अब आईएएस के… तबादले की बारी

  • मंत्रालय से मैदानी स्तर तक होंगे बदलाव

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
मप्र में आज से तबादलों पर बैन लग सकता है।  इसके साथ ही आईएएस और आईपीएस के तबादले शुरू होंगे। जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार जल्द ही प्रशासनिक अमले में फेरबदल करने जा रही है। गृह विभाग द्वारा हाल में किए गए आईपीएस तबादलों के बाद अब आईएएस अधिकारियों के तबादलों की तैयारी अंतिम चरण में है। यह बदलाव मंत्रालय स्तर से लेकर जिलों तक देखने को मिल सकते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मुख्य सचिव अनुराग जैन के साथ बैठक कर तबादलों की सूची पर चर्चा कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री बड़े पैमाने पर फेरबदल के मूड में नहीं हैं, लेकिन जिन पदों पर नियुक्तियां बेहद जरूरी हैं, वहां बदलाव जल्द किए जाएंगे। सचिव स्तर के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के दायित्वों में भी फेरबदल संभव है।
दतिया जिले में कलेक्टर संदीप माकिन के सेवानिवृत्त होने के बाद से यह पद रिक्त है। वर्तमान में जिला पंचायत के सीईओ को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है, लेकिन जल्द ही नियमित नियुक्ति की संभावना है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुखवीर सिंह और वरिष्ठ आईएएस संजीव कुमार झा की नई पदस्थापनाओं को लेकर भी निर्णय जल्द लिया जा सकता है। लोक निर्माण विभाग जैसे बड़े और अहम विभाग में अब तक कोई स्थायी प्रमुख नहीं है। अब पूर्णकालिक अधिकारी को नियुक्त किया जा सकता है।  इसके अलावा राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की भी नवीन पदस्थापना की जा सकती है, खासकर उन जिलों में जहां प्रशासनिक गति प्रभावित है या कुशल नेतृत्व की आवश्यकता है।
 बदले जाएंगे कई कलेक्टर
कर्मचारियों की तबादला अवधि समाप्त होने के बाद केवल मुख्यमंत्री समन्वय के माध्यम से ही तबादले हो सकेंगे। अब आईएएस और आइपीएस अधिकारियों के तबादले किए जाएंगे। इसमें कलेक्टर से लेकर अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी शामिल रहेंगे। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव सूची को अंतिम रूप देने के लिए एक-दो दिन में मुख्य सचिव अनुराम जैन और पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा के साथ बैठक करेंगे। सूत्रों के अनुसार डिंडौरी सहित अन्य जिलों के कलेक्टर बदले जा सकते हैं। डिंडौरी कलेक्टर नेहा मराव्या को लेकर स्थानीय स्तर पर असंतोष है। अधीनस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों से उनका तालमेल नहीं बन पा रहा है, जिसके कारण काम भी प्रभावित हो रहा है। वहीं, कुछ कलेक्टरों को सरकार बड़ी जिम्मेदारी देना चाहती है इसलिए उन्हें नई पदस्थापना दी जा सकती है। मंत्रालय में भी जिन अधिकारियों के पास अधिक दायित्व हैं, उनसे लेकर दूसरों को दिए जा सकते हैं। लोक निर्माण विभाग में अभी कोई पूर्णकालिक अधिकारी नहीं है। ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई के पास अतिरिक्त प्रभार है। जबकि, यहां हजारों करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट चल रहे हैं। उधर, राज्य सरकार ने अनुरोध करके चुनाव आयोग से सुखवीर सिंह की सेवाएं वापस ले ली हैं। वे प्रदेश में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी थे। उनके स्थान पर संजीव कुमार झा को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी बनाए जाने पर आयोग ने सहमति दी है। इसी तरह पुलिस अधिकारियों के भी तबादले होने हैं। नर्मदापुरम पुलिस अधीक्षक गुरुकरण सिंह वर्ष 2021 से पदस्थ हैं। कुछ अन्य अधिकारियों को एक स्थान पर पदस्थ रहते दो वर्ष या उससे अधिक समय हो चुका है। इन सभी को शामिल करते हुए सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा।
वरिष्ठ अधिकारियों का बदलेगा प्रभार
मंत्रालयीन सूत्रों का कहना है कि नई तबादला सूची में अतिरिक्त प्रभार वाले अफसरों को राहत दी गई है। यानी जिन अफसरों के पास एक से अधिक विभाग हैं, उनसे अन्य विभाग लेकर दूसरे अफसरों को जिम्मेदारी दी जाएगी। वर्तमान समय में कई अफसरों के पास अतिरिक्त प्रभार है। अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा के पास एसीएस जल संसाधन विभाग का अतिरिक्त प्रभार है। अपर मुख्य सचिव ऊर्जा नीरज मंडलोई के पास लोक निर्माण जैसे बड़े विभाग का अपर मुख्य सचिव का अतिरिक्त प्रभार है। मंडलोई की लोक निर्माण विभाग में बहुत ज्यादा रुचि नहीं है। वे सिर्फ रुटीन की फाइलें ही आगे बढ़ाते है। अपर मुख्य सचिव वन अशोक वर्णवाल के पास सहकारिता का अतिरिक्त प्रभार, अपर मुख्य सचिव नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मनू श्रीवास्तव के पास खेल एवं युवा कल्याण का अतिरिक्त प्रभार, अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन संजय दुबे के पास साइंस एवं टेक्नोलॉजी का अतिरिक्त प्रभार, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन के पास संसदीय कार्य व उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग का अतिरिक्त प्रभार है। ऐसे ही अपर मुख्य सचिव नगरीय विकास एवं आवास संजय शुक्ला के पास विमानन का अतिरिक्त प्रभार, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा संदीप यादव के पास आयुक्त खाद्य सुरक्षा का अतिरिक्त प्रभार है।

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