
- एक महाविद्यालय का आवेदन करने पर एक उम्मीदवार को न्यूनतम एक हजार रुपए खर्च करने पड़े…
भोपाल/चिन्मय दीक्षित/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड का काम कर्मचारी भर्ती के लिए प्रारंभिक परीक्षा कराने का है लेकिन यह इन दिनों बेरोजगार युवाओं से ठगी करने के मामले में चर्चा में है। दरअसल प्रदेश के आठ शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में स्टाफ नर्स के लिए डेढ़ हजार से अधिक पदों पर भर्ती की जा रही है।
इसकी प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होने के लिए उम्मीदवारों को आठ हजार रुपए तक भुगतान करना पड़ा है। ऐसे में बड़ी संख्या में बेरोजगार युवा अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब संयुक्त परीक्षा कराई जा रही है तो अलग-अलग आवेदन के लिए अलग-अलग फीस क्यों जमा कराई गई। उम्मीदवारों का कहना है कि एमपी आॅनलाइन से परीक्षा कराने में बेरोजगार उम्मीदवारों को आर्थिक भार अधिक पड़ता है। बता दें कि अस्पतालों को कोरोना संक्रमण काल में जल्द से जल्द स्टाफ की जरूरत है। इसके बाद भी पीईबी द्वारा संयुक्त भर्ती परीक्षा कराने की कोशिश नहीं की गई। सभी के लिए अलग-अलग आवेदन मांगे गए, लेकिन जब अलग-अलग आवेदनों के नाम पर फीस वसूली गई, तो संयुक्त परीक्षाएं होने लगी। दिलचस्प यह है कि स्टाफ नर्स की भर्ती परीक्षा के लिए सभी महाविद्यालयों ने एक ही परीक्षा एजेंसी एमपी ऑनलाइन को चुना है।
परीक्षा एजेंसी एमपी ऑनलाइन की पोर्टल फीस सात सौ बीस रुपए है। यह फीस प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा आयोजित की जाने वाली भर्ती परीक्षा की कुल फीस से लगभग एक सौ साठ रुपए अधिक है। बता दें कि भर्ती परीक्षा के लिए पीईबी अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवारों से पांच सौ रुपए लेता है। इसके अलावा एमपी ऑनलाइन किओस्क से आवेदन जमा करने का पोर्टल शुल्क साठ रुपए है। रजिस्टर्ड सिटीजन से फॉर्म भरने पर बीस रुपए जमा करने होते हैं।
यदि सिटीजन के रूप में रजिस्टर्ड नहीं है तो चालीस रुपए जमा करने होते हैं। चूंकि बेरोजगार युवाओं ने एक से अधिक महाविद्यालयों के लिए आवेदन किए हैं ताकि उन्हें अधिक अवसर मिले। उन्हें जारी हॉल टिकट पर चार-चार महाविद्यालयों के नाम लिखे हैं। ऐसे में अब उनका कहना है कि जब संयुक्त परीक्षा हो रही है, तो अलग-अलग फीस क्यों ली गई।
जुलाई में हुईं दो संयुक्त परीक्षाएं
उल्लेखनीय है कि स्टाफ नर्स के लिए दो संयुक्त परीक्षाएं आयोजित हुई। एक परीक्षा दस जुलाई को बुंदेलखंड चिकित्सा महाविद्यालय सागर, जीआरएमसी ग्वालियर, चिकित्सा महाविद्यालय शहडोल और एमजीएम इंदौर के लिए हुई। वहीं तीन जुलाई को हुई संयुक्त परीक्षा एनएससीबी चिकित्सा महाविद्यालय जबलपुर, चिकित्सा महाविद्यालय छिंदवाड़ा, चिकित्सा महाविद्यालय दतिया और जीएमसी भोपाल के लिए हुई है।
हर महाविद्यालय के अलग आवेदन जमा कराया गया
बता दें कि सभी महाविद्यालयों ने भर्ती के लिए अलग-अलग नोटिफिकेशन जारी कराएं हर एक महाविद्यालय के लिए अलग-अलग आवेदन जमा हुए सभी के लिए फीस भी अलग-अलग ली गई। एक महाविद्यालय का आवेदन करने पर एक उम्मीदवार को न्यूनतम एक हजार रुपए खर्च करने पड़े। ऐसे में यदि किसी उम्मीदवार ने आठ महाविद्यालयों के लिए आवेदन किए तो करीब आठ हजार रुपए तक राशि बेरोजगार उम्मीदवार द्वारा चुकाई गई।