
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण का उद्योग और सिंचाई के पानी का किसानों पर 200 करोड़ रुपये की राशि बकाया है। इसकी वसूली किया जाना है। विभाग ने इसकी वसूली के लिए अब पांच सौ से ज्यादा समितियां गठित की है। यह समितियां बकाया राशि तो वसूलेंगी ही साथ ही बांध और नहरों के संधारण तथा संचालन का भी काम करेंगी। दरअसल एनवीडीए का उद्योगों और सिंचाई के लिए पानी का इस्तेमाल करने वाले किसानों से जल की राशि वसूल किया जाना है।
यही वजह है कि नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण को मध्य प्रदेश सिंचाई प्रबंधन में कृषकों की भागीदारी अधिनियम 1999 के तहत जल उपभोक्ता संस्थाओं का गठन करना पड़ रहा है। खास बात है कि एनवीडीए ने पहली बार जल संसाधन विभाग की ही तर्ज पर इन जल उपभोक्ता संस्थाओं का गठन किया है।
बांध और नहरों के लिए गठित संस्थाएं
एनवीडीए के अधिकारियों के मुताबिक विभाग ने अपनी सिंचाई परियोजनाओं तथा नहरों के संधारण और संचालन के लिए जल उपभोक्ता संस्थाओं का गठन किया है। यह संस्थाएं जिन नहरों का संस्थाओं का संधारण करेंगी उनमें इसमें कटनी जिले की 13, नरसिंहपुर जिले की 60, रीवा में 12, सतना में 85, खरगोन में 43, बड़वानी में 24, इसी तरह ओंकारेश्वर के लिए 37, धार में 43, नर्मदा मालवा लिंक के तहत इंदौर में 18 और उज्जैन में आठ जल उपभोक्ता संस्थाओं का गठन किया गया है। इसी तरह जिन महत्वपूर्ण बांधों के लिए समितियां गठित की गई हैं उनमें इंदिरा सागर के लिए 30, बरगी व्यपवर्तन 29, रानी अवंती बाई 30, अपरवेदा परियोजना 09, ओम्कारेश्वर 01, पुनासा उद्वहन 18, नर्मदा मालवा लिंक 18, मान परियोजना 10, जोबट परियोजना 06 और हालोन परियोजना के लिए 10 समितियां गठित की गई है।