अब घर बैठे ही मिलेगी फ्री स्वास्थ सुविधाएं

स्वास्थ सुविधाएं
  • नेशनल हेल्थ मिशन की पहल….

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में लोगों को घर पर ही स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए नेशनल हेल्थ मिशन ने अभिनव पहल ही है। इसके तहत राजधानी समेत प्रदेश भर में अब हॉस्पिटल ऑन व्हील के तहत मोबाइल मेडिकल यूनिट का संचालन किया जाएगा। इससे दूरदराज, कठिन, कम सेवा वाले और पहुंच से दूर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को घर के दरवाजे पर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी। यानी लोगों को अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। राज्य मंत्री, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर से बेहतर हो इस दिशा में लगातार काम किया जा रहा है। एमएमयू उसी योजना का एक हिस्सा है। इसके संचालन के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी है। बताया जा रहा है कि हॉस्पिटल ऑन व्हील के लिए नेशनल हेल्थ मिशन द्वारा टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। खास बात यह है कि मरीजों को इस सुविधा के लिए किसी तरह का शुल्क नहीं देना पड़ेगा। आमतौर पर एक मोबाइल मेडिकल यूनिट में एक वाहन होगा, वहीं जिन क्षेत्रों में सुविधाओं की कमी है या मरीजों की संख्या ज्यादा है तो दो और तीन वाहन भी हो सकते हैं। एक से अधिक वाहन होने पर एक वाहन का उपयोग चिकित्सा और पैरा-मेडिकल कर्मियों के परिवहन के लिए होगा। इसमें एक चिकित्सा अधिकारी, एक नर्स, एक लैब तकनीशियन, एक फार्मासिस्ट सह प्रशासनिक सहायक और एक ड्राइवर सह सहायक कर्मचारी शामिल है। दूसरे वाहन का उपयोग उपकर और बुनियादी प्रयोगशाला सुविधाओं को ले जाने के लिए किया जाएगा। वहीं तीसरे वाहन में एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, ईसीजी मशीन और जनरेटर जैसे दानिक उपकरण होंगे।
10 लाख की आबादी पर एक मोबाइल मेडिकल यूनिट
जानकारी के अनुसार, एक मोबाइल मेडिकल यूनिट प्रति 10 लाख जनसंख्या पर चलाई जाएगी, वहीं एक जिले में ज्यादा से ज्यादा 5 मोबाइल मेडिकल यूनिट ही होंगी। विशेष स्थिति में इन नियमों में बदलाव भी किया जा सकता है। मध्यप्रदेश में एक मोबाइल मेडिकल यूनिट 30 से 60 मरीजों को हर दिन इलाज मुहैया कराएगी। सभी जांच से लैस वैन के संचालन व लागत के लिए 24 लाख रुपए का बजट तय किया गया है। मोबाइल मेडिकल यूनिट में मातृ स्वास्थ्य, नवजात और शिशु स्वास्थ्य, बाल और किशोर स्वास्थ्य, प्रजनन स्वास्थ्य और गर्भनिरोधक सेवाएं, पुरानी संक्रामक बीमारियों का प्रबंधन, सामान्य संक्रामक बीमारियों का प्रबंधन, ओपीडी देखभाल, सामान्य गैर-संचारी रोगों का प्रबंधन, मानसिक बीमारी का प्रबंधन और दंत चिकित्सा देखभाल आदि सेवाएं मिलेंगी।

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