हर माह औसतन मिल रहे 30 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव

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  • डॉ. मोहन सरकार की नीतियां दिखा रही हैं असर

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को तेजी से गति देने और रोजगार के अवसर सृजित कराने के डॉ. मोहन यादव सरकार द्वारा किए जाने वाले प्रयास अब कारगर होना साबित होने लगे हैं। दरअसल इसके लिए उनके द्वारा रीजनल इंडस्ट्रीज कान्क्लेव करने का जो प्रयोग शुरु किया गया है,वह अब अपना असर दिखाना शुरू कर चुका है। यही वजह है कि डॉ. मोहन सरकार के महज सात माह के कार्यकाल में औसतन हर माह 3 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिलने लगे हैं। सात माह यानी की मार्च से सितंबर के बीच सरकार को दो लाख 22 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इनसे पौने तीन लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिल सकेगा। भोपाल में सात-आठ फरवरी 2025 को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव इसकी तैयारी में जुटे हैं और प्रदेश में निवेश के लिए उद्योगपतियों को प्रोत्साहित करने प्रदेश के भीतर और बाहर निवेशकों के साथ बैठकें कर रहे हैं। पहली बार क्षेत्रीय स्तर पर रीजनल इंडस्ट्रीज कान्क्लेव, का आयोजन किया जा रहा है। इसकी शुरुआत मार्च 2024 को उज्जैन से की गई। इसमें एक लाख करोड़ रुपये के निवेश संबंधी प्रस्ताव मिले, जिनके क्रियान्वित होने से एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। इसके बाद जबलपुर में आयोजन किया गया। इसमें 13, 375 करोड़ रुपये और ग्वालियर में आठ हजार करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव मिले। प्रदेश के बाहर निवेशकों के साथ संवाद का सिलसिला मुंबई से प्रारंभ हुआ। इसमें 75 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले। इन प्रस्तावों के धरातल पर उतरने से एक लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। इसी तरह बेंगलुरू में 3,175 करोड़ और कोलकाता में 19 हजार 270 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। बीना में पेट्रो केमिकल हब से बुंदेलखंड क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयों को नई ऊंचाई मिलेगी। बीपीसीएल बीना रिफाइनरी में निवेश कर रहा है। इसके चलते बीना व उसके आसपास रिफाइनरी से जुड़े अहम उद्योग जरूरी हैं।
इसलिए आकर्षित हो रहे निवेशक
उद्योगों के लिए आवश्यक सडक़, बिजली, पानी, और अधोसंरचना सहित सुशासन के हर पैमाने में मध्य प्रदेश निवेशकों के लिए पहली पसंद बन रहा है। किसी समय बीमारू के नाम से बदनाम मध्य प्रदेश अब विकासशील राज्य की तरफ बढ़ गया है। यहां के उद्योग मित्र माहौल का ही परिणाम है कि पिछले कई माह से लगातार निवेशक आगे आ रहे हैं। औद्योगिक घरानों का भरोसा जीतने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों को लगातार सफलता मिल रही है। सरकार ने सिंगल विंडो सिस्टम, बिना अनुमति उद्योग की स्थापना सहित जो वादे उद्योग जगत से किए हैं, उन्हें धरातल पर उतारा जा रहा है। हालांकि, अब भी कुछ कमियां हैं, जैसे उद्योगों की स्थापना से जुड़े विभागों के अधिकारियों की कार्य संस्कृति में सुधार न हो पाना। ऐसा हुआ तो मध्य प्रदेश देश के उन अग्रणी राज्यों में शामिल हो जाएगा, जहां सर्वाधिक निवेश होता है।
शहर के सभी होटल बुक
मुख्यमंत्री करीब तीन सौ लोगों के साथ भोज करेंगे। भोजन में कढ़ी, बरा, सीरा, सफेद तिल के बिजौरा सहित कोदो, ज्वार व कुटकी व जवार की रोटियां परोसी जाएंगी। कान्क्लेव को लेकर शहर के सभी होटल बुक हैं। होटल्स के अलावा शासकीय रेस्ट हाउस, गेस्ट हाउस सहित अन्य भवनों में भी मेहमानों की व्यवस्था की गई है।
एमपी उद्योगों के लिए अनुकूल
कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (सीआईआई) अध्यक्ष और आइटीसी के चेयरमैन संजीव पुरी का कहना है कि मप्र की औद्योगिक नीतियां निवेश मित्र हैं। शांत माहौल और कानून व्यवस्था की अच्छी स्थिति मप्र में निवेश के लिए अनुकूल हैं। इसी तरह से एमपी बिरला ग्रुप के सीईओ संदीप घोष भी कह चुके हैं कि मप्र से हमारा गहरा रिश्ता है। ग्रुप का सर्वाधिक निवेश यहीं है। इन्फ्रा, कुशल मानव संसाधन और सुविधाएं उद्योगों के अनुकूल हैं। हम बडऩगर में 3000 करोड़ से सीमेंट इकाई लगाएंगे।

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