
- मीडिया पैनलिस्ट और प्रवक्ताओं की नियुक्तियों का मामला
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। लोकसभा चुनाव के समय बनाई गई मप्र कांग्रेस की मीडिया टीम में दस माह बाद हुए बदलाव के बाद फिर से बवाल मच गया, लिहाजा पीसीसी चीफ जीतू पटवारी को मामला संभालने के लिए आनन-फानन में जारी सूची को निरस्त करना पड़ गया। अब यह पूरा मामला दिल्ली के पाले में चला गया है। दरअसल, इस टीम में कई बड़े नेताओं के समर्थकों को जगह ही नहीं दी गई, साथ ही कई पुराने चेहरों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। हालांकि सूची में 40 प्रवक्ताओं और आठ मीडिया पैनलिस्ट को शामिल किया गया था। पार्टी सूत्रों के माने तो इस सूची के बाद पैदा हुए असंतोष के बाद पार्टी में शिकवा शिकायतों का दौर शुरु हो गया है। अब इसको लेकर शिकायतें दिल्ली तक पहुंच चुकी हैं। इसके बाद अब सूची में संंशोधन के बाद दूसरी सूची जारी की जाएगी, लेकिन यह कब तक जारी होगी कोई नहीं बता पा रहा है। दरअसल, इस सूची से पूर्व विधायक शैलेन्द्र पटेल, कुणाल चौधरी को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। इसके अलावा पैनालिस्टों की सूची में वरिष्ठ विधायक झूमा सोलंकी का नाम शामिल कर दिया गया था। इसी तरह से पहली बार की विधायक रामसिया भारती को प्रवक्ता का दायित्व सौंप दिया गया था। इसके अलावा पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को प्रवक्ता बनाया दिया गया था। इसमें भी बेहद अहम बात सामने आयी है कि सूची तैयार करने के बाद इस पर संगठन के अंदर किसी से चर्चा कर एक राय बनाने का भी प्रयास नहीं किया गया था।
पटवारी विरोधियों को दे दी थी जगह
जीतू पटवारी के प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद कुछ नेताओं ने पार्टी कार्यालय में उनके विरोध में नारेबाजी करते हुए अपना आक्रोश व्यक्त किया था। कुछ ऐसे चेहरों को भी मीडिया टीम में जगह दी गई थी। अब सूची निरस्त कर दी गई है , जिससे मामला तूल पकडऩे से बच गया है। इस बीच कांग्रेस के कुछ नेताओं ने प्रदेश प्रभारी जितेन्द्र भंवर सिंह के सामने आपत्ति भी दर्ज कराई है। कुछ ने दिल्ली पहुंचकर शीर्ष नेतृत्व के सामने बात रखी है।
नई सूची में यह नाम थे शामिल
जो सूची 3 जनवरी को जारी की गई थी, उसमें, भूपेंद्र गुप्ता, अभिनय बरोलिया, रवि सक्सेना, अब्बास हफीज, अवनीश बुंदेला, जितेन्द्र मिश्रा, संतोष सिंह परिहार, विवेक त्रिपाठी, रवि वर्मा, मिथुन अहिरवार, अपराजिता पांडेय, स्वदेश शर्मा, अजीत सिंह भदौरिया, राम पांडेय, संतोष गौतम, हर्ष जैन, हिमानी सिंह, अमित चौरसिया,आनंद जाट, स्पर्श चौधरी हिदायत उल्ला खान, गुड्डू राजा, अंबिका शर्मा, संदीप सबलोक, रीतेश त्रिपाठी, फिरोज सिद्दीकी, सुनील मिश्रा कटनी, सिद्धार्थ राजावत, विवान खोंगल, धर्मेंद्र शर्मा, शरीफ खान, रामसिया भारती, अमित तावड़े, गुंजन शुक्ला, आनंद जैन कासलीवाल, शहरयार खान, राहुल राज, कुंदन पंजाबी, सिद्धार्थ माहोलकर, डॉ. रमेश काकोडिया के नाम शामिल थे, जबकि पैनलिस्ट की सूची में झूमा सोलंकी, प्रतिभा विक्टर, नेहा लिम्बोदिया, ज्योति पटेल, नेहा पालीवाल, प्रदीप अहिरवार, तनय अग्रवाल, सीताशरण सूर्यवंशी को शामिल किया गया था।
इन नेताओं को दिखाया था बाहर का रास्ता
जारी की गई सूची से दिग्विजय सिंह के कट्टर समर्थक केदार सिरोही, कमलनाथ समर्थक संगीता शर्मा, अरुण यादव समर्थक रोशनी यादव, नीलाभ शुक्ला को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। इसी तरह से पूर्व की टीम में प्रवक्ता रहे अमित शर्मा को भी जगह नहीं दी गई थी। इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार के भी किसी समर्थक को जगह नहीं दी गई थी।