
– नहीं सुलझा आधा दर्जन वार्डों में फंसा पेंच
– इंदौर में भी काटना पड़ गया था टिकट
भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। सुचिता व संस्कार के दावे करने वाली भाजपा में भी इस बार अपराधियों व असमाजिक तत्वों को पार्षद का टिकट देने में परहेज नहीं किया गया , लिहाजा पार्टी के विचारधारा पर गंभीर सवाल खड़े होने लगे हैं। इस तरह के प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद अब उनके खिलाफ पार्टी में ही विरोधी स्वर उभरे तो भाजपा संगठन को बैकफुट पर आना पड़ रहा है। हालात यह हैं कि इंदौर के ऐसे ही एक प्रत्याशी का टिकट तो तत्काल काट दिया गया , लेकिन भोपाल के तीन प्रत्याशियों के मामले में देखो व इंतजार करो की रणनीति अपनाई जा रही है। यह बात अलग है कि इस मामले में अब विरोध बढ़ता देख अब भाजपा संगठन ने पूर्व में घोषित तीन प्रत्याशियों के टिकट काटने की तैयारी शुरू कर दी है। दरअसल भाजपा की भोपाल व इंदौर की सूची आयी तो भाजपा कार्यकर्ता व नेताओं से लेकर आम आदमी तक उस समय भौंचक रह गए , जब उस सूची में इंदौर के युवराज उस्ताद की पत्नी स्वाति काशिद और भोपाल की सूची में वार्ड 40 से गैंगस्टर बाबू मस्तान की पत्नी मर्सरत और वार्ड 44 से भूपेंद्र सिंह चौहान के नाम से अपराधी पिंकी भदौरिया का नाम शामिल था। इसमें से भोपाल के मामले में अभी तक पार्टी के अंदर विचार विमर्श ही किया जा रहा है, जबकि इंदौर के मामले में तत्काल टिकट काटने की घोषणा कर दी गई थी। अब इसमें एक और नया नाम जुड़ गया है। यह नाम एक ऐसे प्रत्याशी का है जिसका एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इसमें घोषित प्रत्याशी शराब के साथ ही जुआ के फड़ पर दांव लगा रहा है। पार्टी सूत्रों के अनुसार पार्टी अब इन तीनों की जगह नए प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर चुकी है। माना जा रहा है कि कल मंगलवार को उनकी जगह किसी अन्य को बी फार्म प्रदान कर दिया जाएगा। शहर के कुख्यात आरोपियों को टिकट दिए जाने के बाद पुलिस अधिकारी भी दबी जबान में चर्चा करने लगे हैं कि जब सत्तारुढ़ दल ही ऐसे आरोपियों को टिकट देकर संरक्षण देने का काम करेगी तो फिर वे शहर में मुख्यमंत्री के निर्देश पर अवैध शराब की बिक्री और जुआ खिलाने के अड्डों पर कार्रवाई कैसे कर पाएंगे। फिलहाल इस मामले में भाजपा के छोटे से लेकर बड़े नेता तक ने चुप्पी साध रखी है। यह हाल तब है जबकि इससे पहले मुख्यमंत्री इंदौर में आपराधिक प्रवृत्ति के प्रत्याशी को टिकट दिए जाने पर नाराजगी जता चुके हैं। उधर, इस मामले में अब कांग्रेस भाजपा पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि अपराधियों को टिकट देने से पार्टी का चाल चरित्र और चेहरा उजागर होता है। भाजपा दूसरे दलों को नसीहत देती है लेकिन अपनी बारी आने पर आंख बंद कर लेती है।
दोनों दलों में बढ़ता ही जा रहा असंतोष
नामांकन फार्म जमा हुए दो दिन का समय होने को है , इसके बाद भी कांग्रेस व भाजपा दोनों दलों में असंतोष थमने की जगह बढ़ता ही जा रहा है। हालात यह हो गए हैं कि दोनों दलों के आला नेताओं को अब अंसतोष थामने के लिए जमकर माथा पच्ची करनी पड़ रही है। हालत यह है कि अब तो कई दोवदारों ने दूसरे दलों तक में प्रत्याशी बनने के लिए सेंधमारी तक करना शुरू कर दी है। इसकी वजह है मंगलवार तक राजनैतिक दलों के प्रत्याशियों द्वारा बी फार्म जमा किया जा सकता है। ऐसा नहीं है कि इस तरह की स्थिति अकेले भोपाल में बनी है , बल्कि दूसरे शहरों में भी यही स्थिति है। राजधानी में वार्ड 65 व