिंह ने कांग्रेस पर पलटवार किया। दरअसल प्रदेश में खरीफ सीजन के दौरान खाद संकट की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। इसे लेकर कांग्रेस भी प्रदेश सरकार पर हमलावर थी। रीवा, सतना, दमोह, सीहोर समेत अन्य जिलों से खाद के लिए खड़े किसानों की लंबी कतारों की तस्वीरें सामने आई। खाद नहीं मिलने पर कई जिलों में किसानों ने विरोध प्रदर्शन कर सड़क जाम भी किया। इसी बीच बीते दिनों रीवा में खाद लेने पहुंचे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर आते ही सियासत गरमा गई।
सांसद ने वितरण व्यवस्था पर उठाया सवाल
दरअसल, सतना से भाजपा सांसद गणेश सिंह ने किसानों की समस्याओं को लेकर मोहन सरकार को एक पत्र लिखा जिसके बाद इस पत्र को लेकर भी सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। सांसद ने पत्र में यह लिखा सतना से चार बार सांसद रहे गणेश सिंह ने प्रदेश सरकार को लिखे पत्र में कहा है कि जिले में खाद वितरण की व्यवस्था पारदर्शी नहीं है। किसानों को डबल लॉक व्यवस्था में खाद दी जा रही है, जिसमें केवल सोसायटी के सदस्य ही लाभ ले पा रहे हैं, जबकि छोटे और सीमांत किसान दर-दर भटक रहे हैं। निजी दुकानों पर ऊंचे दामों पर खाद बिक रही है, जिससे किसान मजबूरी में इसे खरीद रहे हैं। पत्र में उन्होंने जिला प्रशासन से तत्काल व्यवस्था सुधारने की मांग की। साथ ही कहा प्रशासन चाहे तो वे और उनकी पार्टी हर तरह से इसमें सहयोग करने के लिए तैयार है।
पटवारी ने हाथों-हाथ लपका मुद्दा
भाजपा सांसद की चिट्ठी को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने हाथों-हाथ लिया। पटवारी ने मप्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश का अत्रदाता आज भाजपा की निकम्मी और भ्रष्ट सरकार की वजह से खाद के लिए दर-दर भटक रहा है। सरकार मंचों से दावा करती है कि खाद की कोई कमी नहीं है, जबकि हकीकत यह है कि खुद भाजपा सांसद गणेश सिंह ने अपनी चि_ी में किसानों की परेशानी स्वीकार की है। यह भाजपा सरकार की पोल खोलने के लिए पर्याप्त हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में किसानों को खाद लेने के लिए घंटों-घंटों कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है। सरकार किसानों पर लाठियां बरसा रही है। छोटे किसानों को खाद नहीं मिल पा रहा, जबकि बड़े किसानों और माफिया को भाजपा सरकार संरक्षण दे रही है। वितरण व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है और अधिकारी किसानों की पीड़ा पर ध्यान नहीं दे रहे है। उन्होंने कहा कि जब भाजपा के ही सांसद यह स्वीकार कर रहे हैं कि खाद वितरण में भारी गड़बड़ी है, तो यह साफ है कि भाजपा सरकार झूठ और जुमलों पर चल रही है। किसानों को धोखा देने वाली यह सरकार केवल माफियाओं और दलालों की हितैषी है। भाजपा सरकार के लिए किसान कोई प्राथमिकता नहीं है। पटवारी ने कहा कि कांग्रेस की मांग है कि खाद वितरण में तत्काल पारदर्शिता लाई जाए और किसानों को उनकी जरूरत के मुताबिक खाद तुरंत उपलब्ध कराया जाए। खाद माफिया और जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। पटवारी के हमले के बाद सांसद गणेश सिंह ने उन पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि मेरा मकसद किसानों को राहत दिलाना था। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पटवारी ने मनगढ़ंत और राजनीतिक षड्यंत्र से भरा पोस्ट लिखा है। जिसकी मैं निंदा करता हूं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की मोहन सरकार किसानों और सभी वर्गों के साथ खड़ी है। सरकार की ओर से प्रदेश के विकास के लिए लगातार ऐतिहासिक काम किए जा रहे हैं, जिसे देखकर कांग्रेस बौखलाई हुई है।
डायल-112 की निविदा पर दिग्गी ने उठाए सवाल
उधर, राज्यसभा सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मप्र के पुलिस महानिदेशक को एक पत्र लिखकर मप्र डायल 112 फेस-2 की निविदा में अनियमितताओं और घोटाले की जांच की मांग की है। पूर्व सीएम सिंह ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि मप्र में पुलिस विभाग के अंतर्गत मप्र डायल-112 फेस-2 की निविदा की शर्तों में अनियमितताएं करते हुए घोटाला किया गया है। उक्त निविदा की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे है। उन्होंने पत्र में कुछ नागरिक संगठनों द्वारा अपनी शिकायत के साथ उन्हें सौंपे गए दस्तावेजों के आधार पर डायल 112 फेस-2 की निविदाओं की जांच कराते हुए दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है।