पुलिस ने खोजा विरोध का नया तरीका

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इंदौर/बिच्छू डॉट कॉम। अनुशासित बलों में शामिल पुलिस ने इस बार विरोध का नया तरीका खोज लिया है। इसके तहत पुलिस अफसरों से लेकर आरक्षकों तक ने अपनी डीपी बदलते हुए उसमें सिर्फ दो लाइन लिखी हैं, कि पुलिस का भी मान होता है। इस अभियान को हाल ही में हुई दो घटनाओं के बाद की गई कार्रवाई के विरोध में शुरू किया गया है। इसमें बेहद अहम बात यह है कि इसकी शुरुआत भी उन पुलिस अफसरों व कर्मचारियों द्वारा एक साथ की गई है, जो सरकार की पसंद के माने जाते हैं। इसके तहत ही पुलिसकर्मियों ने अपने और परिवार के सदस्यों की डीपी में लगी तस्वीरों को हटाकर एक स्लोगन लगा लिया है। स्लोगन में लिखा है- खाकी का भी तो मान है ना। इसके माध्यम से उनके द्वारा अपनी नाराजगी को जाहिर किया जा रहा है। गौरतलब है कि इंदौर में बजरंग दल के प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था। इस मामले के तूल पकड़ने पर सरकार ने इलाके के डिप्टी पुलिस कमिश्नर धर्मेंद्र सिंह भदौरिया और थाना प्रभारी संजय सिंह बैंस को हटा दिया था। इस मामले में दावा किया गया था कि शुरुआती जांच में दोनों की गलती पाई गई है। इसके बाद कराई जा रही जांच का जिम्मा एडीजी एसटीएफ विपिन माहेश्वरी को सौंपा गया है। इस मामले में बजरंग दल के कार्यकर्ता पुलिस अधिकारियों पर एफआईआर की मांग पर अड़े हुए हैं। मांग पूरी नहीं होने की वजह से वे अपने बयान तक देने को तैयार नही हैं। अभी इंदौर का यह विवाद शांत भी नहीं हुआ था कि,  भोपाल के बिलखिरिया थाने में भी कुछ इसी तरह का मामला सामने आ गया। यहां पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक कॉलेज में प्रदर्शन किया था। इस दौरान उनका थाना प्रभारी और अन्य पुलिसकर्मीयों से विवाद हो गया था। विवाद के बाद बिलखिरिया थाना प्रभारी समेत तीन पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच कर दिया गया। तीसरा मामला दमोह का है। दमोह पुलिस ने बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ताओं के खिलाफ जिला बदर की कार्रवाई प्रस्तावित कर दी। इस पर उन्हें नोटिस जारी कर दिया गया। इस पर गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने रोक लगाते हुए प्रकरण को पुन:परीक्षण करने को कहा है। फिलहाल जिला बदर की कार्रवाई को रोक दिया है।
अनुशासित तरीके से जता रहे नाराजगी
दरअसल बजरंग दल को संघ और एबीवीपी को भाजपा का अनुसांगिक संगठन माना जाता है। लगातार तीन प्रकरण सामने आने के बाद कार्रवाई पुलिसकर्मियों के खिलाफ की गई है। इससे आहत होकर इंदौर और भोपाल समेत पूरे प्रदेश के पुलिसकर्मियों ने अपनी डीपी की तस्वीर बदल ली है। इसके जरिए पुलिसकर्मी अपना विरोध जता जा रहे हैं। वे अनुशासित तरीके से सरकार को अपनी नाराजगी से अवगत कराना चाहते हैं। सामान्य तौर पर कोई भी व्यक्ति अपनी डीपी और अपने स्टेटस पर अपने, परिजनों और अपने रिश्तेदारों की तस्वीर लगाता है। उस तस्वीर को हटाकर पुलिसकर्मियों ने स्लोगन लिखकर लगा लिया है।

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