
विद्युत वितरण कंपनियों में वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं कर्मचारी
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनी में आउटसोर्स लाइन कर्मियों एवं मीटर वाचकों पर झूठे आरोप लगाकर नौकरी से निकाला जा रहा है। अधिकांश आउटसोर्स लाइन कर्मी एवं मीटर वाचक 45 से 50 वर्ष की उम्र के बीच पहुंच गए हैं, इस उम्र में उनके समक्ष परिवार के पालन पोषण का यक्ष प्रश्न खड़ी हो चुका है, क्योंकि इस उम्र में उन्हें अन्यत्र कहीं नई नौकरी भी नहीं मिल पायेगी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में वर्ष 2002 में घरों एवं प्रतिष्ठानों में स्थापित विद्युत मीटर की रीडिंग लेने के लिए हजारों मीटर वाचकों को भर्ती किया गया था। वहीं लगभग 20 वर्ष पूर्व मेंटेनेंस और करंट का कार्य करने के लिए विभिन्न ठेका कंपनियों के माध्यम से आउटसोर्स लाइन कर्मियों की भर्ती की गई थी। अब मैदानी अधिकारी इन आउटसोर्स कर्मियों पर विभिन्न आरोप लगाकर नौकरी से निकाल रहे हैं। इतना ही नहीं, इन्हें ब्लैक लिस्टेड भी किया जा रहा है, ऐसा होने के बाद वे प्रदेश की किसी भी बिजली कंपनी में नौकरी नहीं कर पाएंगे।
नई भर्ती में होता है जमकर लेन-देन
वहीं विद्युत सूत्रों का कहना है कि मैदानी अधिकारी ठेका कंपनी के अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर 45 वर्ष की उम्र के आसपास के आउटसोर्स कर्मियों पर विभिन्न आरोप लगाकर नौकरी से निकाल देते हैं और फिर नई भर्ती में जमकर लेन-देन किया जाता है।
आदेश का उल्लंघन
पूर्व क्षेत्र कंपनी में 22 अगस्त 2025 को प्रबंध संचालक के आदेश पर तत्कालीन महाप्रबंधक मानव संसाधन एवं प्रशासन ने सर्कुलर जारी कर कार्यरत मीटर वाचकों एवं अनुबंधित मीटर वाचकों को सेवा से पृथक न कर नये पदों पर नियोजित करने के आदेश दिए थे। जबकि आउटसोर्स लाइन कर्मियों पर लापरवाही के आरोप लगाकर नौकरी से निकाला जा रहा है।
इनका कहना है…
ये एक रेग्युलर प्रक्रिया है और अधीक्षण अभियंता इसके लिए सक्षम अधिकारी होते हैं।
संपदा सराफ, मुख्य महाप्रबंधक, मानव संसाधन एवं प्रशासन, मप्रपूक्षेविविकं
प्रदेश की सभी विद्युत वितरण कंपनियों में 23 वर्षों से कार्यरत मीटर वाचक और आउटसोर्स लाइन कर्मियों पर झूठा आरोप लगाकर नौकरी से निकालकर ब्लैक लिस्टेड किया जा रहा है।
हरेंद्र श्रीवास्तव, प्रांतीय महासचिव, मप्रविमं तकनीकी कर्मचारी संघ
