पहली पसंद बना खुशीलाल आयुर्वेद अस्पताल का पंचकर्म सेंटर

पंचकर्म सेंटर
  • आयुष मंत्रालय और पीआईबी के अधिकारियों ने देखी पंचकर्म की सुविधा

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। राजधानी के पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेदिक अस्पताल का पंचकर्म सेंटर देश और विदेशियों के बीच पहली पसंद बनता जा रहा है। यहां देशभर से लोग आयुर्वेदिक की मदद से अपनी जीवनशैली के साथ इलाज करने पहुंच रहे हैं। खासकर यहां विदेशी भी अपना इलाज करवाने पहुंचे रहे हैं। कलियासोत पहाड़ी पर बने प आयुर्वेदिक अस्पताल के पंचकर्म सेंटर अब तक लगभग पांच हजार के करीब लोगों ने पंचकर्म कराकर फायदा ले चुके हैं, जिसमें से करीब 20 प्रतिशत लोग ऐसे थे जो दूसरे देशों के नागरिक थे और भोपाल में इलाज कराने आ चुके हैं। शुक्रवार को पं खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. उमेश शुक्ला ने पंचकर्म सेंटर की सफलता के बारे में कहा कि पंचकर्म से न सिर्फ नई पीढ़ी को पुराने आयुर्वेदिक ज्ञान से जोड़ रहे हैं, बल्कि गर्भवती महिलाओं और उनके होने वाले बच्चों को भी सेहतमंद बनाने में योगदान दे रहे हैं। इस दौरान पीआईबी दिल्ली के सहायक निदेशक डॉ. अरुण कुमार सिंह, पीआईबी भोपाल के सहायक निदेशक अजय उपाध्याय व प्रेम गुप्ता और आयुष विभाग से डॉ. राजीव मिश्रा, पंचकर्म सेंटर के प्रभारी डॉ. राजेश मेश्राम भी मौजूद रहे।
सेमी प्राइवेट में 700 रुपए प्रतिदिन का खर्च, डीलक्स में 3500 रुपए
यहां सेमी प्राइवेट वार्ड में कुल 30 बेड है, जिसमें 700 रुपए प्रतिदिन का खर्चा होता है। इसमें भोजन शामिल नहीं है। डीलक्स रूम कुल 17 हैं. जिसका 3500 रुपए प्रतिदिन का खर्च है। इसमें भोजन, रुकने से लेकर पंचकर्म भी शामिल है। सुपर डीलक्स तीन रूम हैं, जिसका प्रतिदिन का खर्चा 4900 रुपए है। इसमें भोजन और रुकने से लेकर पंचकर्म शामिल की सुविधा है।  यह सेंटर योग, फिजियोथेरेपी डाइट और अन्य वेलनेस गतिविधियों की सुविधा भी प्रदान करता है। यह वेलनेस सेंटर उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो अपनी खराब जीवनशैली के कारण होने वाली बीमारियों से छुटकारा पाना चाहते हैं या अपनी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना चाहते हैं। पंचकर्म सेंटर में हृदय, लिवर, मधुमेह, तनाव जैसी बीमारी व्ग्रसित लोग आते हैं, जो खराब जीवनशैली के चलते परेशान हैं। इसी के चलते लोग यहां अपने शरीर को राहत देने के लिए पर्चकर्म कराने पहुंच रहे हैं।
कालापानी, सूखी सेवनिया आयुष ग्राम
डॉ. शुक्ला ने बताया कि भोपाल के कालापानी और सूखी सेवानिया गांव को आयुष ग्राम के तहत चुना गया है, जहां घर-घर सर्वे कर आयुष कार्ड बनाए गए हैं। इन गांवों में लोगों की नियमित स्वास्थ्य जांच की जाती है और जरूरत पडऩे पर मुफ्त दवाएं भी दी जाती हैं। यह सब मिलकर एक स्वस्थ समाज बनाने की दिशा में खुशीलाल आयुर्वेदिक कॉलेज का एक बड़ा योगदान है।
72 स्कूलों में जड़ी-बूटी का कोर्स
संस्थान के विशेषज्ञों ने भोपाल के 72 स्कूलों में एक खास कोर्स शुरू किया है। इस कोर्स के जरिए बच्चों को समझाया जा रहा है कि हमारे आसपास कौन-कौन से पौधे हैं, जो दवा के तौर पर काम आते है। बच्चों के लिए अपने हर्बल गार्डन टूर भी शुरू करने जा रहे हैं। हर्बल गार्डन में करीब 400 तरह के औषधीय पौधे हैं, जिनमें से 40 ऐसे हैं जो अब लुप्त होने की कगार पर है।

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