अफसरों को भी लगानी होगी दिल्ली की दौड़

 केंद्र सरकार
  • प्रदेश की हिस्सेदारी के लिए कवायद…
  • इस वित्तीय वर्ष में प्रदेश को केंद्र से मिलेंगे 97,906 करोड़

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। केंद्र सरकार से अपनी हिस्सेदारी लेने के लिए अब मंत्री अकेले दिल्ली नहीं जाएंगे। प्रदेश सरकार ने इसके लिए नई व्यवस्था कि है, जिसके अनुसार अब मंत्रियों के साथ विभागीय अफसर भी दिल्ली जाएंगे। गौरतलब है कि केंद्र सरकार के 2024-25 बजट में मप्र को  97 हजार 906 करोड़ रुपए मिलेंगे। यह पिछले वर्ष 2023-24 में मिले 86 हजार 792 करोड़ से 11 हजार 204 करोड़ रुपए ज्यादा हैं। वहीं प्रदेश को भारत सरकार से इस वित्तीय वर्ष में लगभग एक लाख 41 हजार करोड़ रुपये विभिन्न माध्यमों से प्राप्त होना है। प्रदेश को वर्ष 2024-25 में एक लाख 41 हजार करोड़ रुपये से अधिक भारत सरकार से प्राप्त होने हैं। 95 हजार 753 करोड़ रुपये वर्षभर में केंद्रीय करों के हिस्से में मिलने हैं। इस बजट को लेने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव लगातार दिल्ली दौरा कर रहे हैं। वहीं प्रदेश सरकार के मंत्री भी केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर रहे हैं।
गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के छह माह बीत चुके हैं। मध्य प्रदेश सरकार में आगामी बजट की तैयारी शुरू कर दी है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव स्वयं तो केंद्रीय मंत्रियों से लगातार भेंट कर ही रहे हैं, सभी मंत्रियों और अधिकारियों से भी कहा है कि वे स्वीकृत योजना का बजट जल्द प्राप्त करने के लिए संबंधित मंत्रालय के मंत्रियों और अधिकारियों से सतत संवाद करें। आवश्यकता के अनुसार दिल्ली भी जाएं। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों से कहा है कि वे भारत सरकार के बजट में प्रविधानित राशि समय पर मिले ,ताकि उसका उपयोग इसी वित्तीय वर्ष में हो जाए, इसके लिए केंद्रीय मंत्रियों और अधिकारियों से संपर्क किया जाए। मुख्य सचिव अनुराग जैन ने भी अधिकारियों को केंद्रीय अधिकारियों से संवाद और संपर्क रखने के लिए कहा है।
केंद्र सरकार से मिलनी है यह राशि
प्रदेश सरकार पर भारी कर्ज है। वहीं सरकार हर साल कर्ज लेकर विकास कार्यों पर खर्च कर रही है। ऐसे में सरकार का फोकस इस बात पर है कि केंद्र से मिलने वाले बजट को समय पर लाया जाए। इसके लिए अब मंत्रियों के साथ विभागीय अफसर भी जाएंगे। गौरतलब है कि प्रदेश को भारत सरकार से इस वित्तीय वर्ष में लगभग एक लाख 41 हजार करोड़ रुपये विभिन्न माध्यमों से प्राप्त होना है। प्रदेश का वर्ष 2024-25 में एक लाख 41 हजार करोड़ रुपये से अधिक भारत सरकार से प्राप्त होने हैं। इसमें 95 हजार 753 करोड़ रुपये वर्षभर में केंद्रीय करों के हिस्से में मिलने हैं। जबकि, 44 हजार 891 करोड़ रुपये केंद्रीय सहायता अनुदान के रुप में मिलना है। विशेष केंद्रीय सहायता योजना में भी 10 हजार 910 करोड़ रुपये के प्रस्ताव भेजे गए थे। इसमें से 4,318 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिल चुकी है। अधोसंरचना विकास के लिए प्रदेश को 10,500 करोड़ रुपये मिलने की संभावना है, जिनमें 9,750 करोड़ रुपये राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लिए प्रस्तावित हैं। 2028 में होने वाले सिंहस्थ को देखते हुए रोप वे के लिए 50 करोड़ और पीथमपुर में मल्टी मॉडल लाजिस्टिक पार्क के लिए 60 करोड़ रुपये का प्रविधान है। सेतु बंधन योजना में फ्लाई ओवर समेत अन्य परियोजनाओं के लिए 750 करोड़ रुपये रखे गए हैं। नगरीय विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास सहित अन्य विभागों में संचालित केंद्रीय योजनाओं के लिए भी राशि का प्रविधान है। इस वित्तीय वर्ष में पांच साल में केंद्र सरकार मप्र को इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के प्रोजेक्ट के लिए 29 हजार 710 करोड़ रुपए खर्च करने वाली है। इसमें मध्य प्रदेश इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए 10 हजार 500 करोड़ रुपये मिलेंगे। इसमें लोक निर्माण विभाग को 3390 करोड़ और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के 7710 करोड़ रुपये शामिल हैं। इसमें उज्जैन महाकाल के रोपवे, पांच रिंग रोड के लिए भी राशि शामिल है। बता दें, उज्जैन में रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक रोप वे के लिए पहले ही एमओयू हो चुका है। इसके बनने से स्टेशन से मंदिर तक सडक़ पर दबाव कम होने के साथ ही श्रद्धालुओं का समय भी बचेगा। रोपवे से 25 मिनट की जगह 7 मिनट में ही श्रद्धालु स्टेशन से मंदिर पहुंच जाएंगे। इसके अलावा भोपाल, इंदौर, जबलपुर, सागर और ग्वालियर में रिंग रोड के लिए भी बजट में राशि का प्रावधान किया गया है।
प्रदेश की हिस्सेदारी के लिए
उधर, प्रदेश के वित्त विभाग ने वर्ष 2025-26 के बजट की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए जो अनुमानित राशि विभाग को बताई गई है, उसके अनुसार बजट चार लाख करोड़ रुपये के आसपास हो सकता है। इसी हिसाब से प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। सरकार का फोकस कृषि, नगरीय विकास, ग्रामीण विकास, औद्योगिक विकास और रोजगार के अवसर बढ़ाने पर रहेगा। बजट प्रस्तुत होने से पहले भोपाल में सात-आठ फरवरी 2025 को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट होगी। इसमें देश- दुनिया के बड़े उद्योगपति जुटेंगे और प्रदेश को विभिन्न क्षेत्रों में निवेश प्रस्ताव मिलने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में पहली बार रीजनल इन्वेस्टर्स कान्क्लेव का आयोजन हो रहा है, जिसमें लगभग सवा दो लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव भी सरकार को मिल चुके हैं।

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