बेगानी शादी में दीवाने अफसर

 शिवराज सिंह चौहान

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संसदीय क्षेत्र रहे विदिशा जिले के सिरोंज विकासखंड में कोरोना काल के 14  महीने की अवधि में छह हजार के लगभग शादियां हो गईं। उस समय लॉकडाउन की सख्त गाइड लाइन लागू होने की वजह से सब कुछ बंद था और शादियों पर भी सख्ती थी। इसके बाद भी करीब छह हजार शादियों के माध्यम से लोगों को सरकारी योजना का लगभग 30 करोड़ रुपए का लाभ दे दिया गया। इस मामले में जिस तरह से जनपद कार्यालय के साथ ही अन्य अफसरों ने जल्दबाजी दिखाई है उससे तो यह ही माना जा सकता है कि बेगानी शादी में अबदुल्ला दीवाना जैसी भूमिका में यह अफसर काम करते रहे। इसका खुलासा विधानसभा में भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा के लिखित सवाल से हुआ है। इसका उत्तर देते हुए विभागीय मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि एक अप्रैल 2019 से  21  मई 2020 के बीच की अवधि में 5999 विवाह हुए जिनमें सरकारी सहायता राशि 51 हजार रुपए पाने के लिए लोगों ने आवेदन किए थे। 1 अप्रैल 2019 से 21 मई 2020 की  वह अवधि थी जब कोरोना पहली लहर चल रही थी। उस समय शादियों की अनुमति सीमित संख्या के साथ दी जा रही थी जिससे कम लोगों ने शादियां कीं। मंत्री ने अपने उत्तर में स्वीकार किया की जांच में पता चला है कि विवाह पहले हो गए और उनके पंजीयन बाद में कराए गए हैं। जो नियमानुसार गलत है। उन्होंने कहा कि इस मामले में कार्रवाई की जा रही है। इस पर विधायक शर्मा ने कहा कि कोरना काल में इतनी संख्या में विवाह होना और उनका भुगतान भी हो जाना संदेह की बड़ी वजह है। उन्होंने इस दौरान जनपद सीईओ को हटाकर पूरे मामले की जांच की मांग की। उनका कहना है कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो भ्रष्टाचार ऐसा ही चलता रहेगा।
भनोत ने खड़ा किया अनुपूरक बजट पर सवाल
 सरकार द्वारा पेश किए गए 19 हजार करोड़ रुपए के दूसरे अनुपूरक बजट के प्रावधानों को लेकर कांग्रेस विधायक और पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत ने सवाल खड़ा किया है कि क्या तीन माह में इतनी बड़ी राशि को खर्च करने का अध्ययन किया गया है। तीन माह में यह राशि कैसे खर्च की जा सकेगी।  इसकी कोई तैयारी नहीं हुई कि पैसा कहां दिया जाएगा। मंत्री परेशान हैं कि उनके विभागों को पैसा नहीं मिल रहा है, जनता परेशान है कि उसके काम नहीं हो रहे हैं। किसान-बेरोजगार सब परेशान हैं। अभी आपको पर्ची लिखकर (अधिकारियों की तरफ से) आएगी, मैं देख रहा हूं, पर्ची बन रही है, आप उसको ही पड़ देंगे। मै जब मंत्री था तब मुझे भी आती थी, लेकिन मैं अपनी अक्ल भी लगाता था। यह बातें उनके द्वारा विधानसभा में अनुपूरक बजट पर चर्चा करते हुए कहीं गईं। उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान मारे गए, जिन लोगों को एक-एक लाख रुपए मिलना थे, एक साल से  अधिक समय हो गया, वह अभी तक नहीं मिला है। हम लोग लगातार पत्र लिख रहे हैं, जवाब नहीं मिलता है। कलेक्टर कहते हैं कि राशि का प्रावधान होगा, तब हो पाएगा। सरकार तीन लाख करोड़ रुपए का कर्ज ले सकती है, 25 हजार करोड़ रुपए ब्याज भर सकते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री की सबसे प्रिय योजना के लिए राशि का प्रावधान नहीं किया गया। उन्होंने कहा, सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को सलाम करता हूं, जिन्होंने कोविड के संक्रमण काल में अपनी जान पर\ खेलकर दायित्व का निर्वहन किया, लेकिन आपने क्या किया। महंगाई भत्ता तक नहीं दिया। इसका प्रावधान तो हम कर के गए थे। कैबिनेट में पास भी कर दिया था, लेकिन आपने नहीं दिया।   उन्होंने इसके पहले चर्चा की शुरूआत निंदक नियरे रािखए, आंगन कुटी छवाय,बिन पानी, साबुन बिना,निर्मल करे सुभाय दोहे से करते हुए कहा कि एक जिम्मेदार विपक्ष के नाते हमारा यह फर्ज बनता है कि हम सदन के सामने हर उस बात को लेकर आएं, जब हमें लगता है क सरकार के कामकाज में कमी है।
30.51 करोड़ की सहायता में दी
राज्य शासन ने अकेले विदिशा के सिरोंज विकासखंड में एक अप्रैल 19 से 21 मई 20 के बीच 5976 शादियों के लिए 30 करोड़ 40 लाख 22  हजार जनपद पंचायत ने दी। नगर परिषद सिरोंज ने ऐसी आठ शादियों के हितग्राहियों को चार लाख आठ हजार, नगर परिषद लटेरी के 15 शादियों के हितग्राहियों को सात लाख 65 हजार रुपए की राशि दी गई। यानि जिले के एक विकासखंड में 5999 शादियों के हितग्राहियों को 30 करोड़ 51 लाख से ज्यादा की राशि सहायता के रूप में दी गई।
रिश्वत लने का आरोप
सिरोंज विकासखंड में कोरोना काल में हुई छह हजार शादियों के हितग्राहियों से 20 से 25 हजार रुपए की रिश्वत लेकर उन्हें सरकारी सहायता राशि दिए जाने के आरोप भी लगाए गए हैं।  इस तरह के प्रकरणों में वे हितग्राही भी शामिल रहे जिनकी शादी पहले ही हो चुकी थी। उन्हें सरकारी सहायता राशि उपलब्ध कराई गई लेकिन इसके बदले उनसे रिश्वत ली गई।
दोषियों पर कार्यवाही का आश्वासन
विधानसभा में अब इस मामले की जांच कराने की घोषणा की गई है, जिसमें विभागीय स्तर पर भी जांच की जा रही है। विधानसभा अध्यक्ष ने इसे गंभीर मामला बताया और आश्चर्य व्यक्त किया है कि कोरोना काल में भी एक ही विकासखंड में छह हजार शादियां कैसे हो गईं। इसकी गंभीरता से जांच कराई जाए। उन्होंने जिला से जांच कराने के बजाय भोपाल से जांच अधिकारी भेजने का निर्देश दिया।

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