शहरों को हराभरा करने हर साल डेढ़ अरब रुपए होंगे खर्च

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। बढ़ता वायु प्रदूषण और उसके दुष्परिणामों से निपटने के लिए प्रदेश की मोहन सरकार ने पांच वर्षीय योजना तैयार की है। इसके तहत हर साल शहरी इलाकों में डेढ़ अरब रुपए खर्च कर उन्हें हरा भरा बनाने का काम किया जाएगा। इसके लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री नगर विकास योजना पर काम करने का फैसला किया है। इस योजना के लिए अगले पांच वर्ष के लिए वर्ष 2028-29 तक के लिए 750 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।  यह योजना राज्य सरकार द्वारा अपने वित्तीय संसाधनों से संचालित की जाएगी। विभाग द्वारा प्रत्येक नगर वन के विकास के लिए अधिकतम 2 करोड़ 50 लाख रुपए की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। योजना में न्यूनतम क्षेत्रफल प्रति एकड़ 10 लाख रुपए नगर वन के सृजन के लिए नगरीय निकायों को अनुदान स्वरूप दिए जाएंगे। योजना के संबंध में नगरीय निकायों को निर्धारित प्रावधान के अनुसार प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में शहरी क्षेत्रों में शुद्ध जलवायु प्रदान करने तथा शहरी निवासियों को प्रकृति की अनुभूति प्रदान करने के उद्देश्य से नगर वनों एवं नगर वाटिकाओं की स्थापना की गई है। प्रदेश में स्थापित नगर वनों की संख्या 50 से अधिक है। वन विभाग द्वारा निरंतर नए नगर वन विकसित करने के प्रस्ताव केंद्र शासन को प्रेषित किये जा रहे हैं।  विभाग का लक्ष्य प्रदेश में कम से कम ऐसे 100 नगर वन विकसित करने का है। नगर वन के लिए स्थान का भी चयन कर लिया गया है। सीहोर वन मंडल के रिजर्व फॉरेस्ट के कंपार्टमेंट 634-635 में 50 हेक्टेयर, प्रोटेक्शन फॉरेस्ट के कंपार्टमेंट 645 के बीट खटपुरा में 50 हेक्टेयर और तीसरा नगर वन रिजर्व फॉरेस्ट के कंपार्टमेंट 26 के कोनझिर में भी हेक्टेयर 50 हेक्टेयर क्षेत्र में नगर वन बनाए जाएंगे। तीनों नगर वन को बनाने के लिए 22 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से पहली किश्त के रूप में 4 करोड़ 20 लाख जारी कर दिए गए हैं। इसी प्रकार देवास और मंदसौर में भी तीन-तीन नगर वन बनाए जाएंगे। देवास के बागली में डेढ़ करोड़ की लागत से 40 हेक्टेयर में नगर वन बनाया जाएगा।
सरकारी वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदला जाएगा
प्रदेश में नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने शासकीय वाहनों को 80 प्रतिशत तक इलेक्ट्रिक वाहनों में परिवर्तित करने का कार्यक्रम बनाया है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन को ईव्ही मॉडल सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन के लिए हर 20 किमी पर चार्जिंग स्टेशन और हाईवे पर 100 किमी पर फास्ट चार्जिंग सुविधा स्थापित करने का कार्य शुरू कर दिया गया। मप्र की ईव्ही नीति में सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन खोलने पर सब्सिडी का प्रावधान भी किया गया है।
शुरू होगी सीएम जन सहभागिता निर्माण योजना
प्रदेश में नगरीय क्षेत्रों में जन-भागीदारी से नागरिकों की सुविधा के लिए अधोसंरचना विकास करने मुख्यमंत्री जन-सहभागिता निर्माण योजना चलाने का भी निर्णय लिया है। योजना में 150 करोड़ रुपए प्रति वर्ष के मान से 5 वर्षों के लिये 750 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। योजना में प्रतिवर्ष नगरपालिक निगमों के लिए 5 करोड़ रुपए, नगर पालिकाओं को एक करोड़ रुपए और नगर परिषदों को 25 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा। जन-भागीदारी एवं राज्य शासन की आर्थिक सहायता का अनुपात समान रूप से 50-50 प्रतिशत रहेगा। योजना में नगरीय क्षेत्र के मोहल्लों में सीमेंट- कांक्रीट निर्माण, सीवरेज की उचित व्यवस्था के साथ कचरे के निपटान की उचित व्यवस्था को वरीयता दी जाएगी। योजना का क्रियान्वयन वर्ष 2028-29 तक किया जाएगा।

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