पर्यटन के साथ विकास का जिम्मा भी अब पंचायतों को

पंचायतों
  • पर्यटन बढऩे से गांवों की अर्थ-व्यवस्था को मिल रही मजबूती

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र के ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन बढऩे से अब गांव की अर्थ-व्यवस्था को मजबूती मिल रही है। सरकार ने करीब 300 गांवों में होम स्टे योजना लागू की है। ग्रामीण संस्कृति और परिवेश को समझने विदेशों और शहरों से पर्यटक आकर रुकने लगे हैं और उनकी संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में प्रदेश में ग्रामीण पर्यटन को लेकर नए कदम उठाए जाएंगे। इससे पंचायतों की जिम्मेदारी भी बढ़ेगी। क्षेत्रीय विकास के रोडमैप के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी अब पंचायतों की होगी। यानी प्रदेश में ग्रामीण पर्यटन की जिम्मेदारी पंचायतें संभालेंगी। दरअसल, ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने पर काम हो रहा है। इसमें पंचायतों को भी जोडक़र  काम करने पर विचार हो रहा है। अहम ये कि ग्रामीण पर्यटन को अमरीका, जर्मनी, फ्रांस सहित कई देशों के पर्यटकों ने पसंद किया है। ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने सभी पंचायतों से आग्रह किया है कि वे अपने यहां पर्यटन की संभावना वाले गांवों की पहचान कर पर्यटन गांव बनाने के लिए प्रस्ताव भेजें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने से गांव की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र लोधी का कहना है कि प्रदेश में ग्रामीण पर्यटन को अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। करीब 117 गांवों में होम स्टे का निर्माण होना है। इसे बढ़ावा देने के लिए और कदम उठाए जा रहे हैं।
पंचायतों की बढ़ेगी जिम्मेदारी
सरकार ने करीब 300 गांवों में होम स्टे योजना लागू की है। अब आगे तैयारी है कि जिन गांवों में कोई प्राकृतिक स्थल या होम स्टे है, तो वहां संबंधित पंचायत कनेक्टिंग एरिया का विकास प्लान तैयार कर काम करे। संबंधित जगह तक पहुंच मार्ग, सडक़, पानी, बिजली सहित अन्य सुविधाओं को लेकर जिम्मेदारी दी जा सकती है। अभी होम स्टे चुनने के लिए पहले से कनेक्टिविटी सहित अन्य पहलुओं को देखा जाता है। बावजूद इसके ऐसी कई जगह से मांग आती है, जहां सडक़, बिजली या दूसरी मूलभूत सुविधाओं की दिक्कत है। इसके अलावा प्रदेश में ऐसे सैकड़ों छोटे पर्यटन स्थल हैं जो बेहतर होने के बावजूद स्थानीय स्तर पर सुविधाएं न होने से पर्यटन से दूर हैं। इस कारण इन क्षेत्रों को लेकर काम होगा।
रोजगार बढ़ाने पर फोकस
ग्रामीण पर्यटन बढ़ाने के पीछे सरकार की मंशा है कि लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल सके। गौरतलब है कि प्रदेश में 2021 के बाद से ग्रामीण पर्यटन को विशेष तौर पर बढ़ावा दिया गया है। इसमें होम स्टे अहम योजना रही। 117 गांवों में और होम स्टे का काम चल रहा है। होमस्टे बनाने के लिए अनुमानित लागत 5 लाख में से 2 लाख तक सब्सिडी दी जाती है। सितंबर में केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने मप्र के तीन गांव प्राणपुर, साबरवानी और लाडपुरा खास को अंतरराज्यीय पर्यटन में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम घोषित किया था। ग्रामीण युवाओं को फोकस करके ग्रामीण विकास विभाग पर्यटन विभाग के साथ मिलकर काम करेगा। इसमें होम स्टे सहित अन्य योजनाओं के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं।

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