
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। पहले से ही विंध्य अंचल प्रदेश का सबसे अधिक बिजली उत्पादन कराने वाला अंचल है, लेकिन अब इस अंचल में एक के बाद एक पावर प्रोजेक्ट पर काम होने से यह अंचल अब देश का प्रमुख बिजली उत्पादक हब के रुप में विकसित होने जा रहा है। खास बात यह है कि इस अंचल में अब तक सौर ऊर्जा के अलावा कोयले से बिजली उत्पादन होता था , लेकिन अब पानी से बिजली बनाने का भी संयत्र लगाया जा रहा है। दरअसल सरकार ने इस अंचल के सतना और बुंदेलखंड अंचल के पन्ना जिले में पन बिजली उत्पादन का बड़ा प्रोजेक्ट शुरू करने की तैयारी शुरु की है। इससे 1800 मेगावाट बिजली उत्पादन की योजना है। इसके तहत पन्ना जिले के पनारी स्टैण्ड अलोन पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट का निर्माण ग्राम पनारी में और सतना जिले के ग्राम सालिकपुर, कौंहारी, पौवा और कठबरिया के समीप किए जाने की योजना है। इस हाइड्रो प्रोजेक्ट की खास बात यह है कि इसमें पानी लिफ्ट करके ऊपर ले जाया जाएगा, फिर नीचे गिराया जाएगा। इससे बिजली का उत्पादन होगा। इसके लिए पर्यावरणीय अनुमति की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसके लिए दोनों जिलों पन्ना और सतना कलेक्टर के यहां आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रोजेक्ट डिटेल भेज दी गई है। इस प्रोजेक्ट के शुरु होने से इस क्षेत्र में बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने में आसानी होगी।
प्रोजेक्ट एक नजर
इस प्रोजेक्ट की लागत 8472 करोड़ रुपए अनुमानित है। इसके लिये 581 हैक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी। जिसमें 62.45 हैक्टेयर गैर वन भूमि और 519 हैक्टेयर वन भूमि होगी। इस प्रोजेक्ट के जरिए 250 लोगों को रोजगार मिलेगा। इसकी स्थापना पन्ना जिले की बाघिन नदी पर की जाएगी। इसमे दो जलाशय बनाए जाएंगे। पनारी के पास नदी के ऊपर समतल जमीन में एक बड़ा जलाशय बनाया जाएगा। इसमें पानी भण्डारण की क्षमता 0.961 टीएमसी होगी। इसके बाद इसी नदी पर आगे दूसरा जलाशय बनाया जाएगा। यह 12 मीटर ऊंचा कांक्रीट ग्रेविटी का बांध होगा, जिसकी भंडारण क्षमता 1.188 टीएमसी होगी। जलाशय से पंप द्वारा पानी ऊपर बनाए गए जलाशय में गिराया जाएगा। इस दौरान बीच में टारबाइन लगाकर बिजली पैदा की जाएगी। इस प्रोजेक्ट की स्टोरेज क्षमता 11160 एमडब्लूएच होगी। बिजली बनाने के लिये 11.40 घंटे में ऊपरी जलाशय में 1.14 टीएमसी पानी को पंप किया जाएगा।