
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में जिन चार सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, उनमें प्रचार के लिए अब महज चार दिन का समय ही रह गया है। ऐसे में अब भाजपा व कांग्रेस ने अपनी रणनीति बदल ली है। कांग्रेस जहां अब दमोह की तर्ज पर वन टू वन पर तो भाजपा एक बूथ बीस यूूथ पर पूरा फोकस कर रही है। कांग्रेस अब टोलियां बनाकर घर-घर दस्तक दे रही है। उसके छोटे से लेकर बड़े नेता तक इसमें लग गए हैं।
इस बीच गिने चुने नेता ही कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में सभाएं कर रहे हैं। उधर इसके इतर भाजपा सभाओं के साथ ही अब पूृरी तरह से बूथ पर फोकस कर रही है। उसके द्वारा इसके लिए एक बूथ बीस यूथ को आगे बढ़ाया जा रहा है। दरअसल कांग्रेस द्वारा दमोह विस के उपचुनाव में भी इसी फार्मूला को अपनाया गया था, जिसके बाद चुनाव परिणाम आए तो कांग्रेस ने भाजपा के इस मजबूत गढ़ को पूरी तरह से ढहाने में सफलता पा ली थी। भाजपा इस हार की टीस को अब भी भुला नहीं पा रही है , जबकि कांग्रेस में इसे लेकर अब भी उत्साह देखा जा सकता है। यही वजह है कि इसी रणनीति पर अब इन चारों सीटों पर कांग्रेस अमल कर रही है। कांगे्रस के विधायक ,पूर्व मंत्री से लेकर अन्य पदाधिकारी तक मैदान स्तर पर जनसंपर्क और नुक्कड़ सभाओं पर ही अधिक फोकस कर रहे हैं। जिन चार सीटों पर उपचुनाव हो रहे है उनमें एक लोकसभा व तीन विधानसभा की सीटें हैं। इनके चुनाव परिणामों से केन्द्र के साथ ही प्रदेश सरकार की सेहत पर कोई प्रभाव भले ही न पड़ें , लेकिन फिर भी इनके परिणामों को दोनों ही दलों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसकी वजह है प्रदेश में इसके बाद पंचायत चुनाव होने की तैयारी है , तो उसके बाद नगरीय और मंडी चुनाव होने हैं। यही नहीं दो साल बाद प्रदेश में आम विधानसभा चुनाव भी होने हैं। इन चुनावों के लिए भी उपचुनावों को लिटमस टेस्ट की तरह देखें जा रहे हैं। यही वजह है कि यह उपचुनाव कांग्रेस व भाजपा के लिए नाक का सवाल बने हुए हैं। इसकी वजह से ही कांग्रेस व भाजपा ने अपने-अपने विधायकों के अलावा संगठन की पूरी फौज फाटा को इन उपचुनावों में उतारा हुआ है। खास बात यह है कि कांग्रेस के नेता बड़ी सभाओं से परहेज कर पूरी तरह से शुरूआती चुनाव प्रचार के लिए डोर टू डोर मुलाकात और नुक्कड़ सभाओं पर जोर दिए हुए हैं। इस मामले में कांग्रेस का तर्क है कि सभाओं में आरोप प्रत्यारोप का दौर ही चलता है, जबकि डोर टू डोर कैंपेन में लोग उनकी बात अधिक गंभीरता से सुनते हैं और सहमत भी होते हैं।
कांग्रेस की ओर से अब तक सिर्फ कमलनाथ के अलावा अरुण यादव और अजय सिंह द्वारा ही अपने-अपने इलाकों में सभाएं की जा रही थीं , जबकि अब उनमें एक नया नाम आज से दिग्विजय सिंह का नाम भी शामिल हो रहा है। उधर भाजपा की ओर से शिवराज सिंह चौहान के अलावा वीडी शर्मा द्वारा ही सभाएं ली जा रही थीं , लेकिन अब उनमें पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती , केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और प्रहलाद पटेल का नाम भी शामिल हो चुका है। उधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ही तरह कमलनाथ द्वारा इन दिनों हर दिन बूथ स्तर तक की रिपोर्ट ली जा रही है।
उधर ,भाजपा ने भी अब एक बूथ बीस यूथ के फामूर्ले पर तेजी से अमल करना शुरू कर दिया है। इसकी जिम्मेदारी पार्टी द्वारा युवा मोर्चा की दी गई है। इसकी शुरुआत आज से बूथ स्तरीय युवा सम्मेलन और सम्मान समारोह के रूप में कर दी गई है। यह कार्यक्रम उपचुनाव वाले सभी 51 मंडलों के 3268 बूथों किया जा रहा है। इसमें उपचुनाव की द़ष्टि से 558 नगर केन्द्र और ग्राम केन्द्रों को शामिल किया जा रहा है। भाजपा ने मतदान के दिन इन बूथों पर 65 हजार युवा कार्यकर्ताओं को उतारने की योजना तैयार की है, जो पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान कराने के लिए लिए काम करेगें।
जारी हैं सभाओं में आरोप प्रत्यारोप
उपचुनाव प्रचार के अंतिम दौर में अब कांग्रेस व भाजपा नेताओं में अब पूरी तरह से दो -दो हाथ होना शुरू हो गए हैं। सभाओं में दोनों ही दल के नेता एक दूसरे पर जमकर आरोप प्रत्यारोप के बाण चला रहे हैं। भाजपा की सभाओं में जहां कांग्रेस के 15 माह के कार्यकाल की नाकामियां बताकर भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं का बखान किया जा रहा है तो वहीं कांग्रेस भी हमले का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। भाजपा की सभाओं में जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि कांगे्रस की कमलनाथ सरकार ने तो बहनों के मुंह से लड्डू तक का पैसा तक छीन लिया गया था। सरकार का लक्ष्य है गरीब के लिए रोटी , कपड़ा , मकान ,दवाई और रोजगार की व्यवस्था करना। उधर कांग्रेस की सभाओं में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा चौहान पर घोषणावीर होने का आरोप लगाते हुए कहा जा रहा है कि वे सिर्फ घोषणाएं करते हैं, अब तो उन्हें इसके लिए माफी मांग लेनी चाहिए। वे आधे अधूरे निर्माण कार्यों को लेकर भी भाजपा सरकार पर ठेकेदारों से मिलीभगत का आरोप लगाने से भी पीछे नहीं रह रहे हैं।