पंचायत प्रतिनिधि करेंगे प्रदेश कांग्रेस बूथ प्रबंधन की अगुवाई

पंचायत प्रतिनिधि
  • कमलनाथ ने तैयार की रणनीति, पंचायत प्रकोष्ठ को दिया ज़िम्मा

भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में इसी साल नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसकी वजह से अब कांग्रेस ने भी जीत के लिए कमर कसना शुरु कर दिया है। इसी कड़ी में अब खासतौर पर मैदानी स्तर पर कांग्रेस ने पंचायत प्रतिनिधियों को आगे करने की रणनीति तैयार की है।  इसके तहत ग्रामीण इलाकों में बूथ प्रबंधन की कमान पंचायत प्रतिनिधियों को सौंपने की तैयारी की जा रही है। इसका जिम्मा पार्टी ने अपने पंचायत प्रकोष्ठ को सौंपा है।
यह प्रकोष्ठ ऐसे कार्यकर्ताओं की सूची तैयार करने में लगा हुआ है, जो पूरा समय मतदान केंद्र पर दे सकें। यही नहीं अब कांग्रेस ने ग्रामीण इलाकों में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए सरपंच, जनपद एवं जिला पंचायत सदस्यों की मांगों को लेकर प्रदेश में बड़े आंदोलन करने की भी तैयारी शुरु कर दी है। बताया जा रहा है कि इसके लिए विधानसभा का बजट सत्र समाप्त होने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ बैठक कर इसकी तैयारियों की समीक्षा करेंगे। यही नहीं कांग्रेस ने उन कर्मचारियों को साथ देना भी तय कर लिया है ,जो सरकार से नाराज चल रहे हैं और सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर मोर्चा खोलने जा रहे हैं। दरअसल प्रदेश में कांग्रेस विधानसभा चुनाव में मतदान केंद्रों का प्रबंधन करने के लिए तीन स्तरीय व्यवस्था बनाने की तैयारी मे हैं। इसमें पार्टी की सभी इकाइयों की टीम मतदान केंद्र पर सक्रिय रहेगी। पंचायत राज प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डीपी धाकड़ का कहना है कि पंचायत चुनाव में कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार बड़ी संख्या में चुनाव जीते थे। पुलिस, प्रशासन और पैसों का दुरुपयोग करके भाजपा ने जिला और जनपद पंचायत में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष अपने बनवा लिए पर ये आज भी मन से कांग्रेस से ही जुड़े हैं। सरपंच और पंच भी बड़ी संख्या में कांग्रेस समर्थित हैं। इन सबको विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बूथ प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी क्योंकि, इनका ही नेटवर्क सबसे मजबूत होता है। वे स्थानीय परिस्थितियों की बेहतर समझ के साथ यह भी जानते हैं कि कहां क्या सुधार करने की जरूरत है और इसके लिए कौन उपयोगी रहेगा। यही कारण है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने ऐसे पंचायत प्रतिनिधियों को चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं, जिन्हें बूथ प्रबंधन का दायित्व सौंपा जा सके। यह कार्य चुनाव की दृष्टि से सर्वाधिक महत्वपूर्ण रहेगा इसलिए लोगों को चिह्नित किया जाएगा जिन्हें कोई किसी भी तरह प्रभावित नहीं कर पाए। उधर, भोपाल में जल्द ही प्रदेशव्यापी आंदोलन भी किया जाएगा। दरअसल, सरपंच से लेकर पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकार छीन लिए गए हैं। सरकार ही पंचायतों को चला रही है जो संविधान की मूल भावना के विरुद्ध है। पंचायतराज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के अधिकार बहाली को लेकर यह आंदोलन होगा।

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