अब सौर ऊर्जा से रोशन होंगे मप्र के गांव

  • ऊर्जा विकास निगम 513 गांवों में लगाएगा सोलर पैनल

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
बिजली कंपनियों की महंगी बिजली से निजात पाने ग्राम पंचायतें अब सौर ऊर्जा का सहारा लेंगी। मप्र के गांवों को रोशन करने के लिए ग्राम पंचायतों में सोलर पैनल लगाए जाएंगे। इसका काम सरकार ने ऊर्जा विकास निगम को सौंपा है। ऊर्जा विकास निगम ने प्रदेश के 513 गांवों को सौर ऊर्जा से रोशन करने की तैयारी शुरू कर दी है। इन गांवों में सोलर पैनल लगाए जाएंगे। इन सोलर पैनल से ही गांवों की सडक़ें रोशन होंगी।
दरअसल,  शहरों के साथ ही प्रदेश के गांवों को सोलर की बिजली से रोशन करने की तैयारी है। अब सरकार गांव-गांव तक सस्ती बिजली उपलब्ध कराने की तैयारी में है। इसके चलते ग्राम पंचायतों में सोलर पैनल लगाए जाएंगे। इसका काम सरकार ने ऊर्जा विकास निगम को सौंपा है। ऊर्जा विकास निगम ने प्रदेश के 513 गांवों को सौर ऊर्जा से रोशन करने की तैयारी शुरू कर दी है। इन गांवों में 5180 स्ट्रीट लाइट लगाई जाएंगी। सोलर एनर्जी को लेकर प्रदेशभर में अभियान चल रहा है। कोयले से बनने वाली बिजली की निर्भरता को धीरे-धीरे कम किया जा रहा है। पीएम सूर्य घर योजना के तहत सब्सिडी दी जा रही है। इसके तहत तीनों बिजली कंपनियां सोलर पैनल लगा रही हैं। प्रदेशभर में सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं। अब गांवों को भी सोलर की बिजली से रोशन करने की तैयारी शुरू हो गई है। पहले चरण में प्रदेश के 28 जिलों की 513 ग्राम पंचायतों और गांवों को चुना गया है। किस गांव में कितनी स्ट्रीट  लाइट लगाई जानी है, इसका सर्वे भी हो चुका है। अब संबंधित गांवों में स्ट्रीट लाइट लगाए जाने का काम शुरू हो रहा है।
बिजली बिल का भार होगा कम
सोलर से स्ट्रीट लाइट जलने से ग्राम पंचायतों पर बिजली का बिल जमा करने का भार भी नहीं आएगा। इससे गांव भी रात में शहरों की तरह रोशनी से जगमगाएंगे। प्रदेश में पीएम सूर्य घर योजना के तहत भी प्लांट लगाए जा रहे हैं। गौरतलब है कि मप्र में बिजली की डिमांड लगातार बढ़ रही है। इसकी पूर्ति के लिए निजी सेक्टर से बिजली खरीदना पड़ रही है। बिजली की बढ़ती डिमांड की पूर्ति के लिए सोलर बिजली परियोजनाओं को बढ़ाया जा रहा है। दरअसल सोलर से बनने वाली बिजली थर्मल की बिजली सस्ती पड़ती है और प्रदूषण भी नहीं होता है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार पीएम सूर्य घर योजना के तहत सब्सिडी भी उपलब्ध करा रही है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को सोलर प्लांट लगाए जाने के टारगेट दिए हैं। इसके तहत मप्र की तीनों बिजली कंपनियां अपने कार्यक्षेत्र में सोलर प्लांट लगाने का काम कर रही है। इसके साथ ही अब पंचायत स्तर पर भी सोलर प्लांट लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
लगेंगे 15 किलोवॉट के सोलर प्लांट
तीनों बिजली कंपनियों के कार्यक्षेत्र में 400 मेगावॉट से ज्यादा बिजली उत्पादन क्षमता के सोलर प्लांट लग चुके हैं। इससे बिजली का उत्पादन भी अब मप्र में बढ़ गया है। सोलर से पैदा होने वाली सस्ती बिजली की क्षमता लगातार बढ़ रही है। दरअसल प्रदेश में बिजली की डिमांड 18 हजार मेगावॉट को क्रॉस कर चुकी है। इसको देखते हुए बिजली उत्पादन भी बढ़ाया जा रहा है। अगले तीन से चार साल में प्रदेश की बिजली उत्पादन क्षमता को 30 हजार मेगावॉट से ऊपर करने का टारगेट है। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा अभी भोपाल जिले की चार ग्राम पंचायतों के लिए टेंडर जारी किए गए है। इन पंचायतों में 4 से 5 महीने में 15 किलोवॉट के सोलर प्लांट स्थापित हो जाएंगे। इन सोलर प्लांट से एक महीने में 1800 से 2000 यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। गांव-गांव तक सस्ती बिजली पहुंचाने के लिए यह पहल की गई है। अभी ग्राम पंचायत मुगालिया छाप, नजीराबाद, गुनगा, ललरिया और धमर्रा ग्राम पंचायत में 15 किलोवॉट के रूफटॉप सोलर पॉवर प्लांट लगाए जाने के टेंडर जारी हुए है।
सोलर एनर्जी का उत्पादन 10 गुना बढ़ा
प्रदेश में सोलर रूफटॉप योजनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके तहत रेस्को और ईपीसी मोड पर लगभग 53 मेगावॉट क्षमता के संयंत्र स्थापित किए जा चुके है। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत प्रदेश के सरकारी भवनों में इस तरह के सोलर प्लांट लगाए जा रहे हैं। पिछले दस साल में प्रदेश में सोलर एनर्जी का उत्पादन 10 गुना तक बढ़ गया है। अगले पांच साल में 14 हजार मेगावॉट के नए सोलर प्लांट लगाने का टारगेट सरकार ने तय किया है। इसके तहत सर्व का काम भी पूरा हो चुका है। प्रदेश में साल 2012 में नवकरणीय ऊर्जा की उत्पादन क्षमता 438.01 मेगावॉट थी। साल 2024 उत्पादन क्षमता बढकऱ 7300 मेगावॉट हो गई है। यानी नवकरणीय ऊर्जा में 10 गुना तक का इजाफा हुआ है। इसमे सोलर एनर्जी 4096.98 मेगावॉट है। वही पवन ऊर्जा 2870.35 मेगावॉट और बायोमास में 108 मेगावॉट और जल परियोजनाओं से उत्पादन होने वाली बिजली 123.91 मेगावॉट है। 

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