
- मप्र में बजट की तैयारियां शुरू, आज से विभागवार चर्चा
गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। आगामी वित्तीय वर्ष के बजट को लेकर आज से अधिकारियों ने मंथन शुरू कर दिया है। पहले दिन योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी, आनंद, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, वन, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा और ऊर्जा विभाग के अधिकारी बजट पर चर्चा करेंगे। दरअसल, मप्र सरकार अब बजट बनाने की नई प्रणाली अपनाने जा रही है। प्रदेश में पहली बार तीन साल का त्रिवर्षीय रोलिंग बजट तैयार किया जाएगा। इसका लक्ष्य है कि विकास योजनाएं लंबे समय तक प्रभावी रहें और 2047 तक विकसित मध्यप्रदेश के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। इसके साथ ही प्रदेश शून्य आधारित बजटिंग और त्रिवर्षीय रोलिंग बजट वाला पहला राज्य बनेगा। प्रदेश सरकार का फोकस केवल आर्थिक वृद्धि पर ही नहीं, बल्कि रोजगार सृजन, आधारभूत संरचना निर्माण और सामाजिक न्याय पर भी है। इसी दिशा में सरकार ने मध्यप्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए बजट को अगले पांच वर्ष में दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। सरकार का कहना है कि इस प्रणाली से योजनाएं केवल कागजों में नहीं रहेंगी, बल्कि जमीनी स्तर पर उनका असर दिखेगा। इससे वित्तीय अनुशासन, जवाबदेही और विकास कार्यों में तेजी आएगी।
प्रदेश में इस साल पिछले वर्षों के मुकाबले महीने भर पहले से वित्तीय वर्ष 2026-27 के बजट निर्माण की तैयारियां शुरू हो गई हैं। पहली बजट चर्चा आज से शुरू होगी। वित्त विभाग की ओर से जारी शेड्यूल के अनुसार बजट चर्चा 15 से 29 सितंबर तक चलेगी। वित्त विभाग के अपर सचिव व उप सचिव अन्य विभागों के अपर सचिव, उप सचिव रैंक के अधिकारियों और विभागाध्यक्षों के साथ विभागावार बजट की तैयारियों पर चर्चा करेंगे। प्रथम बजट चर्चा के बाद 31 अक्टूबर तक विभागों को नई योजनाओं के प्रस्ताव भेजना होंगे। एक अक्टूबर से 15 नवंबर तक द्वितीय चरण की चर्चा होगी। सभी बैठकें वल्लभ भवन में आयोजित की जाएंगी।
आज आधा दर्जन विभाग करेंगे चर्चा
निर्धारित शेड्यूल के अनुसार पहले दिन आज योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी, आनंद, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, वन, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा और ऊर्जा विभाग के अधिकारी बजट पर चर्चा करेंगे। ऐसे ही अंतिम दिन 29 सितंबर को नगरीय विकास एवं आवास, कुटीर एवं ग्रामोद्योग व जनजातीय कार्य विभाग के अधिकारी बजट पर चर्चा करेंगे। चूंकि इस बार जीरो बेस्ड बजटिंग प्रक्रिया से बजट तैयार करने के साथ ही रोलिंग बजट भी बनाया जाएगा, इसलिए विभाग पिछले वर्षों की तुलना में इस साल बजट की तैयारियां जल्दी शुरू कर रहा है। वित्त विभाग ने सभी विभागों से जीरो बेस्ड बजटिंग व रोलिंग बजट के हिसाब से तैयारियां कर बैठकों में आने को कहा है। रोलिंग बजट एक ऐसी वित्तीय योजना है, जिसमें आगामी 3 साल के लिए बजट बनाया जाता है, लेकिन यह हर साल अपडेट होता है। यानी पहले वर्ष की समाप्ति के साथ अगले वर्ष के लिए नया अनुमान जोड़ दिया जाता है, जिससे योजना हमेशा फॉरवर्ड-लुकिंग बनी रहती है। जीरो बेस्ड बजटिंग में बजट अनुमान शून्य से शुरू किए जाते हैं। शून्य आधारित बजट में गत वर्षों के व्यय संबंधी आंकड़ों को कोई महत्व नहीं दिया जाता है। इस प्रणाली में कार्य इस आधार पर शुरू किया जाता है कि अगली अवधि के लिए बजट शून्य है।
विभागवार इस तरह होगी चर्चा
आज से शुरू हुई बजट चर्चा 29 सितंबर तक चलेगी। पहले दिन आज योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी, आनंद, विमानन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, वन, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, ऊर्जा विभाग के अधिकारी चर्चा करेंगे। वहीं 16 सितंबर को लोक परिसंपत्ति प्रबंधन, प्रवासी भारतीय, उच्च शिक्षा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, राजस्व, लोक सेवा प्रबंधन, जेल, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग, 17 सितंबर को संसदीय कार्य, वाणिज्यिककर, पर्यावरण, स्कूल शिक्षा, सहकारिता, महिला एवं बाल विकास, भोपाल गैस त्रासदी व लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग,18 सितंबर को तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार, पशुपालन, धार्मिक न्यास, जनसंपर्क, श्रम व जल संसाधन विभाग, 19 सितंबर को पर्यटन, मछुआ कल्याण, आयुष, सामान्य प्रशासन व लोक निर्माण विभाग, 22 सितंबर को खनिज साधन, सुक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम, कृषि, पिछड़ा वर्ग व नर्मदा घाटी विकास विभाग, 23 सितंबर को परिवहन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कृषि व वित्त विभाग, 24 सितंबर को खेल एवं युवा कल्याण, सामाजिक न्याय व गृह विभाग, 25 सितंबर को संस्कृति, खाद्य, अल्पसंख्यक कल्याण, विमुक्त, घुमन्तु व अर्धघुमन्तु जनजाति, विधि एवं विधायी कार्य विभाग, 26 सितंबर को औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, उद्यानिकी व अनुसूचित जाति कल्याण विभाग, 29 सितंबर को नगरीय विकास एवं आवास, कुटीर एवं ग्रामोद्योग व जनजातीय कार्य विभाग के अधिकारी बजट पर चर्चा करेंगे।