पीएम आवास योजना: मप्र ने गुजरात को पछाड़ा ,अब उप्र की बारी

पीएम आवास योजना
  • प्रदेश की जोबट नगर परिषद ने पाया  देश में पहला स्थान

    भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। स्वच्छता से लेकर कई तरह के कामों में मप्र अपना पूरा देश में डंका बजा रहा है।  इसी तरह के एक अन्य मामले में भी मप्र के कदम तेजी से बढ़  रहे हैं। यह काम है शहरी इलाकों में  आवासहीनों को आशियाने देने के मामले में आवास तैयार करने का। इस मामले में भी प्रदेश ने गुजरात जैसे राज्य को पछाड़ दिया है और अब उप्र को पीछे छोड़ने  की तैयारी की जा रही है।  इसके साथ ही मप्र अब इस मामले में दूसरे नंबर पर काबिज हो चुका है। यह बात अलग है कि अभी इस मामले में कौन सा राज्य किस स्थान पर है इसकी औपचारिक रुप से घोषणा नहीं की गई है।  यह घोषणा स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की जाएगी। इसके लिए देशभर के राज्यों के कामकाज के हिसाब से रैंकिंग सूची तैयार की जा चुकी है। इसमें उत्तर प्रदेश पहला स्थान दिया गया है जबकि मप्र को दूसरा और गुजरात को तीसरे स्थान पर रखा गया है। इस सूची को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जारी किया जाएगा। खास बात यह है कि नगरीय निकायों के आवास निर्माण में भी मप्र के ही चार निकायों ने बाजी मारी है।  इस रैंकिंग में नगर परिषद जोबट देश में पहले नंबर पर है। यहां सौ फीसदी लोगों को आवास उपलब्ध कर दिए गए हैं।  इसी तरह से इसके बाद सेंधवा, मनावर और हटा नगरीय निकाय भी देश के शीर्ष पांच स्थानों में  कब्जा जमा सकते हैं। इस तरह से शहरी आवास योजना में मप्र को दोहरी सफलता मिलना तय माना जा रहा है।  इस योजना को तीन तरह से क्रियान्वित किया जा रहा है। पहली योजना उनके लिए है, जो सीमित आय वर्ग के हैं। ये नया आवास ले रहे हैं तो इसमें उन्हें सब्सिडी दी जाती है। दूसरी योजना जिनके पास जमीन है लेकिन कच्चे आवास है ये पर मकान नहीं बना पा रहे हैं और तीसरी योजना का लाभ उन लोगों को दिया जाता है, जो लोग झुग्गी क्षेत्रों में रह रहे हैं। इनके पास जमीन भी नहीं है।
    5.60 लाख लोगों को मिले आवास
    प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में अन्य तक करीब पांच लाख 60 हजार से अधिक लोगों को आवास उपलब्ध कराए जा चुके हैं। इसके लिए केन्द्र सरकार ने 100 दिवसीय कार्यक्रम चलाया था जिसमें देखा गया कि आवासों के आवेदनों के निराकरण से लेकर आवास बनाने और आवंटित करने में सरकार और निकाय स्तर पर कितने प्रयास किए गए हैं।
    योजना की अवधि में दो साल की वृद्धि
    प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अब दिसंबर 2024 तक संचालित की जाएगी। केंद्र सरकार ने इस स्कीम की शुरुआत जून 2015 में की थी। सरकार ने देश के नागरिकों के लिए हाउसिंग फॉर ऑल या सबके लिए आवास अभियान चलाया है।  इस अभियान के तहत  पीएम शहरी आवास योजना भी चलाई जाती है। इस स्कीम के तहत सरकार ने मार्च 2022 तक देश के हर योग्य शहरी लाभार्थी को आवास देने का लक्ष्य तय किया था, लेकिन इसकी मियाद समय-समय पर बढ़ाई जा रही है। सरकार के मुताबिक, 31 मार्च 2022 तक जिन घरों के आवेदन स्वीकार किए गए हैं, उन्हें सरकार की तरफ से वित्तीय मदद मुहैया कराई जाएगी। पीएम शहरी आवास योजना में 122.69 लाख घरों के आवेदन मंजूर हैं,जिन्हें  वित्तीय सहायता दी जा रही है। हालांकि इतने ही आवेदनों से काम नहीं चलेगा, इसलिए राज्यों  की मांग को देखते हुए पीएम आवास योजना (शहरी) की मियाद को दिसंबर 2024 तक के लिए बढ़ा दिया है।
    कितने घर बनकर तैयार
     सभी पात्र शहरी निवासियों को घर उपलब्ध कराने के लिए  पीएमएवाई-शहरी की योजना शुरू की गई थी, लेकिन योजना में अभी सभी योग्य लाभार्थी कवर नहीं हो सके , जिसकी वजह से  बचे लोगों के लिए भी स्कीम की तारीख को बढ़ा दिया गया है।  साल 2017 में स्कीम के अंतर्गत असली प्रोजेक्टेड डिमांड 100 लाख घरों की थी। इसकी  तुलना में 62 लाख घर तैयार हो चुके हैं। पीएम शहरी स्कीम में कुल मंजूर 123 लाख घरों में 40 लाख आवासों के आवेदन देर से प्राप्त हुए हैं। उसके बाद इसमें और 2 साल आवेदनों की छानबीन करने में लग गए।  इसको देखते हुए ही पीएम शहरी आवास योजना को 31 दिसंबर, 2024 तक लागू रखने का निर्णय किया है। इस स्कीम की मद में 2015 तक केंद्र सरकार ने 2.03 लाख करोड़ रुपये मंजूर किए हैं जबकि 2004-2024 के बीच 20,000 करोड़ रुपये ही शहरी आवास योजना के लिए दिए गए थे।

Related Articles