भाजपा में नड्डा के निर्देश पर भारी पड़े… सवा सौ टिकट

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  • जिला और संभागीय समितियों ने मिलकर खूब बढ़ाया परिवारवाद

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश में हो रहे नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा के जिला अध्यक्षों और संभागीय समितियों में शामिल नेताओं की मनमर्जी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देंशों पर भारी पड़ गई है। यही वजह है कि इन समितियों में शामिल नेताओं ने मिलकर जमकर परिवार वाद का खेल खेला है। यही नहीं प्रदेश के संगठन द्वारा स्थानीय प्रत्याशियों को ही उतारने की बनाई गई गाइडलाइन पर भी विधायकों की पंसद ने जमकर धज्ज्यिां उड़ाई हैं। इसकी वजह से स्थानीय कार्यकर्ता अपने आपको पूरी तरह से उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। दरअसल निकाय चुनावों के प्रत्याशियों की घोषणा होने से करीब एक पखवाड़े पहले एक जून को भोपाल के दौरे पर आए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा सार्वजनिक रुप से परिवारवाद की गाइडलाइन को लेकर घोषणा की गई थी।
इसके बाद भी प्रदेश के सभी सोलह नगर निगमों में पार्षद पद के टिकट वितरण में 878 टिकटों में से सवा सौ से अधिक टिकट मंत्रियों, पार्षदों, विधायकों, जिला अध्यक्षों व संगठन पदाधिकारियों के परिजनों को कार्यकर्ताओं की दावेदारी को दरकिनार कर थमा दिए गए हैं। इसमें भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर जैसे बड़े महानगरों को भी अछूुता नहीं रहा। इसके अलावा नगरपालिकाओं और नगर परिषदों में तो कहीं -कहीं आधे तक टिकट  नेताओं ने अपने परिजनों को थमा दिए। नेताओं के परिवारजनों को टिकट देने में खंडवा, रतलाम, बुरहानपुर, देवास, कटनी, सिंगरौली, सागर, छिंदवाड़ा, मुरैना, उज्जैन, इंदौर और भोपाल में भी जमकर वरियता दी गई।
उज्जैन में तो पूर्व केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत की पौत्रवधू दिव्या देवेंद्र गहलोत को वार्ड 3 से टिकट मिला है। खंडवा में महिला मोर्चा की जिला उपाध्यक्ष भी चुनाव लड़ रही हैं तो रतलाम में दो मंडल अध्यक्षों की पत्नियों को टिकट थमा दिया गया है। इंदौर बीजेपी के आधा दर्जन से अधिक पार्षदों के परिवार को टिकट में प्राथमिकता दी गई है। इसके अलावा भाजपा कार्यकारिणी में शामिल नेताओं के रिश्तेदारों को भी टिकट देकर उपकृत करने में कोताही नहीं बरती गई है। भाजपा महामंत्री सविता अखंड को फिर से उम्मीदवार बनाया गया है तो भोपाल में जिला अध्यक्ष सुमित पचौरी के चचेरे भाई नीरज को भी प्रत्याशी बनाया गया है। नीरज के पिता भी पहले पार्षद रह चुके हैं। इसी तरह से भोपाल में वार्ड 37 से पूर्व पार्षद हेमराज कुशवाहा की पत्नी वंदना कुशवाहा, वार्ड 52 से पूर्व पार्षद रामबाबू पाटीदार की पत्नी शीला पाटीदार को टिकट मिला है।
इसी तरह कई वार्ड में पूर्व पार्षद की पत्नियों और उनके रिश्तेदारों को टिकट दिया गया। हद तो यह हो गई की रीवा में जिला अध्यक्ष अजय सिंह ने अपने साले की पत्नी को ही वार्ड 12 का टिकट थमा दिया , जो भाजपा की सदस्य तक नहीं हैं। रीवा मेंं एक दर्जन नेताओं के परिजनों को पार्षद के टिकट दिए गए हैं। इसमें वार्ड 9 से पूर्व पार्षद सतीश सिंह की सत्तर साल की मां विमला सिंह, वार्ड 10 से पूर्व पार्षद और पिछला चुनाव सपा से लड़कर भाजपा में आए वीरेंद्र पटेल की पत्नी सावित्री पटेल समेत अन्य नेताओं के नाम शामिल हैं। इसी तरह नगर निगम सतना में पूर्व विधायक शंकरलाल तिवारी के रिश्तेदार अभिषेक 7 तिवारी, भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष कृष्णा पांडेय के भाई महेंद्र पांडेय, पूर्व निगम सभापति बाला यादव के बेटे आदित्य यादव, भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष सीमा यादव की जेठानी मंजू यादव को टिकट मिला है।