वार्ड 68 प्रत्याशी बदलने की मांग करते हुए स्थानीय को ही टिकट देने की मांग की जा रही है। इसी तरह से वार्ड 74 में बाहरी प्रत्याशी का विरोध हो रहा है। तो उधर, वार्ड चार से भाजपा के मंडल उपाध्यक्ष हरीश बिनवानी और कन्हैया इसरानी ने भी निर्दलीय पर्चा दाखिल किया है। तो वार्ड तीन में भी ऐसी ही स्थिति बन रही है। कोलार के वार्ड 80 से भाजपा से सुनीता भदौरिया को टिकट दिया गया है। पिछली बार इनके पति गुड्डू भदौरिया निर्दलीय लड़े थे। इन्हें लेकर भी विरोध तेज बना हुआ है। वार्ड 81 में अनुसूचित जाति महिला के लिए सीट आरक्षित होने से इस बार नगर निगम कर्मचारी बबीता डोंगरे को और वार्ड 82 से ज्योति मिश्रा का भी स्थानीय नेता गुपचुप विरोध कर रहे हैं।
उधर, भोपाल में एक भी पदाधिकारी को टिकट नहीं मिलने पर युवा कांग्रेस ने नगर निगम चुनाव के बायकॉट का ऐलान कर दिया है। युवा कांग्रेस के भोपाल जिलाध्यक्ष नरेंद्र यादव अपने समर्थकों और युवा कांग्रेस पदाधिकारियों के साथ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय (पीसीसी) पहुंचे और प्रदर्शन किया। यादव ने कहा कि युवा कांग्रेस को 30 फीसदी टिकट का वादा किया गया था, लेकिन एक भी पदाधिकारी को टिकट नहीं मिला। वार्ड 82 में जिला कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष राहुल सिंह राठौड़ की पत्नी को टिकट नहीं देने से नाराजगी है। वार्ड 34 के प्रत्याशी यशवंत यादव को प्रचार के दौरान जनता के विरोध का सामना करना पड़ा। वार्ड 40 के बाग उमराव दुल्हा में कांग्रेस नेताओं का आना मना है का बैनर लगा दिया है। रहवासियों का कहना है कि इस वार्ड में कांग्रेस बाग उमराव दुल्हा से जीत दर्ज कराती है और उम्मीदवार इसी वार्ड के दूसरे क्षेत्र से दिया है।
दंबग है बाबू मस्तान
बाबू मस्तान की पहचान जुआ का अडड़ा चलाने वाले के रुप में है। वह इलाके में बेहद दंबग माना जाता है। इसकी वजह से उसका बड़ा दबदबा भी है। बाबू मस्तान का छोटा भाई अकरम मौलाना बड़ा अपराधी है। उसकी दंबगता इससे ही समझी जा सकती है कि वह एक समय सुपारी लेकर जेलर पीडी श्रीवास्तव तक पर भी पर गोली चला चुका है। एक हत्याकांड में उसे आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। इसी तरह से मस्तान का भांजा जुबेर मौलाना भी निगरानीशुदा बदमाश है। वह भी बेहद दबंग अपराधी माना जाता है।
हो चुकी जिला बदर की कार्रवई
पिंकी भदौरिया के खिलाफ तत्कालीन कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने अवांछित गतिविधियों का लगातार संचालन करने के आरोप में जिला बदर किया था। उस पर एनडीपीएस एक्ट सहित कई तरह के गंभीर मामले दर्ज हैं। इनमें से कई मामले अभी न्यायालय में हैं। यही नहीं कहा जाता है कि उसके कई साथी अलग-अलग जगहों पर उसकी ही सरपरस्ती में जुआ के अड्डे चलाते हैं।
नहीं सुलझ पा रहा मामला
भोपाल के जिन छह वार्ड के टिकट भाजपा ने होल्ड किए थे , उनका अब भी मामला उलझा ही हुआ है। इसकी वजह से भाजपा के टिकट के दावेदार अपना चुनाव प्रचार तक शुरू नहीं कर पा रहे हैं। यह वे वार्ड हैं जिनमें इस बार कांग्रेस से कड़ा मुकाबला होना पहले से ही तय माना जा रहा है। दरअसल इनमें से दो वार्डों में तो एक पूर्व मंत्री ने अपनी बेटी व समर्थक के लिए दबाव बना रखा है। माना जा रहा है कि पार्टी अब मंगलवार को ऐन समय पर ही नामांकन जमा कराने वाले किसी दावेदार को चुपचाप बी फार्म थमाएगी। यह वार्ड दक्षित पश्चिम और मध्य विधानसभा क्षेत्र के हैं। इन दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के विधायक हैं।