
भाजपा बोली- कांग्रेस ने खुद के यूथ चुनाव में वोट चोरी की
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। एमपी यूथ कांग्रेस का चुनाव विवादों में घिर गया है। युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में सबसे ज्यादा वोट पूर्व मंत्री और जबलपुर से विधायक लखन घनघोरिया के बेटे यश घनघोरिया को मिले हैं। वोटों की गिनती के बाद भी चुनाव प्रक्रिया को लेकर युवा कांग्रेस के नेता ही नाराज हैं। युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रभारी मनीष शर्मा से कई युवा कांग्रेसियों ने चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायतें की हैं। 9 नवंबर को राहुल गांधी ने भी एसआईआर को वोट चोरी का हथियार बताया था वहीं मध्य प्रदेश के मंत्री विश्वास सारंग ने आरोप लगाए कि कांग्रेस ने खुद यूथ कांग्रेस के चुनाव में वोट चोरी की है।
आज हो सकती है आधिकारिक घोषणा
6 नवंबर को एमपी यूथ कांग्रेस में वोटों की गिनती का परिणाम घोषित किया गया था। इनमें यश को सबसे ज्यादा 3 लाख 13 हजार 730 वोट मिले हैं। जबकि भोपाल के अभिषेक परमार 2,38,780 वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे। तीसरे नंबर पर देवेन्द्र सिंह दादू रहे। प्रथम तीन उम्मीदवारों के दिल्ली में 9 नवंबर को इंटरव्यू हुए, लेकिन अभिषेक और देवेन्द्र सहित कई जिलों के युवा कांग्रेसियों ने चुनाव में गड़बड़ी को लेकर शिकायतें कीं। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष के नाम का ऐलान होल्ड कर दिया गया। अब आज दिल्ली में शिकायतों पर चर्चा के बाद निर्णय लिया जा सकता है। चुनाव में गड़बडिय़ों के आरोपों पर प्रदेश चुनाव अधिकारी मुकुल गुप्ता और युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रभारी मनीष शर्मा से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन दोनों ने जवाब नहीं दिया।
15 लाख युवाओं ने भरे थे मेंबरशिप फॉर्म
18 अप्रैल को एमपी में यूथ कांग्रेस के चुनावों की घोषणा के साथ ही सदस्यता शुरू हुई थी। ऑनलाइन मोड पर एप के जरिए कराई गई मेंबरशिप में हर नए सदस्य को 50 रुपए सदस्यता शुल्क भी अदा करना था। 20 जून से 19 जुलाई तक चलाए गए सदस्यता अभियान में 15,37,527 युवाओं ने सदस्यता फॉर्म भरे। इनमें से 63,153 युवाओं ने सदस्यता शुल्क जमा नहीं किया। सदस्यता शुल्क के साथ 14 लाख 74 हजार 374 युवाओं ने मेंबरशिप के लिए फॉर्म भरे।
दस लाख खर्च किए, वोट मिले साढ़े चार हजार, यह कैसे संभव?
राजगढ़ के शिव दांगी ने बताया कि मैंने 17490 युवाओं की सदस्यता कराई। इनकी मेंबरशिप के लिए अलग-अलग टीमें काम कर रहीं थीं। करीब 10 लाख का पेमेंट हम लोगों ने अपने अकाउंट से किया। दूसरे खर्चे मिलाकर करीब 20-22 लाख रुपए खर्च हुए। कुछ मेंबर गाइडलाइन के तहत रिजेक्ट कर दिए। 43 हजार मेंबरशिप हुई थी। पूरे राजगढ़ जिले में मात्र 10 हजार वैलिड वोट बचे थे। 13 हजार मेंबर होल्ड किए गए। 10 हजार वैलिड बचे वोटों का मैंने हिसाब लगाया उनमें से मुझे 7 हजार वोट मिल रहे थे। उसके बाद जो 13 हजार वोट होल्ड थे उनमें करेक्शन कराया तो करीब 3300 वोटर वैलिड हो गए। ऐसे मेरे 13 हजार वोटर सही थे। लेकिन जब वोट का रिजल्ट आया तो मुझे मात्र 4500 वोट मिले। इस मामले की शिकायत मैंने ईमेल के जरिए शिकायत की है।
