
- ब्लैक लिस्टेड होने के बाद भी एएनएस कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और सारथी कंस्ट्रक्शन को बांध पूरा करने की जिम्मेदारी
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। 305 करोड़ के कारम बांध को तीसरा ठेकेदार ही पूरा करेगा। क्योंकि कारम मध्यम सिंचाई परियोजना का ठेका दिल्ली की एएनएस कंस्ट्रक्शन कंपनी ने लिया था और अपना कमीशन निकालकर काम सहयोगी सारथी कंपनी को सौंप दिया था। इस कंपनी ने भी आगे तीसरे ठेकेदार को काम दे दिया, जिसने इस बांध का अभी तक निर्माण किया है। आगे भी यही ठेकेदार बांध का निर्माण करेगा।
गौरतलब है कि धार जिले के कारम मध्यम सिंचाई परियोजना में निर्माणाधीन बांध में रिसाव की घटना के बाद मुख्य अभियंता, जल संसाधन विभाग, नर्मदा ताप्ती कछार, जल संसाधन विभाग इंदौर ने बांध निर्माण का ठेका लेने वाली दिल्ली की एएनएस कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और पेटी कॉन्ट्रेक्ट पर 50 प्रतिशत काम करने वाली ग्वालियर की फर्म सारथी कंस्ट्रक्शन के सिविल ठेका पंजीयन निरस्त करते हुए दोनों ही कंपनियों को काली सूची में डाल दिया है। इसके बावजूद इस क्षतिग्रस्त और निर्माणाधीन बांध के अधूरे काम को आगे भी यह इन्हीं कंपनियां ही पूरा करेंगी। इन कंपनियों का यह काम तीसरा ठेकेदार कर रहा था। इसलिए आगे भी वही काम करेगा।
पूरा निर्माण करना होगा
फर्मों के पंजीयन निरस्त किए जाने और ठेकेदारों को काली सूची में डाले जाने संबंधी सभी प्रतिबंध इन दोनों ही फार्मों पर भविष्य में निलंबन अवधि तक ही रहेंगे। निलंबन समाप्त होते ही इन फार्मों और ठेकेदारों पर लगे सभी प्रतिबंध स्वतः: समाप्त हो जाएंगे। लेकिन इससे पहले ही यह दोनों ही कंपनियां निमार्णाधीन कारम बांध का निर्माण कार्य पूरा करेंगी। रिसाव के स्थान को संधारित करेंगी साथ ही वैकल्पिक जल निकासी मार्ग के लिए तोड़ी गई बांध की दीवार को फिर से खड़ा करेंगी। जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता एमएस डावर का कहना है कि निर्माणाधीन कारम बांध सिंचाई परियोजना के तहत निर्माणाधीन बांध के क्षतिग्रस्त होने के मामले में दोनों ही कंपनियों के पंजीयन निलंबन और ठेकेदारों पर ब्लैकलिस्ट किए जाने की कार्रवाई की जा चुकी है। हालांकि इस बांध का निर्माण यह दोनों कंपनियां ही पूरा करेंगी। निलंबन अवधि में यह ठेकेदार किसी भी नाम या तरीके से कोई नया ठेका नहीं ले सकेंगे
कंपनियां ब्लैक लिस्टेड, लेकिन काम करना होगा
उल्लेखनीय है कि धार में निर्माणाधीन कारम बांध में रिसाव से पैदा हुए खतरे के चलते धार और खरगौन जिले के 18 गांवों को खाली कराना पड़ा था। निर्माणाधीन बांध में रिसाव की घटना से पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया था, वहीं विपक्ष ने सरकार पर उंगली उठानी शुरू कर दी थी। इस सम्पूर्ण घटना का दोषी निर्माण कंपनियों को माना गया जिसके बाद बांध निर्माण का ठेका लेने वाली दिल्ली की एएनएस कंस्ट्रक्शन और ग्वालियर की सारथी कंस्ट्रक्शन के ठेका पंजीयन निलंबित कर दिए गए। इस जारी आदेश में इन निलंबित कंपनियों पर प्रतिबंधों का स्पष्ट उल्लेख किया गया था। निलंबन अवधि में न तो नवीन पंजीयन होगा और न ही फर्मों के पुराने पंजीयनों का नवीनीकरण हो सकेगा। फार्मों के निलंबित किसी भी भागीदार का किसी दूसरे नाम से पंजीयन नवीनीकरण नहीं होगा। किसी भी नए ठेके में फर्म मालिक अथवा फर्म के भागीदार हिस्सा नहीं ले सकेंगे। इन दोनों ही फार्मों के मालिक अथवा भागीदार के सम्मिलित रहने की स्थिति में संबंधित फार्म भी निविदा प्रतिस्पर्धा के लिए प्रतिबंधित रहेंगी। इन दोनों फार्मों और ठेकेदारों को किसी भी श्रेणी में निविदा प्रपत्र क्रय करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि निविदा प्राप्त होती है तो अवैधानिक मानी जाएगी एवं कार्यपालन यंत्री द्वारा पुन: निविदा आमंत्रित की जाएगी।