
- नेशनल हाईवे का रोड नेटवर्क हो रहा मजबूत
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र की तस्वीर बहुत बदल रही है। प्रदेश में नेशनल हाईवे का रोड नेटवर्क बड़ी तेजी से मजबूत हो रहा है। इसके अंतर्गत मप्र को प्रगति के पथ पर बढ़ाने के लिए विभाग ने सडक़ निर्माण में आधुनिक तकनीक, पर्यावरण संरक्षण, लोकपथ ऐप और गुणवत्ता नियंत्रण से राज्य का बुनियादी ढांचा ही बदल दिया है। प्रदेश में अधोसंरचना विकास अब केवल निर्माण कार्यों तक सीमित नहीं रह गया, बल्कि यह समग्र सामाजिक, आर्थिक और तकनीकी परिवर्तन का माध्यम बन चुका है। प्रदेश में 3 साल के भीतर करीब 30 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट पूरे होने हैं। इनमें एक भोपाल से बैतूल मार्ग के बीच आने वाला 20 किमी का हिस्सा उलझा है, क्योंकि ये वाइल्ड लाइफ एरिया है। हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि वाइल्ड लाइफ के क्लीयरेंस पर ही काम हो।
गौरतलब है कि केंद्रीय सडक़ एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अप्रैल 2024 में भोपाल में घोषणा की थी कि 3 साल में मप्र का एनएच नेटवर्क अमेरिका से अच्छा बनाएंगे। इसे पूरा करने के लिए एनएचएआई द्वारा डीपीआर बनाई जा रही है। वर्तमान में प्रदेश में 20 हजार करोड़ के काम चल रहे हैं। इस साल के अंत तक और दस हजार करोड़ की कार्ययोजना तैयार होगी। इसमें सात सडक़ें बनाई जाएंगी, जिसमें से 5 को उज्जैन की कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए बनाया जा रहा है। इससे यातायात सुधरेगा।
कई प्रोजेक्ट पर चल रहा काम
एक दर्जन से अधिक स्वीकृत प्रोजेक्ट बारिश के बाद शुरू होंगे। जिन प्रोजेक्ट का काम चल रहा है उनमें भोपाल जिले में संदलपुर से नसरुल्लागंज बायपास, विदिशा और सागर जिले में राहतगढ़ से बेरखेड़ी तक, सागर में लहदरा गांव जंक्शन से बेरखेड़ी गुरु गांव जंक्शन और सागर पश्चिमी बायपास और ग्वालियर शहर के पश्चिमी हिस्से में 4-लेन बायपास शामिल है। वहीं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकऱी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मालवा अंचल को लाभान्वित करने वाली 10 परियोजनाओं का धार जिले के बदनावर में लोकार्पण और भूमिपूजन कर चुके हैं। इनकी लागत 5,800 करोड़ है। सभी के काम चल रहे हैं। भोपाल से कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग में 11 पैकेज (हिस्से) हैं। इनमें पांच पैकेज में काम चल रहा है। छह अन्य पैकेज में बारिश के बाद काम शुरू होगा। इस मार्ग की कुल लागत 10 हजार करोड़ रुपए है। इस प्रोजेक्ट से भोपाल के साथ ही विदिशा, सागर, छतरपुर जिलों को फायदा मिलेगा। लोगों को कहना है कि इससे युवाओं को रोजगार मिलेगा, गरीबी दूर होगी। किसानों की फसल को अच्छा दाम मिलेगा। रोड कनेक्टिविटी बढ़ेगी और लोगों के जीवन में खुशहाली आएगी। इसके अलावा उज्जैन तक की कनेक्टिविटी आसान हो जाएगी। सिंहस्थ के पहले कई सडक़ें बनेंगी। उनमें बदनावर से टिमरवानी, उज्जैन-झालावाड़ फोरलेन रोड, इंदौर पूर्वी बायपास, सतना – चित्रकूट रोड, बैतूल – खंडवा रोड, देशगांव, खरगौन से झुलवानिया मार्ग, जबलपुर से दमोह शामिल हैं। एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी एस के सिंह का कहना है कि अधिकांश प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। कुछ परियोजनाओं में वन एवं पर्यावरण तथा वाइल्ड लाइफ की स्वीकृति मिलनी है। दिसंबर तक 10 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार होगी। 3 साल में 30 हजार करोड़ से अधिक के कार्य होने का टारगेट है।