ग्वालियर में 18 टिकट नेताओं के परिजनों को  
ग्वालियर नगर निगम में तो परिवारवाद जमकर चला है। यहां पर डेढ़ दर्जन से अधिक टिकट नेताओं के परिवारों ने ही आपस में बांट लिए हैं। इसमें वार्ड एक से पूर्व पार्षद जगत सिंह कौरव की पत्नी अनीता कौरव, वार्ड 4 से पूर्व पार्षद चंदन राय की पत्नी रेखा चंदन राय, वार्ड 5 से पूर्व पार्षद गौरी परमार के पति रिकू परमार, वार्ड 11 से पूर्व पार्षद गुड्डू रत्नाकर की पत्नी अनिता गुड्डू रत्नाकर, वार्ड 12 से पूर्व पार्षद मानसिंह राजपूत की पत्नी मीरा मानसिंह राजपूत, वार्ड 13 से पूर्व पार्षद दिनेश सिकरवार की पत्नी ज्योति सिकरवार, वार्ड 14 से पूर्व पार्षद ममता राठौर के पति गजेंद्र राठौर, वार्ड 17 से पूर्व पार्षद प्रकाश कोरी की पत्नी रेणु प्रकाश कोरी को टिकट दिया गया है। वार्ड 23 से पूर्व पार्षद के पति शिवराम जाटव, वार्ड 27 से पूर्व पार्षद धमेंद्र राणा की पत्नी अनुराधा धर्मेंद्र राणा, वार्ड 28 से पूर्व पार्षद पुरुषोत्तम की पत्नी रेखा पुरुषोत्तम टमोटिया, वार्ड 30 से पूर्व पार्षद अनिल त्रिपाठी की पत्नी रेखा अनिल त्रिपाठी, वार्ड 34 से पूर्व पार्षद ज्योति तोमर के पति रवि तोमर, वार्ड 39 से पूर्व सभापति राकेश माहौर की पत्नी राजाबेटी राकेश माहौर, वार्ड 40 से पूर्व महापौर भाऊ साहब पोतनीस के परिजन संजीव पोतनीस, वार्ड 49 से पूर्व पार्षद सतीश की पत्नी रश्मि सतीश बौहर, वार्ड 57 से पूर्व पार्षद कुसुम शर्मा के बेटे मनोज शर्मा, वार्ड 63 पूर्व पार्षद की सास मीरा प्रीतम सिंह लोधी और वार्ड 66 से पूर्व पार्षद केशव सिंह की पत्नी गड़ी केशव सिंह को टिकट दिया गया है।
ग्वालियर-खंडवा में बहू, सागर में पत्नी को टिकट
बीजेपी के महापौर टिकट वितरण में भी परिवारवाद जमकर चलाया गया । यही वजह है कि कई शहरों में भाजपा ने महापौर के टिकट नेताओं की पत्नियों को थमा दिए हैं। इनमें सागर से संगीता तिवारी, ग्वालियर से सुमन शर्मा, खंडवा से अमृता यादव और देवास से गीता अग्रवाल के नाम शामिल हैं। इनमें से किसी का कोई पारिवारिक सदस्य पूर्व विधायक या अन्य निर्वाचित पदों पर रह चुके हैं। संगीता तिवारी भाजपा नेता और दलबदल कर भाजपाई बने सुशील तिवारी की पत्नी हैं तो सुमन शर्मा के ससुर धर्मवीर शर्मा पूर्व विधायक और महापौर रहे हैं। अमृता यादव के ससुर हुकुम चंद यादव पूर्व विधायक रहे हैं। इसी तरह गीता अग्रवाल के परिजन भी पार्टी की ओर से निर्वाचित हो चुके हैं।
जबलपुर में पत्नी, भाई, बहू और बेटों को प्राथमिकता
जबलपुर में नेताओं की पत्नी, भाई, बहू और बेटों को टिकट देने में भाजपा ने प्राथमिकता दी है। भनोत वार्ड से प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव की बहू अंजू भार्गव, मदन मोहन मालवीय वार्ड से पूर्व मंत्री अंचल सोनकर के बेटे विवेक राम सोनकर को प्रत्याशी बनाया गया  है। विवेकानंद वार्ड से रंजीत ठाकुर की पत्नी सोनिया को टिकट मिला है, रंजीत ठाकुर पहले चुनाव हार चुके हैं। इंदिरा गांधी वार्ड से पूर्व पार्षद संजय तिवारी की पत्नी प्रिया को, जवाहरगंज वार्ड से भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ के कैलाश साहू की पत्नी रंजना, महर्षि महेश योगी वार्ड से मनीष अग्रहरि की पत्नी अंजना, मदन महल वार्ड से लोचन साहू की पत्नी सुनीता, महात्मा गांधी वार्ड से भाजपा नेता राजकुमार पटेल के भाई पिंटू पटैल, गोविंद बल्लभ पंत वार्ड से सुरेंद्र पांडे की पत्नी सुनीता, चेरीताल वार्ड से भाजपा नेता विध्येश भापकर की पत्नी प्रतिभा को टिकट दिया गया है।

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