- दोनों शहरों में पांच-पांच जिले होंगे शामिल, सीएम से मिली एक्ट बनाने की मंजूरी

गौरव चौहान
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव प्रदेश का तेज गति से विकास चाहते हैं। यही वजह है कि प्रदेश के दोनों सबसे बड़े शहरों में भोपाल और इंदौर को मेट्रोपॉलिटन शहर बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए हाल ही में बनाए जाने वाले एक्ट के लिए मुख्यमंत्री द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गई है, जिससे दोनों शहरों के मेट्रोपॉलिटन शहर बनने का रास्ता साफ हो गया है। इन दोनों ही शहरों के उसके आसपास के 5-5 जिलों के इलाकों को मिलाकर मेट्रोपॉलिटन सिटी बनाए जाने की तैयारी है। अब शासन स्तर पर इसके लिए मप्र मेट्रोपॉलिटन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट एक्ट 2025 का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। इसे नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग द्वारा तैयार किया जाना है। तैयार किए गए ड्राफ्ट को मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति को भेजा जाएगा। समिति की मंजूरी के बाद एक्ट के मसौदे को विधानसभा के मॉनसून सत्र में पेश किया जा सकता है। बीते रोज मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मेट्रोपॉलिटन एरिया के गठन के प्रस्ताव की समीक्षा की गई। इस दौरान नगरीय आवास एवं विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय शुक्ला ने प्रेजेंटेशन में बताया कि इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया के प्रथम चरण का काम पूरा हो चुका है। भोपाल मेट्रोपॉलिटन एरिया के लिए कंसलटेंट की नियुक्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया भी तय कर दी गई है। इसके बाद दोनों शहरों के विकास का जिम्मा मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी का होगा। अगर भोपाल की बात की जाए तो इसका नाम सबसे पहले तय किया जाएगा । इसके लिए तीन संभावित नामों पर विचार विमर्श किया जा रहा है। इसमें भोपाल का नाम भोजपाल महानगरीय क्षेत्र हो सकता है। भोपाल मेट्रोपॉलिटन एरिया में भोपाल- सीहोर- रायसेन-विदिशा और राजगढ़ जिले के ब्यावरा को शामिल किया गया है। भोपाल विकास प्राधिकरण को मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलप करने के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है। हालांकि अभी तय नहीं है कि इन जिलों का कितना क्षेत्रफल भोपाल मेट्रोपॉलिटन एरिया में शामिल होगा। उल्लेखनीय है कि तीन साल पहले वर्ष 2022 में शिवराज सरकार ने भोपाल में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को मंडीदीप तक विस्तार करने के लिए मेट्रोपॉलिटन एरिया के प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी दी थी। उस वक्त भोपाल मेट्रोपॉलिटन का प्रारंभिक एरिया डिफाइन किया था, जिसमें भोपाल की 59 ग्राम पंचायतें और मंडीदीप निवेश क्षेत्र (रायसेन) की 9 ग्राम पंचायतें शामिल की गई थी। इसके लिए आयोजित बैइक में बताया गया कि कंसल्टेंट की नियुक्ति के लिए टेंडर जारी किया गया है, जो जून में ओपन होगा।
यह होगा फायदा
मेट्रोपॉलिटन एरिया बनने से नए उद्योगों और निवेशकों को आकर्षित करने का अवसर मिलेगा। नई टाउनशिप, सडक़ें, पुल, लॉजिस्टिक पार्क और अन्य बुनियादी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। स्वच्छता, सीवरेज, स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज जैसी सुविधाओं को बेहतर बनाया जाएगा। नए उद्योगों और व्यापारिक विस्तार से स्थानीय युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे। टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल, फार्मा और कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। योजना में पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए हरे क्षेत्रों और जल स्रोतों को संरक्षित करने पर ध्यान दिया गया है। झीलों, तालाबों और छोटे नदियों के संरक्षण की योजना बनाई जा रही है। योजना के तहत भोपाल-इंदौर में शहरी क्षेत्र से लगे इलाकों में नई आवासीय योजनाएं और कमर्शियल प्रोजेक्ट्स विकसित किए जाएंगे। इससे रियल एस्टेट सेक्टर में उछाल आएगा और निवेशकों के लिए नए अवसर बनेंगे। योजना के तहत किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों और बाजारों तक सीधी पहुंच मिलेगी। कृषि उत्पादों को बड़े बाजारों में बेचने के लिए लॉजिस्टिक सपोर्ट मिलेगा।
इंदौर में यह जिले होंगे शामिल
इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया में पांच जिले इंदौर, देवास, उज्जैन, धार और शाजापुर को शामिल किया गया है। कुल क्षेत्रफल करीब 9 हजार वर्ग किमी का होगा। इस एरिया की आबादी 55 लाख के करीब होगी। इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया को डेवलप करने का काम तेजी से हो रहा है। इसके लिए इंदौर विकास प्राधिकरण को नोडल एजेंसी बनाया है। आईडीए ने डेवलपमेंट प्लान तैयार करने के लिए कंसल्टेंट की नियुक्त कर ली है। मेट्रोपॉलिटन एरिया को 4 चरणों में डेवलप किया जाना है, जिसमें इंसेप्शन, सिचुएशन एनालिसिस, रीजनल एवं इन्वेस्टमेंट प्लान और डीपीआर शामिल है। इसके पहले चरण यानी इंसेप्शन का काम पूरा हो चुका है। अब सिचुएशन एनालिसिस का ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा यानी इसमें शामिल जिलों की अलग-अलग तहसील, निकायों का डेटा, वहां की जनसंख्या, स्थापित उद्योग, क्षेत्र की विशेषता की स्टडी होगी। इसके बाद वहां की भौगोलिक, आर्थिक, धार्मिक-सामाजिक स्थिति का आकलन होगा। कहां कौन सी इंडस्ट्री है, किस तरह की जरूरतें हैं, इसका भी खाका तैयार होगा। इसके बाद रीजनल एवं इन्वेस्टमेंट प्लान बनेगा, जिसमें ये देखा जाएगा कि मेट्रोपॉलिटन एरिया का समान रूप से विकास हो सके। इसके बाद डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट जारी की जाएगी। इसका नाम अवंतिका मेट्रोपॉलिटन रीजन रखे जाने की संभावना है।