
- मप्र के नए पुलिस महानिदेशक का फैसला जल्द
गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में नए डीजीपी की नियुक्ति को लेकर चर्चा तेज हो गई है। डीजीपी के नाम के लिए पैनल बनाने जल्द ही बैठक होगी। दरअसल, 30 नवंबर को वर्तमान डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना रिटायर्ड हो रहे हैं। प्रदेश सरकार ने इससे पहले ही नए अफसर के चयन की कवायद तेज कर दी हैं। एमपी में नए डीजीपी के नामों की चर्चा शुरू हो गई है। 1988 बैच के अरविंद कुमार, कैलाश मकवाना और 1989 बैच के अजय शर्मा का नाम सबसे आगे चल रहा हैं। माना जा रहा है कि इन्हीं में से कोई मप्र का नया पुलिस महानिदेशक बन सकता है। मप्र के नए डीजीपी के नाम के लिए पैनल बनाने जल्द ही एक बैठक होगी। यूपीएससी की इस मीटिंग में मौजूदा डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना और मुख्य सचिव अनुराग जैन भी शामिल होंगे। बैठक में डीजीपी के नाम के लिए पैनल पर मंथन होगा। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने नए डीजीपी के चयन की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाते हुए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को 9 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नामों का पैनल भेजा है। सरकार का लक्ष्य है कि 30 नवंबर से पहले नए डीजीपी का चयन हो जाए।
सरकार ने पैनल भेजने में की देरी
गाइडलाइन के अनुसार 3 महीने पहले पैनल भेजा जाना था। हालांकि, 40 दिन पहले राज्य सरकार ने 9 नामों का पैनल भेजा। इनमें उन अधिकारियों के नाम शामिल हैं, जिन अधिकारियों की सेवा का 30 साल पूरा हो चुका है। इसके साथ ही इन सबका रिकॉर्ड और पूरा ब्यौरा भी भेजा गया है। पीएचक्यू की ओर से बताया गया है कि रिकॉर्ड तैयार कर गृह विभाग को भेज दिया गया है। इसके साथ ही गृह विभाग ने तमाम अधिकारियों के नाम का पैनल केंद्र सरकार को भेज दिया है।
30 वर्ष की सेवा वालों के नाम भेजे
जानकारी के अनुसार जिन नौ अधिकारियों के नाम यूपीएससी को भेजे गए हैं, वे सभी 30 से अधिक वर्षों की सेवा कर चुके हैं। इन अधिकारियों में डीजी होमगार्ड अरविंद कुमार, पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के अध्यक्ष कैलाश चंद्र मकवाना, डीजी ईओडब्ल्यू अजय कुमार शर्मा, डीजी जेल जीपी सिंह, स्पेशल डीजी आरएपीटीसी इंदौर वरुण कपूर, पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के एमडी उपेंद्र कुमार जैन, स्पेशल डीजी प्रोविजन आलोक रंजन, स्पेशल डीजी महिला सेल प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव, और स्पेशल डीजी योगेश मुद्गल शामिल हैं। अरविंद कुमार, कैलाश मकवाना और अजय कुमार शर्मा में किसी एक को प्रदेश का नया डीजीपी बनाए जाने की संभावना सबसे अधिक है। इस प्रक्रिया के तहत, भले ही तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी योग्य थे, लेकिन उनके नाम पैनल में शामिल नहीं किए गए हैं। यह अफसर हैं स्पेशल डीजी पुलिस सुधार शैलेश सिंह, स्पेशल डीजी रेल सुधीर कुमार साही और स्पेशल डीजी प्रशासन विजय कटारिया। इसका कारण यह है कि ये अधिकारी अगले छह महीने के भीतर सेवानिवृत्त होने वाले हैं और नियमों के अनुसार, जिन अधिकारियों का कार्यकाल छह महीने से कम का शेष होता है, उनका नाम पैनल में नहीं भेजा जाता है।
जल्द होगी यूपीएससी कर बैठक
यूपीएससी को पैनल मिलने के बाद, जल्द ही दिल्ली में एक बैठक आयोजित होगी जिसमें यूपीएससी के अध्यक्ष या उनके नामित सदस्य, केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रतिनिधि, राज्य के मुख्य सचिव और वर्तमान डीजीपी शामिल होंगे। इस बैठक में यूपीएससी द्वारा पैनल में से तीन नामों को अंतिम रूप देकर राज्य सरकार को भेजा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के अनुसार, राज्य सरकार को इन तीन नामों में से ही एक नाम को चुनकर आदेश जारी करना अनिवार्य होगा। जानकारों का कहना है कि प्रदेश के अगले डीजीपी के लिए जो तीन नाम तय किए जाएंगे उनमें अरविंद कुमार, कैलाश चंद्र मकवाना और अजय कुमार शर्मा शामिल हैं। मकवाना अगले साल दिसंबर 2025, अरविंद कुमार मई 2025 और अजय शर्मा अगस्त 2026 में सेवानिवृत्त होंगे। सुधीर सक्सेना के सेवानिवृत्त होने के बाद 1987 बैच के विशेष पुलिस महानिदेशक शैलेष सिंह वरिष्ठता में सबसे आगे होंगे। सरकारी सूत्रों के अनुसार प्रदेश के अगले पुलिस मुखिया के लिए कैलाश मकवाना के नाम पर सहमति बन सकती है। नए डीजीपी को लेकर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। सूत्रों ने बताया कि डीजीपी की दौड़ में ईमानदार कार्यप्रणाली को लेकर कैलाश मकवाना का नाम सबसे आगे हैं। क्योंकि लोकायुक्त डीजी रहते 6 महीने के भीतर प्रदेश के भ्रष्टाचारियों के कॉकस में हड़कंप मच गया था। हालांकि बाद में शिवराज सरकार को उन्हें लोकायुक्त से हटा दिया था। तत्कालीन लोकायुक्त ने मकवाना की सीआर भी खराब कर दी थी। जिसे मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सुधारकर ‘श्रेष्ठम’ किया। सरकारी सूत्रों ने बताया कि मकवाना के ईमानदार सेवा कार्यकाल से मुख्यमंत्री प्रभावित हैं। इसी के आधार पर उनकी सीआर सुधारी गई थी। यही वजह है कि अगले पुलिस महानिदेशक की दौड़ में मकवाना का पलड़ा भारी है।