7 साल पुराने टेंडर पर हर साल करोड़ों का भुगतान

  • मैपकास्ट में हो रहा  टेंडर नियमावली की शर्तों का उल्लंघन

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। हमेशा विवादों में रहने वाला मप्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (मैपकास्ट) में बड़े स्तर का फर्जीवाड़ा सामने आया है। संस्थान में पदस्थ अधिकारियों ने शासन के टेंडर नियमावली की शर्तों का सीधा उल्लंघन करते हुए 7 साल पुराने टेंडर पर सुरक्षा और हाउस कीपिंग पर 1.5 करोड़ रुपये सालाना भुगतान किया जा रहा है। बताया जाता है कि इस पर मेपकास्ट के वित्तीय अधिकारी भी आपत्ति जता चुके हैं, लेकिन फर्जीवाड़ा रोकने की कोशिश नहीं की गई।  
हालांकि इस संदर्भ में मैपकास्ट  के डीजी डॉ. अनिल कोठारी का कहना है कि कोरोना काल के चलते टेंडर नहीं हो पाए थे। अब हम टेंडर करने की तैयारी कर रहे हैं। गौरतलब है कि मेपकॉस्ट में हमेशा किसी न किसी मामले को लेकर बराबर विवाद बना रहता है। अब सुरक्षा और हाउस कीपिंग के काम में शासन के टेंडर की शर्तों के उल्लंघन का मामला सामने आया है। मेपकॉस्ट में सात साल पुराने टेंडर पर ही सुरक्षा और हाउस कीपिंग पर 1.5 करोड़ रुपये सालाना भुगतान किया जा रहा है। जबकि टेंडर की शर्तों के अनुसार 2019 में नया टेंडर आमंत्रित करना था। मेपकॉस्ट में सुरक्षा एवं हाउस कीपिंग कार्य के  ठेकेदारों को लगातार 2017 के पुराने अनुबंध पर ही भुगतान हो रहा है। यह शासन के टेंडर नियमावली की शर्तों का सीधा उल्लंघन है। इस पर मेपकास्ट के वित्तीय अधिकारी भी आपत्ति जता चुके हैं।
लगातार बढ़ाई जा रही टेंडर की मियाद
मैपकास्ट में किस तरह की भर्राशाही और लापरवाही है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है, कि सुरक्षा और हाउस कीपिंग के काम के लिए लगातार टेंडर की मियाद बढ़ाई जा रही है। जबकि टेंडर शर्त अनुसार अनुबंध सितंबर 2019 में ही खत्म हो जाना चाहिए था परंतु 5 वर्ष में एक दर्जन से ज्यादा बार अनुबंध की मियाद बढ़ाकर ठेकेदारों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। हद तो यह है कि मेपकास्ट के महानिदेशक ने मार्च 2021 में खुद सुरक्षा और हाउस कीपिंग का अनुबंध अनिश्चित काल के लिए बढ़ा दिया। ऐसे में अब महानिदेशक पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। मेपकास्ट में 2019 से लगातार 10 बार से ज्यादा तीन-तीन माह अनुबंध में वृद्धि कर लाखों के भुगतान प्रति माह किए गए। इसके बाद से अब तक नए अनुबंध करने के लिए कोई टेंडर नहीं बुलाए गए। मेपकास्ट के प्रभारी लेखा चंद्रभान सिंह उइके सुरक्षा और हाउस कीपिंग के सात साल पुराने अनुबंध पर भुगतान को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि वह बातचीत करने के लिए अधिकृत नहीं है। उन्होंने जनसंपर्क अधिकारी या वरिष्ठ अधिकारियों से बात करने की बात कही।  
सुरक्षा एजेंसी का फायदा पहुंचाने की कोशिश
जानकारी के अनुसार मेपकास्ट में सुरक्षा कार्य एवं हाउसकीपिंग कार्य के लिए अप्रैल 2017 में टेंडर जारी कर अनुबंध किए गए थे। अनुबंध की शर्त अनुसार सुरक्षा एवं सफाई कार्य के लिए एक वर्ष के लिए अनुबंध किया गया था तथा इसके अतिरिक्त अनुबंध की शर्त के अनुसार आपसी सहमति से पूर्व निर्धारित दरों एवं शर्तों पर अधिकतम एक वर्ष अतिरिक्त यानी अधिकतम दो वर्ष में अनुबंध समाप्त हो चुका है। सुरक्षा एवं हाउस कीपिंग के ठेकेदारों को विज्ञान भवन परिसर, डीजी बंगला, तारामंडल, उज्जैन एवं  वेधशाला, डोंगला में सुरक्षा कार्य एवं हाउस कीपिंग का काम दिया गया है। सुरक्षा एजेंसी को फायदा पहुंचाने के लिये ऐसे ऐसे पाइंट तय किए जाते हैं जहां सुरक्षा कर्मियों की जरूरत भी नहीं होती है। कुछ सुरक्षा कर्मियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर यह भी बताया कि उनसे दिन में एक से ज्यादा शिफ्ट में काम करवाया जाता है पर पूरा भुगतान नहीं होता। वहीं, कई को कलेक्टर रेट के अनुसार भी भुगतान नहीं हो रहा है।

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