- स्वेच्छा अनुदान वितरण में गड़बड़ी का मामला
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। भोपाल। वर्ष 2017 में लोकायुक्त पुलिस ने चहेतों को उपकृत करने के लिए नियमों का उल्लंघन कर आर्थिक सहायता बांटने के मामले में पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता, पूर्व नेता प्रतिपक्ष शम्मी शर्मा, अंजली रायजादा, नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त वेदप्रकाश शर्मा, एनपीएस राजपूत और पूर्व निगमायुक्त विनोद शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इन सब पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं तथा निगम को नुकसान पहुंचाने का षड्यंत्र करने के अपराध में एफआईआर दर्ज की गई थी। लेकिन विडंबना यह है कि सरकार ने जहां आईएएस अधिकारियों को इस मामले में क्लीनचिट दे दी है। सरकार ने तीनों के खिलाफ कोर्ट में अभियोजन की स्वीकृति देने के लिए लोकायुक्त को मना कर दिया है। वहीं जनप्रतिनिधियों को सजा देते हुए उनके तीन साल तक चुनाव लडऩे पर प्रतिबंध लगा दिया है।
गौरतलब है कि ग्वालियर नगर निगम में तत्कालीन आयुक्त वेद प्रकाश शर्मा, विनोद शर्मा और एनबीएस राजपूत के समय में कैंसर, किडनी सहित तमाम गंभीर बीमारियों से जूझ रहे शहर के 19 लोगों को इलाज के लिए राशि जारी की गई थी। इसके लिए नगर निगम परिषद और मेयर इन कांउसिल ने महापौर सहित तीन सदस्य समिति बनाई थी। समिति ने उक्त मामलों को राशि देने का निर्णय लिया था। निर्णय के आधार पर पीडि़तों को राशि उक्त तीनों आयुक्तों के जरिए जारी की थी। इस मामले की एक शिकायत वर्ष 2016 में लोकायुक्त कार्यालय ग्वालियर में दर्ज की गई थी, वर्ष 2017 में इस मामले में लोकायुक्त ने तीनों पूर्व आईएएस अधिकारियों सहित महापौर, नेता प्रतिपक्ष और एक पार्षद के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था। लोकायुक्त ने जांच कर मामला सही पाए जाने पर विभाग से इनके खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मांगी थी।
अफसरों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति नहीं दी
जानकारी के अनुसार सरकार ने पूर्व आईएएस अधिकारी वेद प्रकाश शर्मा, विनोद शर्मा और एनबीएस राजपूत के खिलाफ कोर्ट में अभियोजन की स्वीकृति देने के लिए लोकायुक्त को मना कर दिया है। तीनों पर लोकायुक्त ने स्वेच्छा अनुदान वितरण में गड़बड़ी का मामला वर्ष 2017 में दर्ज किया था। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने इस मामले में प्रक्रियात्मक गड़बड़ी बताते हुए तत्कालीन महापौर समीक्षा गुप्ता, नेता प्रतिपक्ष शम्मी शर्मा और पार्षद डॉ. अंजली रायजादा ग्वालियर को जिम्मेदार ठहराते हुए 3 वर्ष तक चुनाव लडऩे की पात्रता नहीं होने के लिए आदेश जारी किया है।