एमपी में फरवरी से डेढ़ लाख… कर्मचारी जनगणना में जुटेंगे

  • जनगणना को लेकर प्रशासनिक हलचल शुरू …

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। गले साल देश में पहली बार डिजिटल जनगणना होगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद मध्य प्रदेश में जनगणना को लेकर प्रशासनिक हलचल शुक्रवार से शुरू हो गई है। जनगणना निदेशालय ने राज्य सरकार को प्रशासनिक सीमाएं फ्रीज करने का पत्र भेजा है। 31 दिसंबर के बाद भारत के महारजिस्ट्रार और जनगणना आयुक्त ने राज्य सरकार को पत्र भेजा है। पत्र में लिखा है कि प्रदेश में प्रशासनिक सीमाओं में जो भी बदलाव करना है, वह 31 दिसंबर 2025 तक पूरा करना होगा। एक जनवरी 2026 से 31 मार्च 2027 तक सीमाएं फीज रहेंगी और इस दौरान कोई भी बदलाव मान्य नहीं होगा। गृह विभाग ने संबंधित विभागों को कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं। फरवरी 2026 में शुरू हो रहे पहले राउंड में पूरे प्रदेश में डेढ़ लाख कर्मचारियों की तैनाती होगी। जनगणना निदेशालय के अधिकारियों के अनुसार 20 दिन में डिजिटल जनगणना का काम पूरा करना है। इसके लिए प्रत्येक कर्मचारी को 150-175 मकान दिए जाएंगे। इसके बाद आंकड़ों को मिलाकर जनगणना आयुक्त को भेजा जाएगा। जनगणना शुरू होने से पहले मध्य प्रदेश के 3 जिलों में इसका प्री टेस्ट होगा। गड़बड़ी रोकने प्रदेश की सभी प्रशासनिक सीमाओं को 31 दिसम्बर की स्थिति में फ्रीज करने का फैसला लिया गया है। मध्यप्रदेश में डिजीटल जनगणना के पहले चरण में बतौर ट्रायल ग्वालियर, रतलाम और सिवनी जिलों का चयन किया गया है। यहां अक्टूबर से नवंबर के बीच 15 दिन का अभियान चलेगा। इसमें जनगणना और हाउस गणना का काम होगा। इस दौरान फील्ड में आने वाली चुनौतियों की रिपोर्ट प्रदेश का जनगणना निदेशाक्य तैयार करेगा। इसके बाद यह रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी। मंत्रालय इस आधार पर फाइनल जनगणना शीट तैयार करेगा।
विशेष एप होगा लांच
डिजीटल जनगणना के लिए निदेशालय विशेष एप लांच करेगा। यह एप हरेक रजिस्टर्ड मोबाइलदाता के एंड्राइड-आईफोन दोनों के लिए होगा। परिवार का मुखिया इसमें अपने घर-परिवार की जानकारी खुद भर सकेगा। इस जानकारी की जांच जनगणना अधिकारी घर जाकर क्रॉस चेक करेंगे। इसके बाद उसे डिजिटल फॉर्म पर अपलोड किया जाएगा।
डिजिटली सवाल-जवाब में भरनी होगी जानकारी
एमपी जनगणना निदेशालय की निदेशक भावना वालिम्बे ने बताया कि जनगणना के लिए एप के जरिए परिवारों से पूरी डिटेल भरवाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए क्वेस्चनेर (प्रश्नावली) बनाई जा रही है। इसमें हर सदस्य का नाम, पारिवारिक स्थिति, घर-संपत्ति का ब्यौरा और रोजगार की जानकारी शामिल रहेगी। गड़बड़ी रोकने के लिए क्रॉस चेक का इंतजाम भी रहेगा। अधिकारी घर-घर जाकर डिजिटल फॉर्म में भरी गई जानकारी की जांच करेंगे।
भारत के महारजिस्ट्रार और जनगणना आयुक्त ने राज्य सरकार को पत्र भेजा है। पत्र में लिखा है कि प्रदेश में प्रशासनिक सीमाओं में जो भी बदलाव करना है, वह 31 दिसंबर 2025 तक पूरा करना होगा। 1 जनवरी 2026 से 31 मार्च 2027 तक सीमाएं फ्रीज रहेंगी और इस दौरान कोई भी बदलाव मान्य नहीं होगा। जनगणना 2026 में हर कर्मचारी को 150 से 175 मकानों का सर्वे करना होगा। उन्हें डिजिटल फॉर्मेट में डेटा भरना होगा। इस बार डिजिटली जनगणना होने के चलते पहले से कम समय में पूरी होगी। तैयार रिपोर्ट राज्य स्तर पर कम्पाइल होकर केंद्र सरकार को भेजी जाएगी।
1.5 लाख कर्मचारी करेंगे जनगणना
डिजीटल जनगणना के लिए मध्यप्रदेश में लगभग 1.5 लाख कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। इन कर्मचारियों को तीन स्तरों पर ट्रेनिंग दी जाएगी। पहले राष्ट्रीय ट्रेनर, फिर मास्टर ट्रेनर और आखिर में फील्ड ट्रेनर को ट्रेनिंग देंगे, जोकि बाकी कर्मियों को तैयार करेंगे। हर गांव और शहर को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटा जाएगा। हर हिस्से के लिए एक कर्मचारी जिम्मेदार होगा। इससे कोई भी घर या व्यक्ति गिनती से न छूटे। इसका विशेष ध्यान रखना होगा।
दो चरणों में होगी जनगणना
जनगणना 2026 और 2027 में दो चरणों में होगी। पहला चरण 1 अप्रैल 2026 से शुरू होगा, जिसमें मकानों की गिनती होगी। दूसरा चरण 1 फरवरी 2027 से शुरू होगा, जिसमें लोगों की जनसंख्या, जाति और बाकी जरूरी जानकारियां जुटाई जस्मी। इसके लिए 16 जून 2024 को सरकारी अधिसूचना जारी हो चुकी है। यह आजादी के बाद भारत की 8वीं और कुल 16वीं जनगणना होगी।

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