
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। अब कोई भी विद्यार्थी एक साथ दो डिग्री प्राप्त कर सकता है। शर्त है कि एक कोर्स नियमित हो, जबकि दूसरा दूरवर्ती विश्वविद्यालय से होना चाहिए। यह निर्णय राजभवन में हुई विश्वविद्यालय समन्वय समिति की 101वीं बैठक में लिया गया। राज्यपाल मंगू भाई की अध्यक्षता में हुई बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार सहित प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति भी मौजूद थे। इसके अलावा बीसीए (बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशंस) में अब वे विद्यार्थी भी प्रवेश ले सकेंगे, जिनका गणित विषय नहीं रहा।
अभी तक बीसीए में प्रवेश के लिए 12वीं में गणित विषय अनिवार्य था। इस नियम को शिथिल कर दिया गया है। इसी तरह से पीएचडी नियमों में भी संशोधन कर दिया गया है। दरअसल, कोर्स वर्क नियमित होने से कई विद्यार्थी वंचित हो जाते थे। अब छह माह के कोर्स वर्क नियम में संशोधन किया गया है। सेवारत व्यक्ति को पीएचडी के लिए ऑनलाइन कोर्स वर्क की छूट होगी। सभी निजी एवं शासकीय विवि को यूजीसी के 12-बी में पंजीयन कराना होगा। इससे रिसर्च प्रोजेक्ट, संगोष्ठी-सम्मेलन, तय निर्माण कार्य आदि के लिए वित्तीय सहायता मिलने में आसानी होगी। बैठक में तय किया गया है कि 2024-25 के लिए पात्र विवि नैक ग्रेडिंग के लिए आवेदन करना होगा। नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल उच्च शिक्षा संस्थानों में गुणवत्ता तय करती है। नैक ग्रेडिंग से विद्यार्थियों को संस्थान के बारे में सही जानकारी मिलती है। नए विश्वविद्यालयों को तय छह वर्ष पूर्ण होने के एक वर्ष में अनिवार्यत: आवेदन पेश करना होगा। इन निर्णयों से छात्रों के साथ ही अन्य लोगों को फायदा होगा।
यह भी हुए फैसले
तकनीकी विवि एमबीए की सम्बद्धता नहीं देंगे। अभी स्थिति यह है कि कुछ कॉलेजों ने अपने अधिकार क्षेत्र के विवि से विभिन्न पाठ्यक्रम की सम्बद्धता ली है, लेकिन एमबीए पाठ्यक्रम की सम्बद्धता राजीव गांधी तकनीकी विवि से ली है। बैठक में तय हुआ कि अपने क्षेत्र के कॉलेजों को संबंधित विवि सम्बद्धता देंगे। भोपाल में संचालित भोज विवि में पीएचडी फिर शुरू हो सकेगी। नियमों के तहत विवि को नियमित मोड में पीएचडी करानी होगी। बैठक में विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों की भी स्वीकृति दी गई है।