भाजपा संगठन में बढ़ी महिलाओं की भागीदारी

भाजपा संगठन
  • जिलों में महिलाओं को सौंपी जा रही महत्वपूर्ण जिम्मेदारी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। भाजपा के संगठनात्मक ढांचे में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। भाजपा ने जनवरी में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद अब जिला कार्यकारिणी की घोषणा कर रही है। अब तक घोषित 16 जिलों की कार्यकारिणी में महिलाओं को 25 से 33 प्रतिशत स्थान दिया जा रहा है। एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग को भी प्रतिनिधित्व मिला है। प्रत्येक जिला कार्यकारिणी में पांच से सात महिला नेताओं को उपाध्यक्ष से लेकर महामंत्री और मंत्री पद दिया गया है। पिछले दिनों भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष द्वारा भोपाल ली गई बैठक के बाद से ही जिला कार्यकारिणी की घोषणा शुरू हुई थी। भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की भी घोषणा जल्द की जानी है। इनमें भी महिलाओं का 33 प्रतिशत प्रतिनिधित्व देखने को मिलेगा।
मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ रहा है। महिलाओं को अहम पद सौंपे जा रहे हैं। जिला कार्यकारिणी के गठन के साथ महिलाओं को प्रमुख जिम्मेदारी सौंपे जाने की शुरुआत भाजपा ने कर दी है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में युवा मोर्चा, प्रदेश कार्यकारिणी सहित अन्य समितियों में भी महिलाओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने अपनी नई टीम बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अभी जिला कार्यकारिणी का गठन का किया जा रहा है। अब तक 20 से ज्यादा जिलों की कार्यकारिणी का गठन हो चुका है। दरअसल मप्र भाजपा पीएम नरेंद्र मोदी के महिला सशक्तीकरण के सिद्धांत पर चल रही है। इसलिए पार्टी से जुड़ी महिलाओं को महत्वपूर्ण दायित्व सौंपे जा रहे हैं। भाजपा की नई कार्यकारिणियों में महिलाओं को 20 से 33 प्रतिशत तक प्रतिनिधित्व दिया गया है। प्रत्येक जिले में पांच से सात महिला नेताओं को उपाध्यक्ष, महामंत्री और मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर जगह दी गई है। यह संख्या पिछली कार्यकारिणी की तुलना में काफी अधिक है।
सात जिलों में महिलाओं को बनाया अध्यक्ष
गौरतलब है कि भाजपा ने 62 संगठनात्मक जिलों में से सात जिलों में महिलाओं को अध्यक्ष बनाया है। सागर ग्रामीण में रानी पटेल कुशवाहा, टीकमगढ़ में सरोज राजपूत, शहडोल में अमिता चपरा, सिवनी में मीना बिसेन, नर्मदापुरम में प्रीति शुक्ला, खरगोन में नंदा ब्रह्मने और नीमच में वंदना खंडेलवाल को अध्यक्ष बनाया गया है। जबकि पिछली बार केवल पांढुर्णा में महिला जिला अध्यक्ष थीं। वहीं कांग्रेस ने 71 संगठनात्मक जिलों में से केवल चार जिलों नरसिंहपुर (सुनीता पटेल), आगर-मालवा (विजयलक्ष्मी तंवर), खंडवा (प्रतिभा रघुवंशी) और सिंगरौली (सरस्वती सिंह मरकाम) में महिलाओं को अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं नर्मदापुरम की जिला कार्यकारिणी में 19 में से 5 महिलाओं को प्रमुख पद दिए गए हैं। जबलपुर ग्रामीण की कार्यकारिणी में भी 21 में से 5 महिलाओं को प्रमुख दायित्व सौंपे गए है। इसी तरह श्योपुर की जिला कार्यकारिणी में 20 में से 4 पद महिलाओं को दिए गए है। हरदा में 6, सागर ग्रामीण में 6, मऊगंज में 6, देवास में 6, बैतूल में 7, सीधी में 6, भोपाल ग्रामीण में 6, बालाघाट में 6, दमोह में 6, उज्जैन ग्रामीण में 5, उज्जैन नगर में 4, पाढुर्णा में 6, छिंदवाड़ा में 4, डिंडौरी में 7, शाजापुर में 7, शहडोल में 4 महिलाओं को जिला कार्यकारिणी में जगह दी गई है।
महिला सशक्तिकरण को महत्व
गौरतलब है कि लाड़ली बहना योजना के असर के चलते पिछले विधानसभा चुनाव में मप्र में भाजपा को 230 में से 163 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इसके बाद लोकसभा चुनाव में 6 महिलाओं को टिकट दिया गया था और सभी महिला उम्मीदवार सांसद का चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचीं। इसके बाद से सरकार ने महिलाओं को फायदा पहुंचाने कई योजनाएं बनाई हैं। अब संगठन भी महिलाओं का भागीदारी बढ़ा रहा है। भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में हिंदी पट्टी राज्य मप्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बड़ी जीत हासिल की थी। इन राज्यों में भाजपा के लिए महिला वोटर अहम रही थी। माना जाता है कि पिछले चुनाव में लाड़ली बहना योजना महत्वपूर्ण साबित हुई थी। इसके बाद राजनीति में भी भाजपा महिलाओं की भागीदारी बढ़ा रही है। इसकी तैयारी भाजपा ने अभी से शुरू कर दी है। सत्ता और संगठन का फोकस महिलाओं पर अधिक है। महिलाओं को लेकर कई तरह की योजनाएं सरकार बना रही है। अब संगठन ने भी इस पर काम शुरू कर दिया है। महिला नेताओं के साथ-साथ एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों को भी कार्यकारिणी में पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिला है। इससे भाजपा ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि संगठन में सभी वर्गों को बराबरी से अवसर दिए जा रहे हैं। राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष के दौरे के बाद मप्र भाजपा की नई टीम के गठन की शुरुआत हुई थी। माना जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व के अनुसार हेमंत खंडेलवालन अपनी नई टीम बना रहे है।
अब प्रदेश कार्यकारिणी में 33 प्रतिशत प्रतिनिधित्व की उम्मीद
मध्यप्रदेश भाजपा में संगठनात्मक फेरबदल की प्रक्रिया तेज हो गई है।  जिलों की कार्यकारणी के बाद अब प्रदेशाध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल को पार्टी नेतृत्व ने अपनी नई कार्यकारिणी गठित करने की पूरी अनुमति दे दी है। वे प्रदेशभर से अनुभवी और समर्पित कार्यकर्ताओं को शामिल कर एक नई टीम तैयार करेंगे। जिस तरह जिलों में महिलाओं को महत्व दिया जा रहा है, उससे उम्मीद है की अब प्रदेश कार्यकारिणी में 33 प्रतिशत महिलाओं को प्रतिनिधित्व की उम्मीद है। जानकारी के अनुसार पार्टी की नीति एक व्यक्ति, एक पद के तहत वर्तमान कार्यकारिणी में शामिल सांसदों, मंत्रियों और विधायकों को संगठनात्मक दायित्वों से मुक्त किया जाएगा। इस समय पार्टी की प्रदेश इकाई में सात सांसद, एक कैबिनेट मंत्री और छह विधायक विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं। पार्टी की रणनीति है कि संगठन के कार्यों को पूर्णकालिक रूप से निभाने वाले ऐसे कार्यकर्ताओं को आगे लाया जाए, जिनकी जमीनी पकड़ मजबूत है और जो संगठनात्मक कामकाज में सक्रिय हैं। इसी के तहत अब नए और कम चर्चित लेकिन प्रभावी चेहरों को प्रदेश टीम में स्थान मिल सकता है।

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