
- अब दूसरे प्रदेशों में लागू करने की तैयारी में जुटा केन्द्रीय संगठन…
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। लगातार चार बार की सरकार के बाद भी विधानसभा चुनाव में जिस तरह से भाजपा को अप्रत्याशित सफलता वह भी 48 फीसदी मतों के साथ मिली है, उसका श्रेय प्रदेश में लागू किए गए बूथ प्रबंधन को जाता है। यही वजह है कि अब मध्यप्रदेश में लागू किए गए बूथ प्रबंधन के सफल मॉडल को भाजपा अब संगठनात्मक स्तर पर पूरे देश में लागू करने की तैयारी कर रही है। पार्टी इस मॉडल को तीन महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में भी आजमाना चाह रही है। मध्यप्रदेश को भाजपा का गढ़ माना जाता है, लेकिन राजनीतिक प्रयोग के मामले में मध्यप्रदेश को भाजपा की नर्सरी भी माना जाता है। भाजपा के बूथ प्रबंधन का मॉडल इसी नर्सरी में तैयार किया गया था। मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा की बंपर जीत में बूथ प्रबंधन के मॉडल पर अमल करते हुए मतदान के दिन सुबह छह बजे से बूथ के कार्यकर्ता सक्रिय हो गए थे। वे अपने इलाके के लोगों को जल्दी वोट डालने के लिए प्रेरित करते रहे हैं। भाजपा आलाकमान ने भी एमपी के इस मॉडल को खूब सराहा है। लिहाजा लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान भाजपा इसे दीगर राज्यों में भी लागू करने जा रही है। कुछ दिन पहले भाजपा के देशभर के पदाधिकारियों की दिल्ली में बैठक हुई थी। बैठक में मध्यप्रदेश भाजपा के अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने बूथ प्रबंधन के मॉडल को लेकर प्रेजेंटेशन दिया था। शर्मा ने इस दौरान 51 फीसदी वोट शेयर हासिल करने के लक्ष्य तय करने सहित अन्य नवाचारों का ब्यौरा भी प्रजेंटेशन के दौरान दिया था। शर्मा ने अपने प्रेजेंटेशन में बताया था कि पार्टी ने कमजोर और लगातार हारने वाली सीटों को लेकर संगठन स्तर पर काम किया और विधानसभा सीटों पर अपनी पकड़ को मजबूत करने की रणनीति पर फोकस किया।
ऐसे हासिल किया था लक्ष्य
मध्यप्रदेश में विशेष सदस्यता अभियान चलाया गया था। मोबाइल पर मिस्ड काल के जरिए 17 लाख से अधिक नए सदस्य जोड़े गए। हर बूथ पर दीवार लेखन के तहत कमल के फूल और भारत सरकार के नारे लिखवाए गए थे। इसके अलावा 42 हजार बूथों पर वाट्स एप ग्रुप बनाया गया। शक्ति सम्मेलन में शक्ति केंद्र की टोली और बूथ के अध्यक्ष, महामंत्री और बीएलए को पार्टी की ओर से परिचय पत्र प्रदान किया गया था। लाभार्थियों से संपर्क कर कार्यकर्ताओं ने उनके घरों में पार्टी का झंडा लगाया था। इंटरनेट मीडिया पर तमाम तस्वीरें पोस्ट की गई थीं। मतदान के दिन जनजागरण अभियान के तहत सुबह छह बजे से कार्यकर्ताओं ने जागकर अपने परिवार और पड़ोसियों को मतदान केंद्र तक ले गए और उनसे मतदान कराया था।