- आंकड़ों और पोर्टल की गड़बड़ी से बढ़ी उलझन
- गौरव चौहान

मध्य प्रदेश में एमएसएमई की संख्या 20 लाख पार कर गई है, जिससे राज्य देश के शीर्ष छह राज्यों में शामिल हो गया है। नवीन एमएसएमई नीतियों और स्टार्ट-अप पहल से उद्यमिता को बढ़ावा मिला है। इससे रोजगार, निवेश और आत्मनिर्भरता को गति मिली है। एमएसएमई मंत्री चैतन्य कुमार काश्यप ने बताया कि महिला उद्यमिता में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। लेकिन एमएसएमई की संख्या केंद्र 11 लाख, राज्य 20 लाख और पोर्टल 43 लाख बता रहा है इसलिए उलझन बढ़ गई हैं।
जानकारी के अनुसार भारत सरकार के उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर अब तक 20 लाख से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम इकाइयां पंजीकृत हो चुकी हैं। उद्यम सहायता पोर्टल के अनुसार, प्रदेश में अब तक लगभग 23 लाख इकाइयां स्थापित हुई हैं। वर्तमान में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम इकाइयों की कुल संख्या 43 लाख 32 हजार से अधिक हो गई है। इस तरह मध्य प्रदेश का स्थान देश के शीर्ष छह राज्यों में दर्ज हो गया है। यह जानकारी एमएसएमई मंत्री चैतन्य कुमार काश्यप ने दी। विशेषज्ञों के अनुसार, नवीन एमएसएमई विकास नीति 2025, स्टार्ट-अप नीति-2025, ईज आफ डूइंग बिजनेस जैसी पहल ने उद्यमियों का भरोसा बढ़ाया है। प्रदेश में एमएसएमई की इस वृद्धि से रोजगार, स्थानीय निवेश और आत्मनिर्भरता तीनों को एक साथ गति मिली है।
महिला उद्यमिता में 15 फीसदी की बढ़ोतरी
एमएसएमई मंत्री काश्यप ने बताया कि महिला उद्यमिता में भी पिछले दो वर्षों में 15 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 की अपेक्षा 2024-25 में पंजीकृत इकाइयों की संख्या में 1,24,279 की वृद्धि हुई है। मध्य प्रदेश सरकार का लक्ष्य अब 2026 तक 25 लाख एमएसएमई इकाइयों का आंकड़ा पार करने का है, जिससे पांच लाख से अधिक नए रोजगार सृजित होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई विभाग इन प्रयासों को उच्चतम स्तर तक ले जाने के लिए सतत रूप से कार्यरत रहेगा, ताकि प्रदेश के उद्योग क्षेत्र में निवेश, नवाचार और रोजगार सृजन को और अधिक प्रोत्साहन मिले।
केंद्र और राज्य सरकार के आंकड़ों में अंतर
वहीं मप्र में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के रजिस्ट्रेशन को लेकर बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। केंद्र और राज्य सरकार के आंकड़ों में इतना फर्क है कि तय नहीं हो पा रहा कि आखिर प्रदेश में कितने उद्यम चल रहे हैं और कितने बंद हो चुके हैं। दरअसल 4 अगस्त को केंद्रीय एमएसएमई राज्यमंत्री शोभा करंदलाजे ने राज्यसभा में बताया था कि मप्र में कुल 11 लाख 18 हजार 26 उद्यम रजिस्टर्ड हैं। उन्होंने यह जानकारी यूआरपी और यूएपी के डेटा के आधार पर दी थी। इसमें यह भी बताया गया कि बीते पांच साल में मप्र में 4,127 उद्यम बंद हुए हैं। इस संदर्भ में मप्र के एमएसएमई निदेशालय के अफसरों ने कहा कि उद्यम बंद नहीं हुए, बल्कि इसके उलट रजिस्ट्रेशन की संख्या बढ़ी है। उन्होंने दावा किया कि मप्र में 20 लाख से ज्यादा उद्यम रजिस्टर्ड हैं। जब एमएसएमई विभाग के अफसरों से आंकड़े पूछे, तो उन्होंने बताया कि मप्र में 20,43,551 उद्यम पंजीकृत हैं। यानी केंद्रीय मंत्री के आंकड़ों से 9 लाख 25 हजार 525 उद्यम ज्यादा। वहीं उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल से जुड़े अधिकारी दोनों ही आंकड़ों को गलत बता रहे हैं। उनका कहाना है कि सही संख्या 42 लाख से अधिक है, जबकि पोर्टल पर 43,57,629 रजिस्ट्रेशन दर्ज मिले हैं। जब तीन अलग-अलग सरकारी एजेंसियां ही अपने-अपने आंकड़े बता रही हैं, तो मप्र में एमएसएमई की असली स्थिति कौन बताएगा? एक तरफ केंद्र के रिकॉर्ड में 11 लाख उद्यम हैं, राज्य के अफसर 20 लाख बता रहे हैं, और पोर्टल पर दर्ज संख्या 43 लाख से भी ज्यादा है।
बंद उद्यमों का कोई डेटा नही
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि मप्र एमएसएमई के अफसरों के पास बंद हो चुके उद्यमों का कोई डेटा नहीं है। उनका कहना है कि पोर्टल पर एक्सेस नहीं होने के कारण वे सभी अपडेट नहीं देख पाते। अफसरों का तर्क है कि एक ही आधार और पैन नंबर पर एक से अधिक रजिस्ट्रेशन होने पर पुराने रजिस्ट्रेशन कैंसिल हो जाते हैं। लेकिन किस आधार पर और कितने उद्यम वाकई बंद हुए, इसका कोई रिकॉर्ड किसी के पास नहीं है। दरअसल, सिर्फ उद्यम बंद ही नहीं हो रहे, नए रजिस्ट्रेशन भी घट रहे हैं। 2023-24 में 2.49 लाख उद्यम रजिस्टर्ड हुए थे, जो 2024-25 में घटकर 2.31 लाख रह गए। वर्ष 2025-26 के शुरुआती सात माह में 45,856 रजिस्ट्रेशन ही हुए हैं। यदि बाकी पांच महीनों में भी इतने ही रजिस्ट्रेशन अनुमानित मानें तो यह आंकड़ा 1 लाख के आसपास पहुंचता है। यानी बीते साल की तुलना में 50 फीसदी से ज्यादा की गिरावट हुई है। जानकारी के अनुसार 1 जुलाई 2020 को शुरू हुए उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल को 5 साल हो गए। हर साल औसतन 3679 रजिस्ट्रेशन कैंसिल हुए, यानी अब तक कुल करीब 18,395 रद्द हो चुके हैं। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग कमिश्नर दिलीप कुमार का कहना है कि मप्र में उद्यम रजिस्ट्रेशन लगातार बढ़ रहे हैं। उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर उद्यमों की संख्या अब 20 लाख 43 हजार 551 हो चुकी है। पोर्टल केंद्र सरकार का है, उस पर यदि 43 लाख का आकड़ा बताया जा रहा है तो अफसरों ने उद्यम सहायता पोर्टल के रजिस्ट्रेशन जोडकऱ बताया होगा। उद्यम रजिस्ट्रेशन कितने कैंसिल हुए हैं, यह आंकड़ा देखने का एक्सेस हमारे पास नहीं है।
